ETV Bharat / state

राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ की हालत जर्जर, जान जोखिम में डाल पढ़ने को छात्र मजबूर

टिहरी जिले के मगरौं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ की हालत इन दिनों काफी जर्जर हो गई है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं. कई बार अभिभावकों और स्कूल शिक्षकों की शिकायत के बावजूद अधिकारियों के कान में जू नहीं रेंग रहा है. ऐसे में यहां के छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर है.

Government Primary School Palyasaur
राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ की हालत जर्जर
author img

By

Published : Oct 19, 2022, 9:59 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 10:24 PM IST

टिहरी: सरकार जहां एक तरफ सरकारी विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में विद्यालय भवनों के हाल (condition of school buildings in uttarakhand) इतने बुरे हैं कि बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. मामला टिहरी जनपद के सबसे बड़े विकासखंड भिलंगना (Block Bhilangana) का है. जहां दर्जनों स्कूल क्षतिग्रस्त की कगार पर है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ की हालत जर्जर

यही हाल कोटी मगरौं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ (Government Primary School Palyasaur) के भी हैं. यहां पर शिक्षक जितनी मेहनत से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. काश सरकार इस विद्यालय पर थोड़ा ध्यान देती तो यहां के बच्चों को हल्की बारिश में भी घर न भागना पड़ता.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार में खूनी संघर्ष, छात्रों के दो गुटों में जमकर चले लाठी-डंडे

अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि इस विद्यालय में सबसे अच्छी पढ़ाई होती है. यहां के छात्र हर साल नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya) के लिए चयनित होते हैं. जबकि नवोदय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बच्चे भी इस विद्यालय में पढ़ते हैं, लेकिन हल्की बारिश से छत टपकनी शुरू हो जाती है. अब छत के हालात इतने नाजुक हो गए कि कब गिर जाए कुछ पता नहीं. जिस कारण छात्रों की जान पर खतरा बना रहता है.

इस स्कूल में बच्चों की संख्या करीब 70 है. जब अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजते हैं तो पूरे दिन टेंशन में रहते हैं कि बच्चा शाम को सुरक्षित घर आएगा या नहीं. स्कूल की ऐसी हालत को देखकर सभी परेशान हैं. अभिभावक संघ की मीटिंग में इस मुद्दे को कई बार अधिकारियों तक पहुंचाया गया, लेकिन अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार में हैं. जिस दिन बड़ा हादसा होगा फिर ये अधिकारी जागेंगे.

टिहरी: सरकार जहां एक तरफ सरकारी विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में विद्यालय भवनों के हाल (condition of school buildings in uttarakhand) इतने बुरे हैं कि बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. मामला टिहरी जनपद के सबसे बड़े विकासखंड भिलंगना (Block Bhilangana) का है. जहां दर्जनों स्कूल क्षतिग्रस्त की कगार पर है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ की हालत जर्जर

यही हाल कोटी मगरौं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाल्यासौड़ (Government Primary School Palyasaur) के भी हैं. यहां पर शिक्षक जितनी मेहनत से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. काश सरकार इस विद्यालय पर थोड़ा ध्यान देती तो यहां के बच्चों को हल्की बारिश में भी घर न भागना पड़ता.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार में खूनी संघर्ष, छात्रों के दो गुटों में जमकर चले लाठी-डंडे

अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि इस विद्यालय में सबसे अच्छी पढ़ाई होती है. यहां के छात्र हर साल नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya) के लिए चयनित होते हैं. जबकि नवोदय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बच्चे भी इस विद्यालय में पढ़ते हैं, लेकिन हल्की बारिश से छत टपकनी शुरू हो जाती है. अब छत के हालात इतने नाजुक हो गए कि कब गिर जाए कुछ पता नहीं. जिस कारण छात्रों की जान पर खतरा बना रहता है.

इस स्कूल में बच्चों की संख्या करीब 70 है. जब अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजते हैं तो पूरे दिन टेंशन में रहते हैं कि बच्चा शाम को सुरक्षित घर आएगा या नहीं. स्कूल की ऐसी हालत को देखकर सभी परेशान हैं. अभिभावक संघ की मीटिंग में इस मुद्दे को कई बार अधिकारियों तक पहुंचाया गया, लेकिन अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार में हैं. जिस दिन बड़ा हादसा होगा फिर ये अधिकारी जागेंगे.

Last Updated : Oct 19, 2022, 10:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.