टिहरी: टिहरी झील के किनारे बसे उप्पू गांव में ग्रामीणों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. उप्पू गांव में जमीन में दरार पड़ने से ग्रामीणों की खेती की जमीन बर्बाद हो गई है. जिसके बाद ग्रामीणों के लिए जीवन-यापन करना मुश्किल हो गया है और वे अब खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में कई बार शिकायत की जा चुकी है. जिसके बाद भी जिला प्रशासन, उत्तराखंड सरकार और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि झील के आसपास कई जगहों पर दरार पड़ने लगी है, जिसके बाद उन्होंने खेती करना बंद कर दिया है.
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ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी झील के आसपास के गांवों में लगातार भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. पुनर्वास विभाग और टिहरी बांध परियोजना की तरफ से अभी तक ग्रामीणों का पुनर्वास नहीं किया गया और न ही जमीनों का मुआवजा दिया गया. उप्पू गांव के लोगों का कहना है कि अगर उन्हें जल्द ही मुआवजा राशि नहीं दी गई तो वे धरना- प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
वहीं, जिला अधिकारी डॉ. वी षणमुगम का कहना है कि इस मामले में प्रभावित लोगों के लिए जमीन ढूंढने का काम किया जा रहा है. जमीन मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.