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देवप्रयाग से NCC एकेडमी शिफ्ट करने का विरोध तेज, स्कूली बच्चे भी समर्थन में उतरे

बता दें 5 दिसम्बर 2016 तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा गांव में प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया था. गांव वालों ने अकादमी के लिए 200 नाली भूमि राज्य सरकार को दान में दी थी.

देवप्रयाग
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Published : Sep 14, 2019, 7:00 PM IST

देवप्रयाग: एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट करने का विरोध कर रहे देवप्रयाग के स्थानीय लोगों को स्कूली बच्चों का समर्थन भी मिल गया है. छुट्टी के बाद स्कूली बच्चे धरनास्थल पर पहुंचकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है. उनका साफ कहना है कि एनसीसी अकादमी को पौड़ी स्थानांतरित न किया जाए.

देवप्रयाग में बीते कई दिनों से एनसीसी अकादमी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों की सख्या में लोग सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे है लोगों को कहना है कि देश की पांचवीं एनसीसी अकादमी श्रीकोट माल्डा में स्थापित करने के लिये काफी कोशिश गई थी. जिसके लिए 200 नाली भूमि ग्रामीणों ने दान भी दी थी लेकिन बीजेपी सरकार इसको पौड़ी ले गयी.

पढ़ें- इस गांव में आज तक नहीं पहुंची सड़क, मरीजों को पालकी में बैठाकर 12KM जाते हैं ग्रामीण

सरकार के इस फैसले के खिलाफ स्कूली बच्चे भी सड़कों पर उतर आए हैं. बच्चे रोज स्कूल की छुट्टी के बाद आंदोलन में हिस्सा लेने धरनास्थल पहुंचते हैं. इन नैनीहालों का कहना है कि अकादमी को देवप्रयाग से शिफ्ट न किया जाए. यदि ये एनसीसी अकादमी यहां रहेगी तो क्षेत्र का विकास होगा.

एनसीसी एकेडमी शिफ्ट करने का विरोध तेज

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं होना चाहिए. जिस क्षेत्र में पहले ही एनसीसी अकादमी घोषणा हो चुकी है, वो वहीं पर बननी चाहिए.

पढ़ें- दून मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थिएटर की बत्ती हुई गुल, रोकने पड़े ऑपरेशन

बता दें 5 दिसम्बर 2016 तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा गांव में प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया था. गांव वालों ने अकादमी के लिए 200 नाली भूमि राज्य सरकार को दान में दी थी. लेकिन बीते दोनों पौड़ी में हुई त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में एनसीसी अकादमी को देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था, तभी से इसका विरोध किया जा रहा है.

देवप्रयाग: एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट करने का विरोध कर रहे देवप्रयाग के स्थानीय लोगों को स्कूली बच्चों का समर्थन भी मिल गया है. छुट्टी के बाद स्कूली बच्चे धरनास्थल पर पहुंचकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है. उनका साफ कहना है कि एनसीसी अकादमी को पौड़ी स्थानांतरित न किया जाए.

देवप्रयाग में बीते कई दिनों से एनसीसी अकादमी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों की सख्या में लोग सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे है लोगों को कहना है कि देश की पांचवीं एनसीसी अकादमी श्रीकोट माल्डा में स्थापित करने के लिये काफी कोशिश गई थी. जिसके लिए 200 नाली भूमि ग्रामीणों ने दान भी दी थी लेकिन बीजेपी सरकार इसको पौड़ी ले गयी.

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सरकार के इस फैसले के खिलाफ स्कूली बच्चे भी सड़कों पर उतर आए हैं. बच्चे रोज स्कूल की छुट्टी के बाद आंदोलन में हिस्सा लेने धरनास्थल पहुंचते हैं. इन नैनीहालों का कहना है कि अकादमी को देवप्रयाग से शिफ्ट न किया जाए. यदि ये एनसीसी अकादमी यहां रहेगी तो क्षेत्र का विकास होगा.

एनसीसी एकेडमी शिफ्ट करने का विरोध तेज

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं होना चाहिए. जिस क्षेत्र में पहले ही एनसीसी अकादमी घोषणा हो चुकी है, वो वहीं पर बननी चाहिए.

पढ़ें- दून मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थिएटर की बत्ती हुई गुल, रोकने पड़े ऑपरेशन

बता दें 5 दिसम्बर 2016 तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा गांव में प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया था. गांव वालों ने अकादमी के लिए 200 नाली भूमि राज्य सरकार को दान में दी थी. लेकिन बीते दोनों पौड़ी में हुई त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में एनसीसी अकादमी को देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था, तभी से इसका विरोध किया जा रहा है.

Intro:Body:स्टोरी नाम - स्कूली बच्चो का आंदोलन को समर्थन

Mohan Kumar

एंकर - देवप्रयाग से एनसीसी अकादमी को शिफ्ट करना सरकार के लिए परेषानियां खड़ी कर रहा है स्थानीय जनता पिछले 63 दिनो से धरने पर डटी है स्कुल के बच्चे स्कुल की छुट््ी होने के बाद धरना देने के लिए मजबुर हो रहे है माग सिर्फ एक उनके क्षेत्र से अकादमी को पौडी स्थानान्तरित ना किया जाय। देखिये देवप्रयाग से हमारी ये रिर्पोट-

विओ 1- पूर्व हरिश रावत सरकार ने प्रदेष की पहली एनसीसी अकादमी देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा गंाव मे खोलने की तैयारी की। अकादमी का शिलान्यास 5 दिसम्बर 2016 को हरीष रावत सरकार ने किया इस कार्यक्रम मे एनसीसी महानिदेषक सहित तमाम मंत्री देवप्रयाग पहुचे। गंाव वालो ने अकादमी के लिए अपनी जमीन भी राज्य सरकार को दान मे दी लेकिन अचानल वर्तमान सरकार के एक फैसले ने देवप्रयाग के लोगो को आंदोलन करने मे मजबुर कर दिया। दरअसल वर्तमान सरकार ने अकादमी को देवप्रयाग के माल्डा गंाव मे बनाने के बजाय पौड़ी बनाने का कैबिनेट मे फैसला ले लिया जिससे अब जिन ग्रामीणो ने अपनी जमीन सरकार को दान मे दी वो आज अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।

बाइट-ग्रामीण

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विओ 2- विरोध मे मात्र ग्रामीण ही नही है। स्कूली बच्चे भी इस फैसले के विरोध मे उतर आये है बच्चे रोज स्कूल की छुट्टी होने के बाद आंदोलन को अपना समर्थन देने रोज धरना स्थल पहुंचकर देवप्रयाग से अकादमी को षिफ्ट करने का विरोध कर रहे है। इन नैनिहालो का कहना है कि अकादमी को देवप्रयाग ही बनाया जाय जिससे उनके क्षेत्र मे विकास हो सके।

बाइट-छा़त्रा

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विओ 3- स्थानीय लोगो का कहना है प्रदेष मे क्षेत्रवाद की राजनीति नही होनी चाहिए जिस क्षेत्र मे पहले घोषणा हो चुकी शिलान्यास हो चुका वहा से उस सस्थान को षिफ्ट करना सही नही है उन्होने सरकार से मंाग की कि एनसीसी अकादमी देवप्रयाग ही बननी चाहिए



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