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मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का टोटा, इलाज के लिए परेशान मरीज

गढ़वाल क्षेत्र के चार जिलों का सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को माना जाता है. लेकिन वर्तमान में इस अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का टोटा है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Nov 29, 2019, 6:36 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 6:49 PM IST

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मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का टोटा

श्रीनगर: मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं. ये हॉस्पिटल पिछले काफी समय से डाक्टरों की कमी झेल रहा है, जिससे आने वाले मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अस्पताल में साफ-सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बता दें कि गढ़वाल क्षेत्र के चार जिलों का सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को माना जाता है. ये क्षेत्र का एक मात्र मेडिकल कॉलेज होने के साथ-साथ टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली का हायर सेंटर भी है. इस अस्पताल मे दूर-दराज के लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. ऐसे में मरीज की हालत गंभीर होने पर भी उसे यहीं रेफर किया जाता है. लेकिन वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है.

ये भी पढ़ें: चारधाम श्राइन बोर्ड: उत्तराखंड में घमासान शुरू, जानिए आखिर क्या रहेगा बोर्ड का स्वरूप

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी के चलते उन्हें देहरादून का रुख करना पड़ता है. ऐसे में कई मरीज बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि अगर अस्पताल की व्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त न किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

श्रीनगर: मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं. ये हॉस्पिटल पिछले काफी समय से डाक्टरों की कमी झेल रहा है, जिससे आने वाले मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अस्पताल में साफ-सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बता दें कि गढ़वाल क्षेत्र के चार जिलों का सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को माना जाता है. ये क्षेत्र का एक मात्र मेडिकल कॉलेज होने के साथ-साथ टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली का हायर सेंटर भी है. इस अस्पताल मे दूर-दराज के लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. ऐसे में मरीज की हालत गंभीर होने पर भी उसे यहीं रेफर किया जाता है. लेकिन वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है.

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वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी के चलते उन्हें देहरादून का रुख करना पड़ता है. ऐसे में कई मरीज बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि अगर अस्पताल की व्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त न किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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एंकर - मेडिकल कालेज श्रीनगर गढ़वाल से बेस अस्पताल की व्यवस्थाए पटरी से उतर चुकी है अस्पताल मे जहा गन्दगी का अम्बार लगा रहता है वही अस्पताल मे लम्बे समय से विशेषज्ञ डाक्टरो का टोटा बना हुआ है जिससे गुस्साए लोगो ने मेडिकल कालेज मे साकेतिक प्रदर्षन किया देखिये ये रिर्पोट-

विओ 1- गढवाल क्षेत्र के चार जिलों का सबसे बडा अस्पताल मेडिकल कालेज श्रीनगर को माना जाता है ये गढवाल क्षेत्र का एक मात्र मेडिकल कालेज होने के साथ साथ टिहरी, पौडी, रूद्रप्रयाग, चमोली जनपद का हायर सेन्टर है इस अस्पताल मे लोग बिमारियो से बचने के लिए आते है अगर पुरे इलाके मे कोई एक्सीडेन्टल केस हो तो उसे रेफर कर मेडिकल कालेज श्रीनगर मे भेजा जाता है लेकिन इस अस्पताल की हालत दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है अस्पताल मे लम्बे समय से सीटी स्केन मशीन खराब है टेक्नीषियनो का घोर अकाल कालेज मे है हालत इतने बुरे है की लम्बे समय से अस्पताल के पास न्युरोसर्जन, काडियोलोजिस्ट, रेडियोलोजिस्ट डाक्टर नही है।जिससे अति गम्भिर स्थिति मे मरीजो को हायर सेन्टर देहरादून भेजना पडता है। ये पुरे प्रदेश का एक मात्र ऐसा हायर सेन्टर है जहा से मरीजो को दूसरे हायर सेन्टर रेफर करना पडता है जिससे स्थानीय लोग परेषान है स्थानीय लोग व्यवस्थाए ना सुधरने पर अस्पातल को बन्द करने की बात भी कह रहे है।

विओ 2- स्थानीय लोगों को अस्पताल मे सुविधाओ की कमी के चलते देहरादून का रूख करना पडता है देहरादून जाने के बीच मे ही कई बार मरीजो को अपनी जान से हाथ भी धोना पडता है स्थानीय लोगो ने सरकार से मांग की है की अगर अस्पताल की व्यवस्थाओ को ना सुधारा गया तो स्थानीय जनता आन्दोलन के लिए बाध्य होगी।

विओ -विभोर बहुगुणा। स्थानीय

बाइट-अनिल स्वामी। स्थानीय

बाइट- ब्रिजेश नॉटियाल। व्यापार सभा अध्यक्ष श्रीकोटConclusion:
Last Updated : Nov 29, 2019, 6:49 PM IST
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