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बारिश के कारण दहशत में ये गांव, पिछले 15 सालों से विस्थापन की कर रहे मांग - rehabilitation department

टिहरी में पुर्नवास विभाग का चार्ज नए जिलाधिकारी वी.षणमुगम को नहीं मिला है. जिस कारण पुर्नवास संबंधी कार्यों में देरी हो रही है.

विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीण.
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Published : Jul 13, 2019, 1:39 PM IST

टिहरी: प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट गांव के ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से गांव का विस्थापन नहीं हुआ और न ही मकानों व पेड़ों का भुगतान हुआ है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही पुर्नवास संबंधी कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीण.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार की लापरवाही की वजह से पुर्नवास विभाग का चार्ज जिलाधिकारी वी. षणमुगम को नहीं मिल पाया है. जिसके चलते पुनर्वास संबंधी कार्यों में देरी हो रही है और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें: SDM ने कांवड़ मेले की अधूरी तैयारी पर अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार

बारिश के कारण टिहरी झील के पास बसे रौलाकोट गांव में भूस्खलन हो रहा है. साथ ही गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं. जिस कारण गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि रौलाकोट गांव के ग्रामीण 15 सालों से अपने विस्थापन की मांग करते आ रहे है. दिन प्रतिदन गांव की जमीन धंस रही है. लेकिन पुर्नवास विभाग गांव के विस्थापन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने 10 साल पहले रौलाकोट गांव की रिपोर्ट राज्य सरकार और भारत सरकार को दे दी थी. जिसमें कहा था कि इस गांव का जल्द से जल्द विस्थापन किया जाए, ताकि कोई जनहानि न हो. लेकिन आज 15 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद गांव का विस्थापन नहीं हुआ है.

वहीं, प्रतापनगर के पूर्व कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण रौलाकोट गांव के साथ 415 परिवारों का विस्थापन नहीं हो पाया है. जबकि हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शासन-प्रशासन और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को रौलाकोट के विस्थापन के लिए निर्देश दिए हैं.

टिहरी के नए जिलाधिकारी वी.षणमुगम का कहना है कि इस मामले मे पुर्नवास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बात की जाएगी. साथ ही इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

टिहरी: प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट गांव के ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से गांव का विस्थापन नहीं हुआ और न ही मकानों व पेड़ों का भुगतान हुआ है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही पुर्नवास संबंधी कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीण.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार की लापरवाही की वजह से पुर्नवास विभाग का चार्ज जिलाधिकारी वी. षणमुगम को नहीं मिल पाया है. जिसके चलते पुनर्वास संबंधी कार्यों में देरी हो रही है और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें: SDM ने कांवड़ मेले की अधूरी तैयारी पर अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार

बारिश के कारण टिहरी झील के पास बसे रौलाकोट गांव में भूस्खलन हो रहा है. साथ ही गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं. जिस कारण गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि रौलाकोट गांव के ग्रामीण 15 सालों से अपने विस्थापन की मांग करते आ रहे है. दिन प्रतिदन गांव की जमीन धंस रही है. लेकिन पुर्नवास विभाग गांव के विस्थापन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने 10 साल पहले रौलाकोट गांव की रिपोर्ट राज्य सरकार और भारत सरकार को दे दी थी. जिसमें कहा था कि इस गांव का जल्द से जल्द विस्थापन किया जाए, ताकि कोई जनहानि न हो. लेकिन आज 15 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद गांव का विस्थापन नहीं हुआ है.

वहीं, प्रतापनगर के पूर्व कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण रौलाकोट गांव के साथ 415 परिवारों का विस्थापन नहीं हो पाया है. जबकि हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शासन-प्रशासन और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को रौलाकोट के विस्थापन के लिए निर्देश दिए हैं.

टिहरी के नए जिलाधिकारी वी.षणमुगम का कहना है कि इस मामले मे पुर्नवास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बात की जाएगी. साथ ही इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

Intro:आज कल हो रही बारिश के कारण टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट गाव के ग्रामीण दहशत में हे। ग्रामीणो ने लगाया पुर्नवास बिभाग पर उपेक्षा का आरोप 15 सालो नही हुआा बिस्थापन ओर ना ही मिला आज तक मकानेा व पेडो को भुगतान। गाव की महिलाओ ने गाव में बैठक करके बनाई पुर्नवास बिभाग के खिलाफ रणनीति कहा गाव के पुर्नवास सम्बधी कार्यावाही नही हुई तो किया जायेगा पुर्नवास बिभाग के खिलाफ आन्दोलन।


उत्तराखण्ड सरकार की लापरवाही के कारण अभी पुर्नवास बिभाग का चार्ज का जिलाधिकारी वी षणमुगम को नही मिला हे जिस कारण पुर्नवास सम्बधी कार्यो का समाधान नही हो पा रहा जिससे ग्रामीणों को हो रही है परेशानियां

