ETV Bharat / state

40 घंटे बाद वाहनों के लिए खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे, मलबा आने से था बंद - Dhanaulti Highway landslide News

ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे भूल्खलन के कारण 40 घंटे बाद यातायात के लिए खुल गया है. चट्टानी मलबा आने के चलते रमोलधार के पास सड़क बंद था.

tehri
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे
author img

By

Published : Apr 9, 2022, 2:48 PM IST

Updated : Apr 10, 2022, 7:01 AM IST

टिहरी/धनौल्टी: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे (NH-94) मलबा आने के कारण रमोलधार के पास बीते 40 घंटों से बंद था. वहीं बीआरओ ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब 40 घंटे बाद मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है. जिसकी जानकारी बीआरओ के सहायक अभियंता एबी सिंह द्वारा दी गई. मार्ग बंद होने के चले यात्री वाहनों के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं जैसे पेट्रोल-डीजल के वाहन और एम्बुलेंस भी फंसे हुए थे.

बता दें, एनएच 94 बॉर्डर रोड होने के कारण बेहद ही महत्वपूर्ण है. हालांकि, प्रशासन के द्वारा लोगों को वैकल्पिक मार्ग चम्बा-जाख-डोबरा पुल, धरासू बैंड से उत्तरकाशी व चम्बा-जाख-डोबरा-भल्ड़ियाणा-स्यांसु पुल-धरासू बैंड से उत्तरकाशी के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी. लेकिन इन रूटों से भारी वाहनों व तेल के टैंकरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

40 घंटे बाद वाहनों के लिए खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे.

साथ ही वैकल्पिक मार्ग काफी तंग और संकरा होने के कारण वाहन चालक जाने से कतरा रहे हैं. वहीं, कुछ यात्री कंडीसौड़ से मैंडखाल होते हुए गैर नगुण-सुवाखोली के रास्ते लगभग 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं, जिसमे काफी समय लगने के साथ अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है.
पढ़ें- गर्व का दिन: नरेंद्र सिंह नेगी और दीवान बजेली संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

वहीं, तेल टैकरों के चालकों का कहना है कि वाहन में जीपीएस सिस्टम लगे होने के कारण हमें तेल कम्पनियों के द्वारा NH-94 यानि ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे से जाना ही जरूरी निर्देशित किया गया है. अगर हम रूट बदलते हैं, तो कंपनी के द्वारा टैंकर वाहन को लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे में अगर पम्पों पर तेल सप्लाई रूक गई, तो लोग परेशान होंगे. वहीं, कुछ चालकों का कहना है कि वे कल से फंसे हैं, उनके पास खाने का खर्चा भी खत्म हो चुका है.

टिहरी/धनौल्टी: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे (NH-94) मलबा आने के कारण रमोलधार के पास बीते 40 घंटों से बंद था. वहीं बीआरओ ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब 40 घंटे बाद मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है. जिसकी जानकारी बीआरओ के सहायक अभियंता एबी सिंह द्वारा दी गई. मार्ग बंद होने के चले यात्री वाहनों के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं जैसे पेट्रोल-डीजल के वाहन और एम्बुलेंस भी फंसे हुए थे.

बता दें, एनएच 94 बॉर्डर रोड होने के कारण बेहद ही महत्वपूर्ण है. हालांकि, प्रशासन के द्वारा लोगों को वैकल्पिक मार्ग चम्बा-जाख-डोबरा पुल, धरासू बैंड से उत्तरकाशी व चम्बा-जाख-डोबरा-भल्ड़ियाणा-स्यांसु पुल-धरासू बैंड से उत्तरकाशी के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी. लेकिन इन रूटों से भारी वाहनों व तेल के टैंकरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

40 घंटे बाद वाहनों के लिए खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे.

साथ ही वैकल्पिक मार्ग काफी तंग और संकरा होने के कारण वाहन चालक जाने से कतरा रहे हैं. वहीं, कुछ यात्री कंडीसौड़ से मैंडखाल होते हुए गैर नगुण-सुवाखोली के रास्ते लगभग 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं, जिसमे काफी समय लगने के साथ अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है.
पढ़ें- गर्व का दिन: नरेंद्र सिंह नेगी और दीवान बजेली संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

वहीं, तेल टैकरों के चालकों का कहना है कि वाहन में जीपीएस सिस्टम लगे होने के कारण हमें तेल कम्पनियों के द्वारा NH-94 यानि ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे से जाना ही जरूरी निर्देशित किया गया है. अगर हम रूट बदलते हैं, तो कंपनी के द्वारा टैंकर वाहन को लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे में अगर पम्पों पर तेल सप्लाई रूक गई, तो लोग परेशान होंगे. वहीं, कुछ चालकों का कहना है कि वे कल से फंसे हैं, उनके पास खाने का खर्चा भी खत्म हो चुका है.

Last Updated : Apr 10, 2022, 7:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.