टिहरी: RTI कार्यकर्ता ने बताया कि टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रबंधन विभाग में पिछले 4 साल से बिना नंबर प्लेट की यूटिलिटी गाड़ी दौड़ रही है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी की लापरवाही के कारण इस यूटिलिटी गाड़ी का नंबर अभी तक नहीं लिया गया है. बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की इस गाड़ी से आपदा प्रबंधन और अन्य सरकारी कार्य करवाए जा रहे हैं.
RTI कार्यकर्ता बलबीर पंवार ने बताया कि जांच कमेटी ने भी आपदा प्रबंधन अधिकारी के द्वारा की गई गड़बड़ियों व गलतियों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी है लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बलबीर पंवार के अनुसार इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से भी की गई है.
वाहनों को लेकर नियम है कि बिना नंबर प्लेट की गाड़ी को सड़क पर उतारना और उससे सरकारी कार्य करना कानूनन जुर्म है. आरोप है कि टिहरी में जिला आपदा नियंत्रण अधिकारी इन सब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इस गाड़ी का संचालन पिछले 4 सालों से करवा रहे हैं.
चौंकाने वाली बात ये है कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास एक दूसरा यूटिलिटी वाहन भी है जिसका नंबर UK09 GA 0038 है. इसी यूटिलिटी वाहन के नंबर पर ही इस बिना नंबर की यूटिलिटी का खर्च मरम्मत और डीजल भरने से लेकर अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं.
दरअसल एक यूटिलिटी वाहन का रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय टिहरी में किया गया है. दूसरा वाहन जिसका रजिस्ट्रेशन चार साल से नहीं किया गया है उसी के नाम पर इसे चलाया जा रहा है.
सबसे बड़ी बात सामने यह आई कि UK09 GA 0038 नंबर की यूटिलिटी जिला मजिस्ट्रेट के नाम से रजिस्टर्ड है जो 22 जुलाई 2015 को एक्सपायरी डेट को पार कर चुका है. अब जब आरटीआई से इसका खुलासा हुआ तो UK09 GA 0038 नंबर के वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ में फाइल भेजी गई है.
दिलचस्प बात ये है कि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी की कार्यप्रणाली पर पूर्व जिलाधिकारी ज्योति खैरवाल ने भी सवाल उठाए थे. खैरवाल ने लिखा था कि वर्तमान आपदा प्रबंधन अधिकारी इस पद के लिए उपयुक्त नहीं है. जिलाधिकारी के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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इन आरोपों पर जब जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट से सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया. भट्ट ने कहा कि उन्हें दो यूटिलिटी वाहन होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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चौंकाने वाली बात ये भी है कि प्रतापनगर में हादसे में जब 9 बच्चों की मौत हुई थी तो जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मौके पर गए ही नहीं थे. जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक मौके पर गए थे. टिहरी जिले के प्रभारी और राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने इन आरोपों की जांच करने की बात कही है. धनसिंह ने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.