श्रीनगर: आजादी के 75 साल बाद आज भी उत्तराखंड के कई गांव सड़क, हॉस्पिटल और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही एक गांव टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक में पड़ता है. यहां के लोगों को अब आजादी के 75 साल बाद सड़क की सुविधा मिलने जा रही है. यानी यह गांव पहली बार सड़क से जुड़ने जा रहा है. बुधवार 29 मार्च को जब देवप्रयाग विधायक पहली बार सड़क बनने की जानकारी लेकर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना ही नहीं था.
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद कीर्तिनगर ब्लॉक के आखिरी गांव टोला को सड़क की सौगत मिल गई. राडागाड़-टोला मोटर मार्ग को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद ग्रामीण खुशी में झूमते हुए नजर आए. यहां स्थानीय विधायक और ग्रामीणों ने सड़क की वित्तीय स्वीकृति मिलने पर खुशी जताते हुए जमकर ठुमके लगाए.
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बता दें कि टोला गांव तक जाने के लिए ग्रामीणों को तीन से पांच किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता था. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों की स्थिति इतनी खराब थी कि यदि गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे किसी तरह कंधों पर डंडी कंडी सहारे नीचे सड़क तक लाया जाता था. फिर गाड़ी से हॉस्पिटल भेजा जाता था. इसके अलावा अन्य मुश्किलों से भी ग्रामीणों को रोजाना दो चार होना पड़ता था.
उत्तराखंड बनने के बाद गांव वालों को उम्मीद जगी थी कि शायद उनके गांव में सड़क पहुंचेगी और उनका भी विकास होगा. लेकिन इस गांव में विकास का पहिया घूमने में ही 23 साल लग गए. राज्य गठन के 23 साल बाद टोला गांव को सड़क नसीब होने जा रही है. सड़क बनने के बाद इस गांव में आसानी से राशन पानी पहुंच पाएगा.
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देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने बताया कि राडागाड़-टोला मोटर मार्ग के प्रथम चरण के लिए 1 करोड़ 66 लाख की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी हैं. एक महीने के अंदर टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. विधायक ने बताया कि भविष्य में इस मोटर मार्ग को नेलचामी से जोड़ा जाएगा. टोला के ग्रामीणों को सड़क न होने के कारण खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, बहुत जल्द सभी दिक्कतें दूर हो जाएंगी.