टिहरी: टिहरी झील में बनी फ्लोटिंग हट्स, बार्ज बोट, फ्लोटिंग मरीना व टिहरी लेक रिजॉर्ट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. जिसके तहत ले रोइ ग्रुप 30 साल की लीज पर इनका संचालन करेगा. शासन ने ईको हट्स और एकेडमी को छोड़कर अन्य संपत्तियों को पीपीपी मोड पर दे दिया है.
टिहरी झील को संवारने के लिए साल 2012-13 में पूर्ववर्ती सरकार ने केंद्र सरकार के मेगा प्रोजेक्ट के तहत झील में फ्लोटिंग मरीना ,पर्यटकों को ठहरने को 20 फ्लोटिंग हट्स, बार्ज बोट और थ्री स्टार टिहरी लेक रिजॉर्ट का निर्माण करवाया था. इसकी देखरेख का जिम्मा 2017 से गढ़वाल मंडल विकास निगम को दिया गया था. इसकी देखरेख पर हर साल सवा करोड़ रुपये खर्च हो रहे थे. जिसके बाद इसे पीपीपी मोड पर देने का फैसला किया गया.
ले रोइ ग्रुप हर साल सरकार को देगा सवा करोड़ रु.
टिहरी झील में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए ये जिम्मा ले रोइ ग्रुप को दिया गया है. ले रोइ ग्रुप को 30 साल के लिए लीज पर फ्लोटिंग हट्स, बार्ज बोट, फ्लोटिंग मरीना व टिहरी लेक रिजॉर्ट दिया गया है. इसके साथ ही बताया गया है कि ले रोइ ग्रुप इन सबके लिए सरकार को सवा करोड़ रुपये देगा. इसके साथ ही समय बढ़ने के साथ ही इसकी फीस में वृद्धि भी की जाएगी.
मामले में जिला साहसिक खेल अधिकारी वाई.एस यादव ने कहा कि शासन स्तर पर इनके संचालन का अनुबंध हो चुका है. ग्रुप ने इन संपत्तियों का निरीक्षण कर हैंडओवर की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. जल्द ही फ्लोटिंग हट्स, बार्ज बोट, फ्लोटिंग मरीना व टिहरी लेक रिजॉर्ट को ले रोइ ग्रुप को सौंप दिया जाएगा. ले रोइ ग्रुप दिल्ली की कंम्पनी है, जिसे 30 साल की लीज पर ये दिया गया है.
वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सूरज राणा ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा सरकार सभी सरकारी संस्थाओं को प्राइवेट सेक्टर को दे रही है. जिससे स्थानीय लोगों को नुकसान हो रहा है. यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार की तलाश में बाहर जाना पड़ रहा है.