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गजब! 'रानी' से सब अनजान, कोई धन सिंह तो कोई किशोर उपाध्याय को बता रहा टिहरी सांसद - Lok Sabha Elections 2019

चुनाव जीतने के बाद कई सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र मुड़कर नहीं देखते जिसकी बानगी टिहरी में देखने को मिली. यहां कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने सांसद का नाम तक पता नहीं है.

टिहरी सांसद का रिपोर्ट कार्ड.
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Published : Mar 19, 2019, 12:29 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 2:02 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड मेंलोकसभा चुनाव की धुरी टिहरी सियासत के राज परिवार के ईर्द-गिर्द ही घूमती रही है. राज परिवार का राजनीति में मजबूत दखल पहले से ही चला आ रहा है, जो बदस्तूर जारी है. चाहे कोई भी चुनाव हो, इस राज परिवार का दबदबा सियासत में देखने को मिला है. अब जब लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है, जनता क्या चाहती है जानते हैं उन्हीं के जुबानी.

टिहरी सांसद का रिपोर्ट कार्ड.

गौर हो कि चुनाव जीतने के बाद कई सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र मुड़कर नहीं देखते, जिसकी बानगी टिहरी में देखने को मिली. कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने सांसद का नाम तक नहीं पता. भले ही आजादी के बाद राजशाही खत्म हो गई हो, लेकिन इनका रुतबा आज भी कायम है. आजादी के बाद इस सीट पर 18 बार वोटिंग हुई है, जिसमें टिहरी राजशाही का दबदबा रहा है. टिहरी राजशाही परिवार के लोगों ने 13 बार चुनाव लड़ा, जिसमें 11 मर्तबा राज परिवार के सदस्य ही सांसद चुने गए. इस सीट पर अब तक राजशाही परिवार का वर्चस्व रहा है.

वहीं, टिहरी सीट से महिला नेताओं में शुमार माला राज्यलक्ष्मी शाह ने 2014 में जीत हासिल की थी और वे उत्तराखंड की पहली महिला लोकसभा सांसद हैं. वर्तमान समय में भी टिहरी सीट पर माला राज्य लक्ष्मी शाह ने दावेदारी की है. ईटीवी भारत संवाददाता अरविंद नौटियाल ने जब जनता से सांसद का रिपोर्ट कार्ड जानना की कोशिश की तो कई लोगों को सांसद का नाम ही पता नहीं था. यही नहीं कई लोगों ने टिहरी के भाजपा विधायक को धन सिंह नेगी को अपना सांसद बताया तो किसी ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सांसद बताया.

इससे पता चलता है कि चुनाव जीतने के बाद सांसद कितना जनता के बीच सक्रिय रहते हैं, लोगों से जब सांसद के क्षेत्र में दौरे को लेकर पूछा गया तो किसी ने कहा एक बार और कई लोग बोले हमने सांसद को एक बार भी देखा ही नहीं. लोगों का कहना है कि सांसद दिल्ली में रहती हैं, इसलिए हम कोई शिकायत ले जाकर नहीं जा पाते. अगर उनका ऑफिस टिहरी में होता तो जनता आफिस में जाकर अपनी समस्याओं से अवगत कराती.

उन्होंने कहा कि हमारे पास दिल्ली जाने के लिए पैसे नहीं हैं. टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का राजमहल नरेंद्रनगर में है और वह कभी दिल्ली में अपने गढ़वाल हाउस और देहरादून वाले घर मे रहती हैं. जिससे क्षेत्र की जनता को उन्हें समस्याओं से अवगत नहीं करा पाती है.

टिहरी: उत्तराखंड मेंलोकसभा चुनाव की धुरी टिहरी सियासत के राज परिवार के ईर्द-गिर्द ही घूमती रही है. राज परिवार का राजनीति में मजबूत दखल पहले से ही चला आ रहा है, जो बदस्तूर जारी है. चाहे कोई भी चुनाव हो, इस राज परिवार का दबदबा सियासत में देखने को मिला है. अब जब लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है, जनता क्या चाहती है जानते हैं उन्हीं के जुबानी.

टिहरी सांसद का रिपोर्ट कार्ड.

गौर हो कि चुनाव जीतने के बाद कई सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र मुड़कर नहीं देखते, जिसकी बानगी टिहरी में देखने को मिली. कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने सांसद का नाम तक नहीं पता. भले ही आजादी के बाद राजशाही खत्म हो गई हो, लेकिन इनका रुतबा आज भी कायम है. आजादी के बाद इस सीट पर 18 बार वोटिंग हुई है, जिसमें टिहरी राजशाही का दबदबा रहा है. टिहरी राजशाही परिवार के लोगों ने 13 बार चुनाव लड़ा, जिसमें 11 मर्तबा राज परिवार के सदस्य ही सांसद चुने गए. इस सीट पर अब तक राजशाही परिवार का वर्चस्व रहा है.

वहीं, टिहरी सीट से महिला नेताओं में शुमार माला राज्यलक्ष्मी शाह ने 2014 में जीत हासिल की थी और वे उत्तराखंड की पहली महिला लोकसभा सांसद हैं. वर्तमान समय में भी टिहरी सीट पर माला राज्य लक्ष्मी शाह ने दावेदारी की है. ईटीवी भारत संवाददाता अरविंद नौटियाल ने जब जनता से सांसद का रिपोर्ट कार्ड जानना की कोशिश की तो कई लोगों को सांसद का नाम ही पता नहीं था. यही नहीं कई लोगों ने टिहरी के भाजपा विधायक को धन सिंह नेगी को अपना सांसद बताया तो किसी ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सांसद बताया.

इससे पता चलता है कि चुनाव जीतने के बाद सांसद कितना जनता के बीच सक्रिय रहते हैं, लोगों से जब सांसद के क्षेत्र में दौरे को लेकर पूछा गया तो किसी ने कहा एक बार और कई लोग बोले हमने सांसद को एक बार भी देखा ही नहीं. लोगों का कहना है कि सांसद दिल्ली में रहती हैं, इसलिए हम कोई शिकायत ले जाकर नहीं जा पाते. अगर उनका ऑफिस टिहरी में होता तो जनता आफिस में जाकर अपनी समस्याओं से अवगत कराती.

उन्होंने कहा कि हमारे पास दिल्ली जाने के लिए पैसे नहीं हैं. टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का राजमहल नरेंद्रनगर में है और वह कभी दिल्ली में अपने गढ़वाल हाउस और देहरादून वाले घर मे रहती हैं. जिससे क्षेत्र की जनता को उन्हें समस्याओं से अवगत नहीं करा पाती है.

Intro:सर सिर्फ वीडियो भेज रहा हु इसमे scrpit पहले ही भेज दी मोजो से


Body:tehri_mp_janta


Conclusion:teh
Last Updated : Mar 19, 2019, 2:02 PM IST
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