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आजाद देश में रविवार को कैद में रहते हैं यहां के लोग, नेता ही बन गए मुसीबत

टिहरी झील बनने के बाद सबसे ज्यादा समस्याएं प्रतापनगर में हुई हैं. प्रतापनगर आने-जाने के लिए नाव और रोप-वे का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन रविवार को नाव और रोप-वे बंद होने के कारण लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Apr 1, 2019, 2:25 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 6:29 PM IST

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

टिहरी: जहां एक ओर लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी वोट मांग रहे हैं. वहीं टिहरी वासियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. लोगों ने राजनैतिक और प्रशासनिक अनदेखी के आरोप लगाते हुए 10 सालों में विकास न होने की बात कही. साथ ही क्षेत्र में चिकित्सा और विस्थापन सहित अन्य तरह की समस्याओं पर चिंता जाहिर की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में ग्रामीणों ने झील के कारण शुरू हुई समस्याओं के बारे में बताया. साथ ही आवागमन से लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य, खाद्यान्न और विस्थापन तक की बात कही. लोगों ने कहा कि क्षेत्र में तमाम तरह की समस्याओं के बाद भी राजनैतिक से लेकर प्रशासनिक अमले का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय प्रत्याशी वोट मांगने तो आ जाते हैं, लेकिन जीत जाने के बाद मुड़ कर नहीं देखते. कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों की समस्याओं का निदान नहीं हो पाता, बल्कि मुसीबतें और बढ़ जाती हैं.

टिहरी झील बनने के बाद सबसे ज्यादा समस्याएं प्रतापनगर में हुई हैं. प्रतापनगर आने-जाने के लिए नाव और रोप-वे का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन रविवार को नाव और रोप-वे बंद होने के कारण लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

ग्रामीणों ने बताया कि अगर डोबरा चांठी पुल बन जाता है तो आने-जाने की समस्या से निजात मिल सकती है. इस पुल के निर्माण के लिए राजनैतिक पार्टियों ने सिर्फ इसे सियासी मुद्दा बनाया है, लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया. जिस कारण लोगों को आने-जाने में समस्या होती है, कई बार तो गंभीर हालत के मरीजों की मौत भी हो जाती है.

प्रतापनगर की प्रमुख समस्याएं....

  • 14 सालों बाद भी डोबरा चांठी पुल का निर्माण न होना.
  • 20 सालों के बाद भी टिहरी झील के आसपास के 415 परिवारों का विस्थापन न होना.
  • प्रतापनगर को 5 साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी केंद्र की पिछड़ा और ओबीसी का दर्जा न मिलना.
  • प्रतापनगर के अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव.
  • आवागमन के लिए रोडवेज बस का न होना.
  • लोगों को राशन मिलने में परेशानी होना.
  • सड़क का घटिया निर्माण होने के कारण टूट जाना.

टिहरी: जहां एक ओर लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी वोट मांग रहे हैं. वहीं टिहरी वासियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. लोगों ने राजनैतिक और प्रशासनिक अनदेखी के आरोप लगाते हुए 10 सालों में विकास न होने की बात कही. साथ ही क्षेत्र में चिकित्सा और विस्थापन सहित अन्य तरह की समस्याओं पर चिंता जाहिर की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में ग्रामीणों ने झील के कारण शुरू हुई समस्याओं के बारे में बताया. साथ ही आवागमन से लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य, खाद्यान्न और विस्थापन तक की बात कही. लोगों ने कहा कि क्षेत्र में तमाम तरह की समस्याओं के बाद भी राजनैतिक से लेकर प्रशासनिक अमले का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय प्रत्याशी वोट मांगने तो आ जाते हैं, लेकिन जीत जाने के बाद मुड़ कर नहीं देखते. कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों की समस्याओं का निदान नहीं हो पाता, बल्कि मुसीबतें और बढ़ जाती हैं.

