टिहरी: मौसम मेहरबान हुआ तो टिहरी में पर्यटकों को जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. शुक्रवार को मैदानी क्षेत्रों से घूमने आए लोगों ने टिहरी झील में बोटिंग, पैरासेलिंग और वाटर स्कूटी का लुत्फ उठाया. इस दौरान पर्यटकों ने कहा कि जब भी बच्चों की छुट्टी हो तो बच्चों को टिहरी झील घुमाने के लिए जरूर लाएं. दिल्ली और मेरठ से आए पर्यटकों ने बताया कि टिहरी झील पर आकर पूरे परिवार के साथ बोटिंग का आनंद लिया है. टिहरी झील का वातावरण बेदह सुकून देने वाला है.
बता दें, टिहरी बांध की झील साल 2005 में भरनी शुरू हो गई थी. उसके 10 साल तक टिहरी झील में किसी तरह की एक्टिविटी नहीं हुई. कोटी कालोनी सहित आसपास के बेरोजगार युवक अपने संसाधनों से बोट आदि लाए. टिहरी झील में कारोबार शुरू किया. जैसे जैसे यह पर्यटक बढ़ने लगा तो उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग अपनी योजनाओं को टिहरी झील में लाया, जिससे लोगों को रोजगार भी मिलने लगा.
टिहरी झील में बोटिंग का आनंद लेने के लिए लोग कोटी कॉलोनी पहुंचे हैं. यहां पर उन्हें सभी तरह की वाटर एक्टिविटी करने को मिलती है. टिहरी झील का जलस्तर 830 आरएल मीटर तक भरने की अनुमति है. साथ ही टिहरी डैम टॉप से 2 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह की एक्टिविटी पर पाबंदी है. संवेदनशीलता को देखते हुए टिहरी डैम की सुरक्षा सीआईएसएफ के अधीन है.
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टिहरी झील में पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क मार्ग से सबसे पहले ऋषिकेश, चंबा, नई टिहरी कोटी कॉलोनी पहुंचना पड़ता है. ऋषिकेश से कोटी कॉलोनी की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है. टिहरी जिले में घूमने वाले स्थान, कुंजापुरी मंदिर, टिहरी डैम, टिहरी झील, झील के ऊपर बना मदन नेगी ट्रॉली, धनौल्टी, सुरकंडा मंदिर, सुरकंडा रोप वे, सेम मुखेम, बूढ़ाकेदार मंदिर, चन्द्रबदनी मंदिर, देवप्रयाग आदि हैं. यहां पर रहने के लिये पर्याप्त होटल हैं और ऑनलाइन होटल बुक करवा सकते हैं.