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स्वच्छता अभियान: करोड़ों हुए खर्च फिर भी हालत जस की तस

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Published : Sep 12, 2019, 3:02 PM IST

स्वच्छता अभियान के तहत नगर पंचायत लंबगांव में सफाई व्यवस्थाओं को पटरी पर लगाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं. लेकिन बावजूद इसके हालात जस के तस बने हुए हैं.

स्वच्छता अभियान पर करोड़ों हुए खर्च फिर भी हालत जस की तस

प्रतापनगर: नगर पंचायत लंबगाव में स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है. नगर पंचायत ने 25 अगस्त को बाजार में कई जगहों पर कूड़ेदान लगाये थे. लेकिन महज 14 दिनों के बाद ही ये कूड़े दान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं, बाजार के बीचोंबीज पड़े कूड़े को हटाने की भी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

स्वच्छता अभियान को लगा पलीता.

बता दें कि स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने का ये ताजा मामला प्रतापनगर नगर के लंबगांव नगर पंचायत का है. जहां 25 अगस्त को बाजार में 20 जैविक-अजैविक कूड़े के लिए नए कूड़ेदान के स्टैंड लगाए गए थे. लेकिन मात्र 14 दिन के बाद ही सभी कूड़ेदान टूट गये. स्थानीय लोगों ने कई बार नगर पंचायत के ईओ, अध्यक्ष और एसडीएम से इसकी शिकायत भी की, लेकिन जिम्मेदारों ने इस कूड़े के ढेर को हटाने की जहमत तक नहीं उठाई. जबकि, नगर पंचायत को स्वच्छ बनाए जाने को लेकर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के बावजूद भी सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है.

आलम ये है कि नगर पंचायत की ये कवायद केवल डस्टबिन और कूड़ेदान ही खरीदने तक सिमट कर रह गई है. जबकि, नगर पंचायत में अव्यवस्थाओं का अंबार भी लगा हुआ है जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, इस मामले में ईओ का कहना है कि कूड़ेदानों को क्षति पहुंची है. उसके जिम्मेदार जानवर हैं. क्योंकि ग्रामीण अपने मवेशियों को बाजार में खुला छोड़ देते हैं. जो इस कूड़ेदानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

प्रतापनगर: नगर पंचायत लंबगाव में स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है. नगर पंचायत ने 25 अगस्त को बाजार में कई जगहों पर कूड़ेदान लगाये थे. लेकिन महज 14 दिनों के बाद ही ये कूड़े दान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं, बाजार के बीचोंबीज पड़े कूड़े को हटाने की भी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

स्वच्छता अभियान को लगा पलीता.

बता दें कि स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने का ये ताजा मामला प्रतापनगर नगर के लंबगांव नगर पंचायत का है. जहां 25 अगस्त को बाजार में 20 जैविक-अजैविक कूड़े के लिए नए कूड़ेदान के स्टैंड लगाए गए थे. लेकिन मात्र 14 दिन के बाद ही सभी कूड़ेदान टूट गये. स्थानीय लोगों ने कई बार नगर पंचायत के ईओ, अध्यक्ष और एसडीएम से इसकी शिकायत भी की, लेकिन जिम्मेदारों ने इस कूड़े के ढेर को हटाने की जहमत तक नहीं उठाई. जबकि, नगर पंचायत को स्वच्छ बनाए जाने को लेकर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के बावजूद भी सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है.

आलम ये है कि नगर पंचायत की ये कवायद केवल डस्टबिन और कूड़ेदान ही खरीदने तक सिमट कर रह गई है. जबकि, नगर पंचायत में अव्यवस्थाओं का अंबार भी लगा हुआ है जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, इस मामले में ईओ का कहना है कि कूड़ेदानों को क्षति पहुंची है. उसके जिम्मेदार जानवर हैं. क्योंकि ग्रामीण अपने मवेशियों को बाजार में खुला छोड़ देते हैं. जो इस कूड़ेदानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

Intro:प्रतापनगर
2 हफ्ते भी नहीं चल पाए नगर पंचायत की नई कूड़ेदानBody: प्रताप नगर
2 हफ्ते भी नहीं चल पाए नगर पंचायत के नए कूड़ेदान ।
मामला प्रतापनगर नगर के लंबगांव नगर पंचायत का है जहां 25 अगस्त को लमगांव बाजार में 20 जैविक अजैविक नए कूड़ेदान स्टैंड पर लगाए गए लेकिन 2 हफ्ते बाद ही मात्र 14 दिन के बाद ही कूड़ेदान टूट कर बिखर गए इसके साथ साथ नगर पंचायत को बने हुए 3 साल लगभग पूरे होने को हैं साथ ही नगर पंचायत को अस्तित्व में आए हुए अध्यक्ष को बने हुए बोर्ड को बने हुए 1 साल होने को है लेकिन नगर पंचायत लमगांव बाजार के बीचो-बीच पड़े मलबे को हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हैं जो कई वर्षों से बाजार के बीचो-बीच पड़ा है कई बार व्यापारियों द्वारा नगरपंचायत के EO व अध्यक्ष और एसडीएम को भी इसकी शिकायत करने के बाद भी यह मलवा बाजार से नहीं उठ पा रहा है इसके साथ ही नगर पंचायत के डेढ़ करोड़ खर्च होने के बावजूद नगर पंचायत की व्यवस्थाएं पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है केवल डस्टबिन कूड़ेदान खरीदने का खेल चल रहा है इसके अलावा नगर पंचायत में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है केवल कूड़ेदान ही बदले जा रहे हैं वह भी 14 दिन के भीतर ही टूट कर बिखर गए नगर पंचायत एओ से पूछे जाने पर EO ने कहा कि इसके लिए केवल और केवल बाजार में गायों का अधिक होना इसका कारण बताया जा रहा है लेकिन असल सवाल यह है कि लमगांव में बढ़ती गायों की संख्या की रोकथाम या उनके निवारण की जिम्मेदारी भी नगर पंचायत की ही है लेकिन नगर पंचायत गायों को लंबगांव बाजार में गंदगी फैलाने व कूड़ेदानो को तोड़ने के लिए जिम्मेदार मानता है ऐसे में आखिरकार इन गायों के रखरखाव का लिए कौन है जिम्मेदार ।Conclusion:2 हफ्ते भी नहीं टिक पाई नगर पंचायत लमगांव के कूड़ेदान ।
डेढ़ करोड़ खर्च पर व्यवस्था नहीं पटरी पर ।
Biet _ EO_nagarpanchayat
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