टिहरी: झील को विश्वस्तरीय पर्यटन पर लाने के लिए सरकार की मुहिम रंग लाई, तो आने वाले दिनों में चारों ओर खूबसूरत और सभी सुविधाओं युक्त रिंग रोड होगी. झील के चारों तरफ 288.6 किमी लंबी और करीब 21 मीटर चौड़ी रोड बनेगी. एनएच-54 की सड़क पर फुटपाथ, साइकिल ट्रैक आस-पास होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप, व्यू प्वाइंट, पार्किंग, ट्राली, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं होगी. लोनिवि बौराड़ी के द्वारा रिंग रोड की डीपीआर का प्रपोजल शासन को दोबारा भेजा गया है.
सरकार ने पूर्व में टिहरी झील को पर्यटकों की पहली पसंद बनाने के लिए इसके चारों तरफ रिंग रोड बनाने की स्वीकृति दी थी. इसके लिए लोनिवि प्रांतीय खंड बौराड़ी को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे. लोनिवि भी उच्चाधिकारियों के मार्ग दर्शन में डीपीआर बना कर शासन को भेजा. जिस पर शासन ने दोबारा से डबल लाइन की रिंग रोड बनाने के लिए डीपीआर तैयार करने को कहा है.
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स्थानीय लोग कार्य का सराहना करते हुए बताया कि सरकार को इस पर पूरी तरह है मॉनीटिरिंग करनी होगी. ताकि काम जल्दी हो,ओर साथ मे उनका ध्यान भी रखे जो इस सड़क को बनाते समय जो गांव के लोग प्रभावित होंगे. उनको नुकसान न हो, सरकार को उन गांव के विस्थापन की कार्रवाई भी करवानी चाहिए.
अधिशासी अभियंता के एस नेगी ने कहा कि रिंग रोड से टिहरी डैम होते हुए टिपरी से चाह गडोलिया, पिलखी, घनसाली, सेंदुल से पिपोला तक 66.4 किमी सड़क का विस्तारीकरण किया जाएगा. जबकि पिपोला से घोंटी पुल होते हुए म्यूड़ा तक 16 किमी नई सड़क बनेगी. म्यूड़ा से पिपलडाली पुल तक आठ किमी पुल से सांदणा बैंड तक 14 किमी, सांदणा बैंड से रौलाकोट 12 किी, डोबरा से मोटणा बैंड नौ किमी, मोटणा से मदननेगी, मोटणा से चौंदार-तीन-तीन किमी, चौंदार बैंड से स्यांसू 14 किमी, स्यांसू से मणीदेवीधार 28.2 किमी, नकोट से स्यांसू आठ किमी, स्यांसू से स्यांसू पुल तक तीन किमी, स्यांसू से डोबरा जाख तक 23.6 किमी, डोबरा से कोटी कालोनी पांच किमी और कोटी से टिहरी डैम तक चार किमी सड़क का निर्माण और विस्तारीकरण कार्य किया जाएगा. छह मीटर चौड़ी डबल लेन रिंग रोड के एक किनारे 150 मीटर का पैदल फुटपाथ, 150 मीटर का साइकिल ट्रैक, सड़क के बीच में छह मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट बनाई जाएगी.
वहीं, घनसाली, सेंदुल, जलकुर और भौंगा में 36-36 मीटर स्पान के पुल बनेंगे. साथ ही पेट्रोल पंप, पार्किंग, होटल, ढाबे, व्यू प्वाइंट, शौचालय आदि बनाए जाएंगे. रिंग रोड समेत अन्य सुविधाओं को जुटाने में करीब 15 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर खर्च करेगी.