Body:
ऐशिया के सबसे बडी टिहरी झील के कारण झील के समीप बसे रौलाकोट गाव के तीनो तरफ जमीनो में हो रहा हे भूस्खलन साथ ही गाव के मकानो में पड रही हे दरार जिस कारण गाव के लोग दहशत में हे। भूगर्भीय बैज्ञानिको ने अपन रिर्पोट में कहा हे कि यह गाव अति सवेंदनशील खतरे में हे इसका तत्काल बिस्थापन किया जाय लेकिन आज तक बिस्थापन नही हो पाया ओर गाव के तीनो तरफ भूस्खलन होने लग गया हे।



साथ ही उत्तराखण्ड सरकार की लापरवाही के कारण अभी पुर्नवास बिभाग का चार्ज का जिलाधिकारी वी षणमुगम को नही मिला हे जिस कारण पुर्नवास सम्बधी कार्यो का समाधान नही हो पा रहा
Conclusion:
ग्रामीणो ने पुर्नवास बिभाग पर आरोप लगाया हे कि रौलाकोट गाव के ग्रामीण 15 सालो से अपने बिस्थापन की मांग करते आ रहे हे लेकिन आज तक गाव का बिस्थापन नही किया गया ग्रामीणो ने कहा कि टिहरी बाध्ंा की झील के कारण गाव के तीनो तरफ भूस्खलन जारी हे दिन प्रतिदन जमीन धंस रही हे परन्तु पुर्नवास बिभाग गाव के बिस्थापन नही करवाया पाया जिससे गाव के लोग नाराज हे ग्रामीणो ने साफ साफ पपको चेतावनी दी हे कि अगर जल्दी ही रौलाकोट गाव का बिस्थापन नही किया गया तो बडा आन्दोलन किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुर्नवास बिभाग की होगी।



रौलाकोट गाव के लिये भूगर्भीय बैज्ञानिको ने 10 साल पहले ही अपनी रिर्पोट राज्य सरकार और भारत सरकार को दी हे कि इस गाव को जल्दी से जल्दी बिस्थापन करें ताकि कोई जनहानि ना हो। परन्तु आज 15 साल से ज्यादा का समय हो गया गाव का बिस्थापन नही हुआा



.वही प्रतापनगर के पूर्व काग्रेस बिधायक बिक्रम सिह नेगी ने कहा कि शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण रौलाकोट गाव के साथ साथ 415 परिवारो का बिस्थापन नही हो पाया हे जबकि हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शासन प्रशासन ओर टिहरी बांध परियोजना के अधिकासियो को रौलाकोट के बिस्थापन के लिये निर्देश दिये हे। परन्तु आज तक गाव का बिस्थापन नही हो पाया हे बताया जा रहा हे कि भारत सरकार ने टिहरी बाध से प्रभावित परिवारो को जमीन दैने के लिये मना कर दी हे जबकि टिहरी झील के आस पास बसे गाव के लोगो ने टिहरी बाध बनाने के लिये अपनी जल जगल जमीन सब दे दिये ओर आज टिहरी बाध परियोजना के अधिकारी ओर राज्य सरकार भारत सरकार इन प्रभावित परिवारो की सुध नही ले रही हे हवाई पटटी बनाने के लिये जबकि जोलीग्रान्ट के आस पास के गावो को ऋषिकेश के आस पास बिस्थापित किया जा सकता हे तो आखिर रौलाकोट आदि गावो का बिस्थापन के लिये जमीन क्यो नही दे सकती। शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण आज टिहरी झील के आस पास बसे गाव के लोगो का बिस्थापन नही हो पा रहाप हे



.नये जिलाधिकारी वी षणमुगम में कार्याभार सम्भाला हे उनका कहना हे कि इस मामले मे पंर्नवास बिभाग के अधिकारियो को बुलाकर बात की जायेगी कि अब तक रौलाकोट गाव का बिस्थावन क्यो नही किया गया ओर इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियो को ं बख्सा नही जायेगा।


टिहरी झील के आस पास बसे गाव के लोगो ने देशहित के लिये टिहरी बाध परियोजना के लिये अपना सब कुछ जल जगल जमीन दे दी लेकिन टिहरी बाध परियोजना ओर शासन प्रशासन की लापरवाही व अनदेखी के कारण प्रभावित गावो का बिस्थापन नही हो पाया जिससे गाव के लोग आज खतरे के सायें में जीने को मजबूर हे।



पहटीसी अरबिन्द नोटियाल

बाइट प्रेम सिह ग्रामीण

बाइट वी षणमुगम जिलाधिकारी टिहरी

बाइट उम्मेद लाल पूर्व प्रधान
बाइट प्रतापनगर के पूर्व काग्रेस बिधायक बिक्रम सिह नेगी
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