टिहरी झील बनने के बाद सबसे ज्यादा समस्याएं प्रतापनगर में हुई हैं. प्रतापनगर आने-जाने के लिए नाव और रोप-वे का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन रविवार को नाव और रोप-वे बंद होने के कारण लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

ग्रामीणों ने बताया कि अगर डोबरा चांठी पुल बन जाता है तो आने-जाने की समस्या से निजात मिल सकती है. इस पुल के निर्माण के लिए राजनैतिक पार्टियों ने सिर्फ इसे सियासी मुद्दा बनाया है, लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया. जिस कारण लोगों को आने-जाने में समस्या होती है, कई बार तो गंभीर हालत के मरीजों की मौत भी हो जाती है.

प्रतापनगर की प्रमुख समस्याएं....

  • 14 सालों बाद भी डोबरा चांठी पुल का निर्माण न होना.
  • 20 सालों के बाद भी टिहरी झील के आसपास के 415 परिवारों का विस्थापन न होना.
  • प्रतापनगर को 5 साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी केंद्र की पिछड़ा और ओबीसी का दर्जा न मिलना.
  • प्रतापनगर के अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव.
  • आवागमन के लिए रोडवेज बस का न होना.
  • लोगों को राशन मिलने में परेशानी होना.
  • सड़क का घटिया निर्माण होने के कारण टूट जाना.
Intro:ई टीवी भारत उठा रहा है लगातार ग्रामीणों की समस्या,


एशिया की सबसे बड़ी टिहरी बांध की झील के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को लेकर प्रतापनगर के लोगो ने किया अपना दर्द बयां,
ग्रामीणों ने कहा 10 सालो से जी रहे है ग्रामीण परेशानियों मे,

किसी भी नेता ने नही ली आजतक ग्रामीणों की सुध,आज चुनाव के समय प्रत्याशी अपने मतलब के लिए पहुंच रहे है ग्रामीणों की शरण मे,आज कल याद आ रही है नेताओ को ग्रामीण,जीतने के बाद 5 साल भूल जाते है ग्रामीणों को


Body:ईटीवी भारत लगातार क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को उठा रहा है और हर दिन अलग-अलग समस्याये सामने आ रही हैं टिहरी झील के कारण प्रतापनगर को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है आवागमन से लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य से लेकर खाद्यान्न से लेकर विस्थापन से लेकर हर प्रकार की समस्याओं से परेशान हैं लेकिन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है जबकि गांव के लोगो ने लगातार अपनी समस्याओं को नेताओं के सामने रख चुके हैं 5 साल भाजपा 5 साल कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों ने राज किया लेकिन प्रताप नगर की समस्या जस की तस है इस और किसी भी नेता का ध्यान नहीं गया जब चुनाव होते हैं उस दौरान इन नेताओं को ग्रामीणों की हर समस्या दिखती है और जब यह नेता जीत के चले जाते हैं तो उसके बाद यह ग्रामीणों के दर्द को भूल जाते हैं और ग्रामीणों को कहते हैं कि आप एक पत्र दे दे अब फिर रद्दी की टोकरी में जाता है या फिर समन्धित विभाग को परंतु ग्रामीणों ने अभी तक जितने भी पत्र इन नेताओं को दिए वह पत्र रद्दी की टोकरी में ही गए अगर यह पत्र संबंधित विभाग को पहुंचते तो जरूर प्रताप नगर की समस्याओं का समाधान होता लेकिन 10 साल से अधिक का समय हो गया है प्रताप नगर की समस्याएं जस की तस बनी हुई है इसीलिए प्रतापनगर को काला पानी की सजा जैसी संज्ञा दी जाती है आज प्रताप नगर के लोग मुसीबत में है परंतु नेताओं के या समस्या नहीं दिखती जिस कारण प्रतापनगर के लोग गुस्से में हैं और प्रताप नगर की जनता इस बार मतदान को लेकर मौन है एकदम मतदान के लिए खुले मन से सबके सामने नहीं आ गए हैं इससे यही लगता है कि प्रताप नगर की जनता का मन कुछ अलग करने का है अब देखना है कि प्रताप नगर की जनता का आशीर्वाद किसको मिलता है


