प्रतापनगर: लगातार बारिश के बाद क्षेत्र के नदी नालों में पानी बढ़ गया, जिस कारण पिपलोगी गांव में बड़ा बरसाती गदेरा उफान पर आ गया था. इस गदेरे के उफान पर आने से गांव को जोड़ने वाला 50 साल पुराना एक पुल बह गया. हालांकि, इस गदेरे में पानी के कम होने के बाद स्थानीय लोगों के साथ स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान न होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. प्रताप नगर के पिपलोगी गांव में 3 दिन की लगातार बारिश के कारण 18 अगस्त को गदेरे उफान पर आ गए थे.
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ग्रामीणों ने बताया कि गांव ऐसी जगह पर बसा हुआ है, जिसके नीचे जलकुर नदी, दाएं और बाएं से बरसाती गदेरे और गांव के ठीक ऊपर एक बड़ा पहाड़ है. सन 1991 में आए विनाशकारी भूकंप में इस पहाड़ में बड़ी दरारें पड़ गईं थीं, जिस कारण गांव में आज भी दहशत का माहौल बना हुआ है.
आपदाओं के कारण ग्रामीण वर्षों से गांव को विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने एक बार भूगर्भीय टीम को गांव में भेजकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं, स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर गदेरे को पार कर रहे हैं.