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कोटेश्वर डैम से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों का बेमियादी धरना, विस्थापन की मांग

विस्थापन की मांग को लेकर कोटेश्वर बांध प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों ने बांध परियोजना में लगे वाहनों को रोककर विरोध जताया. इस दौरान ग्रामीणों का कहना था कि जब तक उनका विस्थापन नहीं हो जाता तबतक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

Tehri
कोटेश्वर डैम
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Published : Sep 20, 2022, 1:56 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 3:02 PM IST

टिहरी: टीएचडीसी के कोटेश्वर बांध (Koteshwar Dam) प्रभावित पयाल गांव के लोग पुनर्वास की मांग को लेकर बेमियादी धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों ने प्रभावितों के पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी पर बांध प्रभावितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि झील के कारण गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है. उनकी जमीन और मकानों पर दरारें पड़ रही हैं. इसके बावजूद उनका विस्थापन नहीं किया जा रहा है.

बता दें, पयाल गांव के ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर कोटेश्वर बांध के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्होंने साल 2016-17 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर गांव का पुनर्वास करने, भूगर्भीय सर्वे 2022 की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, संपार्श्विक क्षति नीति-2013 की समीक्षा करने, पुनर्वास नीति 1998 की तरह संपर्वाश्विक क्षति नीति में भी ग्रामीणों/दुकानदारों को भी मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही कहा कि लंबे समय से इन समस्याओं का निराकरण करने की मांग की जा रही है, लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है.

कोटेश्वर डैम से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों का बेमियादी धरना.

इस दौरान समिति अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि बांध प्रभावित ग्रामीण बीते 5 दिनों से कोटेश्वर बांध की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस कारण ग्रामीणों को चक्का जाम करना पड़ा.
पढ़ें- Haridwar Library scam: याचिकाकर्ता सच्चिदानंद डबराल बोले- SC से न्याय की उम्मीद जगी

कोटेश्वर बांध परियोजना प्रबंधक एके घिल्डियाल ने प्रभावित ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया. वार्ता में ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि आगामी 23 सितंबर को टीएचडीसी व पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता की जाएगी. उधर, समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वार्ता के बाद चक्का जाम को स्थगित कर दिया गया है लेकिन ग्रामीणों का धरना जारी रहेगा.

टिहरी: टीएचडीसी के कोटेश्वर बांध (Koteshwar Dam) प्रभावित पयाल गांव के लोग पुनर्वास की मांग को लेकर बेमियादी धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों ने प्रभावितों के पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी पर बांध प्रभावितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि झील के कारण गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है. उनकी जमीन और मकानों पर दरारें पड़ रही हैं. इसके बावजूद उनका विस्थापन नहीं किया जा रहा है.

बता दें, पयाल गांव के ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर कोटेश्वर बांध के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्होंने साल 2016-17 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर गांव का पुनर्वास करने, भूगर्भीय सर्वे 2022 की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, संपार्श्विक क्षति नीति-2013 की समीक्षा करने, पुनर्वास नीति 1998 की तरह संपर्वाश्विक क्षति नीति में भी ग्रामीणों/दुकानदारों को भी मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही कहा कि लंबे समय से इन समस्याओं का निराकरण करने की मांग की जा रही है, लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है.

कोटेश्वर डैम से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों का बेमियादी धरना.

इस दौरान समिति अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि बांध प्रभावित ग्रामीण बीते 5 दिनों से कोटेश्वर बांध की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस कारण ग्रामीणों को चक्का जाम करना पड़ा.
पढ़ें- Haridwar Library scam: याचिकाकर्ता सच्चिदानंद डबराल बोले- SC से न्याय की उम्मीद जगी

कोटेश्वर बांध परियोजना प्रबंधक एके घिल्डियाल ने प्रभावित ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया. वार्ता में ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि आगामी 23 सितंबर को टीएचडीसी व पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता की जाएगी. उधर, समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वार्ता के बाद चक्का जाम को स्थगित कर दिया गया है लेकिन ग्रामीणों का धरना जारी रहेगा.

Last Updated : Sep 20, 2022, 3:02 PM IST
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