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सुबह मां से हुई वीडियो कॉल, दोपहर में आतंकियों से मुठभेड़, पूजा में घर आने वाले थे विक्रम

टिहरी जिले के जवान राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. राइफलमैन विक्रम 22 अक्टूबर को पूजा में शामिल होने घर आने वाले थे. गुरुवार सुबह उनकी अपनी मां से वीडियो कॉल से बातचीत हुई थी. तभी दोपहर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में वो घायल हो गए. आज विक्रम इलाज के दौरान शहीद हो गए.

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राइफलमैन विक्रम नेगी हुए शहीद
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Published : Oct 15, 2021, 5:52 PM IST

Updated : Oct 16, 2021, 1:49 PM IST

टिहरी: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों से लड़ते-लड़ते उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए. पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ जारी है. भारतीय सेना ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है और आतंकियों को घेर लिया है. आतंकी से मुठभेड़ में मां भारती की रक्षा में देवभूमि के दो लाल गुरुवार को घायल हो गए थे. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार शाम से पुंछ जिले के मेंढर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन जारी है. ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी हुई. राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और राइफलमैन योगंबर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

राइफलमैन विक्रम नेगी हुए शहीद

शहीद राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी (26 वर्ष) जिला टिहरी और रायफलमैन योगंबर सिंह (27 वर्ष) जिला चमोली के रहने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी जिला टिहरी के गाजा के पास विमन गांव तहसील नरेंद्रनगर के रहने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी के घर में इनके पिता साहब सिंह, माता विजा देवी और दादी रुकमा देवी के साथ पत्नी पार्वती और 2 साल का बेटा प्रियांक रहते हैं. विक्रम की एक बहन भी है, जिसकी शादी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए उत्तराखंड के दो जवान, CM धामी ने दी श्रद्धांजलि

विक्रम को इसी महीने घर आना था: 22 अक्टूबर को पूजा के लिए विक्रम नेगी घर आने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी के चाचा ने बताया कि वह अपने घर का इकलौता कमाऊ था. उसे बचपन से ही आर्मी में जाने का शौक था. 2015 में विक्रम आर्मी में भर्ती हुए थे. 17 जुलाई को डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वह ड्यूटी पर गये थे. 7 दिन बाद 22 अक्टूबर को घर में पूजा के लिए वह आने वाले थे.

सुबह ही मां से हुई की बात: गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब विक्रम सिंह नेगी की अपनी मां से वीडियो कॉल से बातचीत हुई थी, लेकिन दिन में अचानक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी घुसने की खबर मिलने पर राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी की यूनिट के साथ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने शुक्रवार को दम तोड़ दिया.

परिवार हुआ बेसुध: वहीं, शहीद विक्रम सिंह नेगी का मासूम बेटा प्रियांक आंगन में परिजनों की गोद में खेल रहा है. उसे अपने पिता को खोने का एहसास नहीं है. वह इस बात से अनजान है कि उसके पिता देश के लिए शहीद हो गए हैं. वहीं, शहीद की पत्नी बेसुध होकर बार-बार 22 अक्टूबर के दिन को याद कर रही है. विक्रम अपने परिजनों के साथ मंदिर में पूजा करने आने वाले थे. इसके लिए उन्हें 22 अक्टूबर को घर आना था, लेकिन उससे पहले ही विक्रम देश के लिए शहीद हो गए. विक्रम अपने गांव के एकमात्र लड़के थे, जो आर्मी में भर्ती हुए थे.

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विक्रम सिंह नेगी के शहीद होने की सूचना उनके यूनिट के अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने शहीद विक्रम सिंह के घर की लोकेशन के बारे में जानकारी मांगी. आतंकी हमले में विक्रम के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में मातम का माहौल है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. अब सभी शहीद के पार्थिव शरीर का लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं.

टिहरी: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों से लड़ते-लड़ते उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए. पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ जारी है. भारतीय सेना ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है और आतंकियों को घेर लिया है. आतंकी से मुठभेड़ में मां भारती की रक्षा में देवभूमि के दो लाल गुरुवार को घायल हो गए थे. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार शाम से पुंछ जिले के मेंढर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन जारी है. ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी हुई. राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और राइफलमैन योगंबर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

राइफलमैन विक्रम नेगी हुए शहीद

शहीद राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी (26 वर्ष) जिला टिहरी और रायफलमैन योगंबर सिंह (27 वर्ष) जिला चमोली के रहने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी जिला टिहरी के गाजा के पास विमन गांव तहसील नरेंद्रनगर के रहने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी के घर में इनके पिता साहब सिंह, माता विजा देवी और दादी रुकमा देवी के साथ पत्नी पार्वती और 2 साल का बेटा प्रियांक रहते हैं. विक्रम की एक बहन भी है, जिसकी शादी हो चुकी है.

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विक्रम को इसी महीने घर आना था: 22 अक्टूबर को पूजा के लिए विक्रम नेगी घर आने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी के चाचा ने बताया कि वह अपने घर का इकलौता कमाऊ था. उसे बचपन से ही आर्मी में जाने का शौक था. 2015 में विक्रम आर्मी में भर्ती हुए थे. 17 जुलाई को डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वह ड्यूटी पर गये थे. 7 दिन बाद 22 अक्टूबर को घर में पूजा के लिए वह आने वाले थे.

सुबह ही मां से हुई की बात: गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब विक्रम सिंह नेगी की अपनी मां से वीडियो कॉल से बातचीत हुई थी, लेकिन दिन में अचानक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी घुसने की खबर मिलने पर राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी की यूनिट के साथ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने शुक्रवार को दम तोड़ दिया.

परिवार हुआ बेसुध: वहीं, शहीद विक्रम सिंह नेगी का मासूम बेटा प्रियांक आंगन में परिजनों की गोद में खेल रहा है. उसे अपने पिता को खोने का एहसास नहीं है. वह इस बात से अनजान है कि उसके पिता देश के लिए शहीद हो गए हैं. वहीं, शहीद की पत्नी बेसुध होकर बार-बार 22 अक्टूबर के दिन को याद कर रही है. विक्रम अपने परिजनों के साथ मंदिर में पूजा करने आने वाले थे. इसके लिए उन्हें 22 अक्टूबर को घर आना था, लेकिन उससे पहले ही विक्रम देश के लिए शहीद हो गए. विक्रम अपने गांव के एकमात्र लड़के थे, जो आर्मी में भर्ती हुए थे.

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विक्रम सिंह नेगी के शहीद होने की सूचना उनके यूनिट के अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने शहीद विक्रम सिंह के घर की लोकेशन के बारे में जानकारी मांगी. आतंकी हमले में विक्रम के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में मातम का माहौल है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. अब सभी शहीद के पार्थिव शरीर का लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 16, 2021, 1:49 PM IST
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