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राज्य स्थापना दिवस पर फसाड लाइटों से जगमगाया डोबरा चांठी पुल, पर्यटकों का लगा जमावड़ा

डोबरा चांठी पुल में लगे फसाड लाइट को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम लगने लगा है. 42 किलोमीटर की विशालकाय झील पर बना भारत का सबसे लंबा सस्पेंशन मोटरेबल झूला पुल डोबरा-चांठी पूरी तरह से आम जनता के लिए खोल दिया गया है.

टिहरी
फसाड लाइट बनी आकर्षण का केंद्र
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Published : Nov 9, 2020, 9:13 PM IST

Updated : Nov 9, 2020, 9:26 PM IST

टिहरी: बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 8 नंवबर को शुभारंभ किया. अपनी डिजाइन और लाइटिंग की वजह से यह पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पुल में करोड़ों रुपए की लागत से एडवांस तकनीकी वाली फसाड लाइट लगाई गई है, जो लाइटिंग थीम पर जलती-बुझती है. यही वजह है कि फसाड लाइटिंग स्थानीय और पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा हैं.

फसाड लाइट बना आकर्षण का केंद्र

डोबरा चांठी पुल में लगे फसाड लाइट को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम लगने लगा है. बता दें कि डोबरा-चांठी पुल पर साढ़े 5 करोड़ रुपये की लागत से पुल को फसाड लाइट से सजाया गया है. क्योंकि, फसाड लाइट कोलकाता के हावड़ा ब्रिज की तर्ज पर लगाई गई है, जिसमें रंग-बिरंगी जगमगाती लाइटें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. 42 किलोमीटर की विशालकाय झील पर बना भारत का यह सबसे लंबा सस्पेंशन मोटरेबल झूला है, जिसे आम जनता के लिए खोल दिया गया है. आम लोगों और पर्यटकों की आवाजाही से डोबरा क्षेत्र में रौनक बढ़ गई है.

फसाड लाइट बनी आकर्षण का केंद्र

14 साल में बना डोबरा चांठी पुल

लगभग 14 साल बाद तीन अरब रुपये की लागत से बना प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला डोबरा-चांठी पुल पूरे शबाब पर है. पुल दिन आम लोगों के साथ टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है तो वहीं, रात को फसाड लाइटों से जगमगाते इस पुल पर स्थानीय सहित टूरिस्टों की आवाजाही देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें: 12 नवंबर को CM करेंगे जानकी सेतु का लोकार्पण, 48.85 करोड़ की लागत से हुआ तैयार

पुल पर सेल्फी लेने वालों का लगा तांता

डोबरा-चांठी पुल के साथ लोगों की फोटो से सोशल मीडिया भी पटी पड़ी हैं. जिला प्रशासन ने भी डोबरा में वेंडिग जोन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. आने वाले समय में व्यवसायिक गतिविधियां भी यहां पर बढ़ने की उम्मीदें हैं. ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला व जिला पंचायत सदस्य जयवीर रावत ने टिहरी एवं चंबा से डोबरा तक जाने वाले सभी सड़कों की चौड़ीकरण के साथ ब्लाइंड मोड़ को दुरुस्त करने की मांग की है.

डोबरा-चांठी पुल के निर्माण में खर्च हुए तीन अरब रुपये
डोबरा-चांठी वासियों की समस्याओं को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार में इस पुल को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा था. कई सालों से निर्माणाधीन पुल के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एकमुश्त बजट जारी किया. जिसका परिणाम जनता के सामने है. इस पुल की क्षमता 16 टन भार सहन करने की है और इसकी उम्र करीबन 100 साल तक बताई जा रही है. इस पुल की चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है. इसके निर्माण में करीब 3 अरब रुपये खर्च हुए हैं.

टिहरी: बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 8 नंवबर को शुभारंभ किया. अपनी डिजाइन और लाइटिंग की वजह से यह पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पुल में करोड़ों रुपए की लागत से एडवांस तकनीकी वाली फसाड लाइट लगाई गई है, जो लाइटिंग थीम पर जलती-बुझती है. यही वजह है कि फसाड लाइटिंग स्थानीय और पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा हैं.

फसाड लाइट बना आकर्षण का केंद्र

डोबरा चांठी पुल में लगे फसाड लाइट को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम लगने लगा है. बता दें कि डोबरा-चांठी पुल पर साढ़े 5 करोड़ रुपये की लागत से पुल को फसाड लाइट से सजाया गया है. क्योंकि, फसाड लाइट कोलकाता के हावड़ा ब्रिज की तर्ज पर लगाई गई है, जिसमें रंग-बिरंगी जगमगाती लाइटें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. 42 किलोमीटर की विशालकाय झील पर बना भारत का यह सबसे लंबा सस्पेंशन मोटरेबल झूला है, जिसे आम जनता के लिए खोल दिया गया है. आम लोगों और पर्यटकों की आवाजाही से डोबरा क्षेत्र में रौनक बढ़ गई है.

फसाड लाइट बनी आकर्षण का केंद्र

14 साल में बना डोबरा चांठी पुल

लगभग 14 साल बाद तीन अरब रुपये की लागत से बना प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला डोबरा-चांठी पुल पूरे शबाब पर है. पुल दिन आम लोगों के साथ टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है तो वहीं, रात को फसाड लाइटों से जगमगाते इस पुल पर स्थानीय सहित टूरिस्टों की आवाजाही देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें: 12 नवंबर को CM करेंगे जानकी सेतु का लोकार्पण, 48.85 करोड़ की लागत से हुआ तैयार

पुल पर सेल्फी लेने वालों का लगा तांता

डोबरा-चांठी पुल के साथ लोगों की फोटो से सोशल मीडिया भी पटी पड़ी हैं. जिला प्रशासन ने भी डोबरा में वेंडिग जोन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. आने वाले समय में व्यवसायिक गतिविधियां भी यहां पर बढ़ने की उम्मीदें हैं. ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला व जिला पंचायत सदस्य जयवीर रावत ने टिहरी एवं चंबा से डोबरा तक जाने वाले सभी सड़कों की चौड़ीकरण के साथ ब्लाइंड मोड़ को दुरुस्त करने की मांग की है.

डोबरा-चांठी पुल के निर्माण में खर्च हुए तीन अरब रुपये
डोबरा-चांठी वासियों की समस्याओं को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार में इस पुल को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा था. कई सालों से निर्माणाधीन पुल के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एकमुश्त बजट जारी किया. जिसका परिणाम जनता के सामने है. इस पुल की क्षमता 16 टन भार सहन करने की है और इसकी उम्र करीबन 100 साल तक बताई जा रही है. इस पुल की चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है. इसके निर्माण में करीब 3 अरब रुपये खर्च हुए हैं.

Last Updated : Nov 9, 2020, 9:26 PM IST
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