टिहरी: टिहरी बांध परियोजना और एनएचपीसी के सीएमडी आरके विश्नोई ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की. इसी बीच विश्नोई ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विशाल अप्रयुक्त जलविद्युत क्षमता के दोहन के लिए मेगा जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल राष्ट्रीय ऊर्जा और जल सुरक्षा में योगदान मिलेगा, बल्कि यह सामाजिक विकास और समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन मानदंड प्राप्त करने का लक्ष्य: आरके विश्नोई ने बताया की भारत सरकार ने 2070 तक निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन मानदंड प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. इस मिशन में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, क्योंकि इस केंद्र शासित प्रदेश की कुल जलविद्युत क्षमता लगभग 20 गीगावाट है. उन्होंने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और एनएचपीसी जल विद्युत क्षेत्र में प्रमुख रूप से कार्य कर रहे हैं और ये जल विद्युत के कुशल और आर्थिक दोहन के लिए सबसे उपयुक्त स्थिति में है.
उपराज्यपाल ने एनएचपीसी के कार्यों की सराहना: विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और एनएचपीसी पहले से ही देश के विभिन्न हिस्सों में मेगा हाइड्रो परियोजनाओं का सफलतापूर्वक प्रचलन कर रहे हैं. दोनों कंपनियों को जल विद्युत के सभी क्षेत्रों में मेगा हाइड्रो परियोजनाओं का निर्माण, प्रचलन और अनुरक्षण में अत्याधुनिक विशेषज्ञता हासिल की है.
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नई जलविद्युत परियोजनाओं की खोज में मदद का दिया भरोसा: विश्नोई को आगामी परियोजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन के लिए जम्मू-कश्मीर के प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों की ओर से सभी प्रकार का समर्थन और नई जलविद्युत परियोजनाओं की खोज और दोहन में मदद का आश्वासन दिया है. वहीं, उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए एनएचपीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की.
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