Conclusion:टिहरी बांध की झील बनने के बाद सबसे ज्यादा समस्याएं प्रताप नगर को उठानी पड़ी प्रतापनगर को सबसे ज्यादा समस्याएं आने जाने के लिए है जिनको नाव और रोप वे के माध्यम से आना जाना पड़ रहा है और यहां 7 दिन में रविवार के दिन बंद रहती है अगर रविवार को कोई समस्या हो जाए तो उनको 1 दिन का इंतजार करना पड़ता है या फिर घनसाली के रास्ते टिहरी पहुंचना पड़ता है ग्रामीणों ने कहा कि अगर डोबरा चांटी पुल बन जाता तो सबसे ज्यादा आने जाने की समस्या से निजात मिलती है परंतु कांग्रेस और भाजपा की सरकार ने प्रताप नगर के लोगों के लिए बनाया जा रहा डोबरा चांठी पुल के नाम पर ग्रामीणों को छला है सबने डोबरा चांठी पुल को अपना राजनीति मुद्दा बनाया परंतु कोई भी सरकार पुल को नहीं बना पाई

टिहरी झील के ऊपर लगी टिपरी मदन नेगी रोपवे से लोग अपना आवागमन कर रहे हैं जिसमें एक समय में 12 लोग बैठ सकते हैं और यहां सुबह 8:00 बजे से शाम को 5:00 बजे तक चलती है और रविवार के दिन बंद रहती है अगर किसी को रविवार के दिन लोगों को टिहरी मुख्यालय में अपने काम करने के लिए आना पड़ता है तो और अगर काम में देरी हो गई तो लोग समय से 5:00 बजे तक वह रोप वे पर नहीं पहुंच सकते उसके बाद उनको टिहरी होटल लेकर रहना पड़ता है ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुल बन जाता तो प्रताप नगर की जनता कभी भी आ जा सकती थी लोगों ने कहा कि प्रताप नगर से टिहरी के जिला अस्पताल तक आने के लिए सुविधा ना होने से कई लोगों की रास्ते में मौत भी हो चुकी है लेकिन इस और किसी भी नेताओं का ध्यान नहीं गया नेता लोग चुनाव के समय जनता के बीच आते हैं और चले जाते हैं उसके बाद वह अपने ऐसा आराम की जिंदगी 5 साल तक जीते हैं लेकिन परेशान जनता होती है

रोप वे में बैठे लोगों ने अपना दर्द बयां कर कहा के सबसे ज्यादा नेताओं ने ग्रामीणों को छला है अगर नेता इमानदारी से प्रताप नगर के लोगों की समस्याओं का ध्यान रखते तो आज यह दिन नहीं देखने पड़ते और

कई समस्याएं हैं जिनका सरकार ने अभी तक कोई समाधान नहीं किया

1 डोबरा चांटी पुल 14 सालो से नही बना
2 टिहरी झील के कारण खतरे की जद में आये टिहरी झील के आसपास बेस 415 परिवारो का विस्थापन 20 सालो से नही हुआ
3 प्रतापनगर को 5 साल से अधिक का समय बीत गया लेकिन केंद्र की पिछडा ओबीसी का दर्जा नही मिला
4 प्रतापनगर के अस्पताओ में डॉ न होने से मरीजो को इलाज के किये बाहर जाना पड़ता है
5 प्रतापनगर आने जाने के लिए रोडवेज बस नही लगी
6 प्रतापनगर के स्कूलों व महाविद्यालय पॉलिटेक्निक में टीचर नही है
7 राशन समय पे नही मिल रही है
8 सड़को टूटी फूटी है जिनपर घटिया निर्माण हुआ है

1 टू 1 टिहरी बांध की झील के ऊपर लगी रोप वे में बैठे लोगों के साथ

इस न्यूज़ के विसुअल लाइव यु से भी भेज रहा हु सर
Last Updated : Apr 1, 2019, 6:29 PM IST
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