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पीपीपी मोड पर टिहरी का जिला अस्पताल, इलाज के लिए भटक रहे मरीज

जिला अस्पताल बौराड़ी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) पर दिये जाने की कार्रवाई के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं. स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट और प्रदेश सरकार के बीच तालमेल नहीं होने से मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है.

जिला अस्पताल बौराड़ी, टिहरी
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Published : Feb 5, 2019, 9:09 PM IST

टिहरीः जिला अस्पताल बौराड़ी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) पर दिये जाने की कार्रवाई के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं. स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट और प्रदेश सरकार के बीच तालमेल नहीं होने से मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है. बीते जनवरी में पीपीपी मोड पर अस्पताल का संचालन शुरू किया जाना था, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सुविधा नहीं मिलने से मरीज शहर के अन्य अस्पतालों की ओर रुख करने को मजबूर हैं.


बता दें कि बीते जनवरी से पहले तक जिला अस्पताल बौराड़ी का संचालन राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन था. इस दौरान अस्पताल में विभाग के 28 डॉक्टर के साथ करीब 115 कर्मचारी और स्टाफ कार्यरत थे, लेकिन स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के अधीन किए जाने के बाद वे भी असमंजस की स्थिति में हैं. साथ ही सरकार ने यहां पर तैनात कई डॉक्टरों को रिलिव कर दिया है. पहले यहां पर इलाज करवाने के लिए जिले के प्रतापनगर, घनसाली, छाम, कोटेश्वर, जाखणीधार, चंबा और अन्य क्षेत्रों से मरीज पहुंचते थे. साथ ही मरीजों का ऑपरेशन से लेकर पूरा इलाज सुचारू रूप से होता था, लेकिन अब पीपीपी मोड पर दिये जाने से हालात बदतर हो गए हैं. मरीजों को इलाज के लिए देहरादून, ऋषिकेश, दिल्ली समेत अन्य अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

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जानकारी देते स्थानीय लोग और सीएमएस डॉ. अर्चना.
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स्थानीय निवासियों और मरीजों का कहना है कि जिला अस्पताल को स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के अधीन किए जाने से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय निवासी राकेश राणा ने बताया कि अभी तक सरकार के हाथ में होने से मरीजों को इलाज कराने में सुविधा मिल रही थी. साथ ही कहा कि अस्पताल के हालात नहीं सुधरे तो आगामी लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.


वहीं, स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के पीपीपी मोड सचांलन अधिकारी विश्वास बिष्ट ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार के बीच बीते 8 नवबंर 2018 को MOU साइन होने के बाद 14 जनवरी 2019 से इसका संचालन होना था. लेकिन सरकार की गैर जिम्मेदाराना रवैया से बौराड़ी अस्पताल का संचालन पीपीपी मोड पर नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि मार्च-अप्रैल तक संचालन शुरू हो सकेगा. साथ ही कहा कि अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है.

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मामले पर सीएमएस डॉ. अर्चना का कहना है कि वे अभी भी मरीजों का इलाज कर रहीं हैं, लेकिन जब से पीपीपी मोड पर दिये जाने की कार्रवाई कि गई तभी से मरीजो में असमंजस की स्थिति है.


बता दें कि विश्व बैंक के फंड की 100 करोड़ की लागत से चार साल के लिये जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपीपी मोड पर स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट को दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जहां पर भी अस्पतालों को पीपीपी मोड पर दिए हैं, वहां पर उनका संचालन असफल ही रहा है.

टिहरीः जिला अस्पताल बौराड़ी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) पर दिये जाने की कार्रवाई के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं. स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट और प्रदेश सरकार के बीच तालमेल नहीं होने से मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है. बीते जनवरी में पीपीपी मोड पर अस्पताल का संचालन शुरू किया जाना था, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सुविधा नहीं मिलने से मरीज शहर के अन्य अस्पतालों की ओर रुख करने को मजबूर हैं.


बता दें कि बीते जनवरी से पहले तक जिला अस्पताल बौराड़ी का संचालन राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन था. इस दौरान अस्पताल में विभाग के 28 डॉक्टर के साथ करीब 115 कर्मचारी और स्टाफ कार्यरत थे, लेकिन स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के अधीन किए जाने के बाद वे भी असमंजस की स्थिति में हैं. साथ ही सरकार ने यहां पर तैनात कई डॉक्टरों को रिलिव कर दिया है. पहले यहां पर इलाज करवाने के लिए जिले के प्रतापनगर, घनसाली, छाम, कोटेश्वर, जाखणीधार, चंबा और अन्य क्षेत्रों से मरीज पहुंचते थे. साथ ही मरीजों का ऑपरेशन से लेकर पूरा इलाज सुचारू रूप से होता था, लेकिन अब पीपीपी मोड पर दिये जाने से हालात बदतर हो गए हैं. मरीजों को इलाज के लिए देहरादून, ऋषिकेश, दिल्ली समेत अन्य अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

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जानकारी देते स्थानीय लोग और सीएमएस डॉ. अर्चना.
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स्थानीय निवासियों और मरीजों का कहना है कि जिला अस्पताल को स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के अधीन किए जाने से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय निवासी राकेश राणा ने बताया कि अभी तक सरकार के हाथ में होने से मरीजों को इलाज कराने में सुविधा मिल रही थी. साथ ही कहा कि अस्पताल के हालात नहीं सुधरे तो आगामी लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.


