टिहरी: प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट गांव के ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से गांव का विस्थापन नहीं हुआ और न ही मकानों व पेड़ों का भुगतान हुआ है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही पुर्नवास संबंधी कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार की लापरवाही की वजह से पुर्नवास विभाग का चार्ज जिलाधिकारी वी. षणमुगम को नहीं मिल पाया है. जिसके चलते पुनर्वास संबंधी कार्यों में देरी हो रही है और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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बारिश के कारण टिहरी झील के पास बसे रौलाकोट गांव में भूस्खलन हो रहा है. साथ ही गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं. जिस कारण गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों ने पुर्नवास विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि रौलाकोट गांव के ग्रामीण 15 सालों से अपने विस्थापन की मांग करते आ रहे है. दिन प्रतिदन गांव की जमीन धंस रही है. लेकिन पुर्नवास विभाग गांव के विस्थापन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने 10 साल पहले रौलाकोट गांव की रिपोर्ट राज्य सरकार और भारत सरकार को दे दी थी. जिसमें कहा था कि इस गांव का जल्द से जल्द विस्थापन किया जाए, ताकि कोई जनहानि न हो. लेकिन आज 15 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद गांव का विस्थापन नहीं हुआ है.
वहीं, प्रतापनगर के पूर्व कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण रौलाकोट गांव के साथ 415 परिवारों का विस्थापन नहीं हो पाया है. जबकि हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शासन-प्रशासन और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को रौलाकोट के विस्थापन के लिए निर्देश दिए हैं.
टिहरी के नए जिलाधिकारी वी.षणमुगम का कहना है कि इस मामले मे पुर्नवास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बात की जाएगी. साथ ही इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.