देवप्रयाग: एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट करने का विरोध कर रहे देवप्रयाग के स्थानीय लोगों को स्कूली बच्चों का समर्थन भी मिल गया है. छुट्टी के बाद स्कूली बच्चे धरनास्थल पर पहुंचकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है. उनका साफ कहना है कि एनसीसी अकादमी को पौड़ी स्थानांतरित न किया जाए.
देवप्रयाग में बीते कई दिनों से एनसीसी अकादमी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों की सख्या में लोग सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे है लोगों को कहना है कि देश की पांचवीं एनसीसी अकादमी श्रीकोट माल्डा में स्थापित करने के लिये काफी कोशिश गई थी. जिसके लिए 200 नाली भूमि ग्रामीणों ने दान भी दी थी लेकिन बीजेपी सरकार इसको पौड़ी ले गयी.
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सरकार के इस फैसले के खिलाफ स्कूली बच्चे भी सड़कों पर उतर आए हैं. बच्चे रोज स्कूल की छुट्टी के बाद आंदोलन में हिस्सा लेने धरनास्थल पहुंचते हैं. इन नैनीहालों का कहना है कि अकादमी को देवप्रयाग से शिफ्ट न किया जाए. यदि ये एनसीसी अकादमी यहां रहेगी तो क्षेत्र का विकास होगा.
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं होना चाहिए. जिस क्षेत्र में पहले ही एनसीसी अकादमी घोषणा हो चुकी है, वो वहीं पर बननी चाहिए.
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बता दें 5 दिसम्बर 2016 तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा गांव में प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया था. गांव वालों ने अकादमी के लिए 200 नाली भूमि राज्य सरकार को दान में दी थी. लेकिन बीते दोनों पौड़ी में हुई त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में एनसीसी अकादमी को देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था, तभी से इसका विरोध किया जा रहा है.