वहीं, स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के पीपीपी मोड सचांलन अधिकारी विश्वास बिष्ट ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार के बीच बीते 8 नवबंर 2018 को MOU साइन होने के बाद 14 जनवरी 2019 से इसका संचालन होना था. लेकिन सरकार की गैर जिम्मेदाराना रवैया से बौराड़ी अस्पताल का संचालन पीपीपी मोड पर नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि मार्च-अप्रैल तक संचालन शुरू हो सकेगा. साथ ही कहा कि अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है.

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मामले पर सीएमएस डॉ. अर्चना का कहना है कि वे अभी भी मरीजों का इलाज कर रहीं हैं, लेकिन जब से पीपीपी मोड पर दिये जाने की कार्रवाई कि गई तभी से मरीजो में असमंजस की स्थिति है.


बता दें कि विश्व बैंक के फंड की 100 करोड़ की लागत से चार साल के लिये जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपीपी मोड पर स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट को दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जहां पर भी अस्पतालों को पीपीपी मोड पर दिए हैं, वहां पर उनका संचालन असफल ही रहा है.

टिहरी                   पैकेज न्यूज

रिर्पोट अरबिन्द नोटियाल 9410106899

 

स्लग hospital me marij paresan

 

स्लग के नाम से एफटीपी मे न्यूज भेजी हे।ं

 

एंकर-टिहरी जिले का सबसे बडा बौराडी जिला अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजो की सख्याा में हो रही हे कमी।

 

उत्तराखण्ड सरकार और स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट के बीच तालमेल ना होने के कारण इस अस्पताल में इलाज करवाने के लिये रहे मरीजो को परेशानियो का सामना करना पड रहा हे जिससे मरीजो की सख्याा में रही हे कमी।

 

बीओ-1 आपको बता दे कि 2019 जनवरी से पहले जिला अस्पताल बौराडी का संचालन उत्तराखण्ड सरकार के स्वास्थ्य बिभाग के द्धारा किया जा रहा था और इस दौरान इस अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजो की सख्या में बढोत्तरी हो रही थी क्योकि यह पर स्वास्थ्य बिभाग के द्धारा 28 डाक्टर के साथ साथ लगभग 115 अधिकारियो और कर्मचारियो का स्टाफ  कार्यारत थे जिससे जिले के प्रतापनगर घनसाली छाम कोटैश्वर जाखणीधार चम्बा के आस पास के सभी मरीज अपने इलाज के लिये बौराडी अस्पताल में आते थे जहा पर डाक्टरो के द्धारा मरीजो का आपरेशन से लेकर पूरा इलाज सुचारू रूप से होता था जिससे मरीज खुश होकर अपने घर चला जाता था

 

बीओ-2 स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट के पीपीमोड पर सचांलन करने वाले अधिकारी बिश्वस्त बिष्ट ने सीधे उत्तराखण्ड सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार के द्धारा 8 नवम्बर 2018 को एएमयू साइन होने थे लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण  हम लोग बौराडी अस्पताल का सचालन 14 जनवरी 2019 नही कर सकें। जिससे अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजो को परेशानियो का सामना करना पड रहा हे साथ ही विश्व बैंक का लगभग 108 करोड का प्रोजेक्ट था जिसमें 100 करोड की लागत से 4 साले के लिये नई टिहरी का जिला अस्पताल बौराडी को पीपीमोड में स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट को दिया गया हे।

 

बीओ-3 नई टिहरी के स्थानीय ब्यक्ति और अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीजो का कहना हे कि जब से इस अस्पताल को स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट को पीपीमोड पर दैने की कार्यावाही की गई तब से इस अस्पताल की हालत बद से बदत्तर हो गई हे इससे अच्छा तो पहले था जब सरकार इसे खुद चला रही थी। इनका कहना हे कि कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले लोकसभा के चुनाव में जनता अपना जबाव देगी। अभी भी सरकार के पास मौका हे कि इस अस्पताल को सरकार खुद सचालन करें।

 

बीओ-4 बौराडी अस्पताल के सीएमएस डाक्टर अर्चना का कहना हे कि हम अभी भी मरीजो का इलाज कर रहे हे लेकिन जब से पीपीमोड में दिये जाने की बात चल रही हे जिससे मरीजो में असमंजस की स्थिति पैदा हुई हे।

 

 

बीओ-5 स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट को पीपीमोड में दिये जाने को लेकर कार्यावाही शुरू हुई तो इस अस्पताल में इलाज करवाने के लिये रहे मरीजो को परेशानियो का सामना करना पड रहा हे जबकि स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट के अधिकारियो ने कहा था कि पहले 14 जनवरी 2019 को पूरा अस्पताल को अपने अधीन कर लैगें लेकिन स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जोलीग्रान्ट  की लापरवाही के कारण को 14 जनवरी 2019 को अपने अण्डर में कर सकी। और अब 4 अप्रैल के लगभग अपने अण्डर करने की बात कह रही हे

 

फाइनल बीओ - जिला अस्पताल बौराडी में अभी तक मरीज अंसमजस की स्थिति में हे। साथ ही यह पर काम करने वाले सरकारी डाक्टर भी कि आने वाले समय में यह पर काम करने वाले डरक्टरो का क्या होगा ओर कहा काम करेंगें।

 

वन टू वन अरबिन्द नोटियाल

बाइट 1 बिक्रम सिह मरीज

बाइट 2 राकेश राणा स्थानीय व्यक्ति

बाइट 3 डा0 अर्चना सीएमएस बौराडी

 

सर इसमे पूरी बाइट लगाना वन टू वन के साथ

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