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प्रतापनगर: जंगल के रास्ते पैदल चल कर घर पहुंचा चंदन, बताई दर्दभरी कहानी - प्रतापनगर न्यूज

प्रतापनगर के ऊपली रमोली के दीन गांव के मूल निवासी चंदन लॉकडाउन के चलते फंस गए था. 27 अप्रैल को वो सकुशल अपने घर वापस लौट आया है.

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जंगल के रास्ते पैदल चल कर घर पहुंचा चंदन
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Published : Apr 29, 2020, 8:58 PM IST

प्रतापनगर: देशभर में कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण लॉकडाउन है. वहीं, प्रतापनगर में एक चंदन नाम का व्यक्ति लॉकडाउन होने की वजह से फंस गया था. करीब 14 दिन बाद वो सुरक्षित घर लौट आया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक उसके चेकअप के लिए नहीं पहुंची है.

दरअसल, प्रतापनगर के ऊपली रमोली के दीन गांव के मूल निवासी चंदन सिंह कैंतूरा, देहरादून प्रिंस चौक ली प्लाजा ढाबा पर नौकरी करता है. वर्तमान में लॉकडाउन के चलते वो लगभग 24 दिन से ढाबे पर ही रह रहा था, जब उसकी मुश्किलें बढ़ने लगीं तो वो 14 अप्रैल को मसूरी के रास्ते जंगल होते हुए पैदल चलने का फैसला लिया. लेकिन चंदन जंगल में रास्ता भटक गया और पूरे 12 दिन तक वो भटकता रहा. इस दौरान उसके पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं था.

ये भी पढ़ें: बेजुबानों के साथ मित्र पुलिस निभा रही है 'मित्रता', पशुओं को खिला रही है चारा

चंदन सिंह ने बताया कि वो किसी भी गांव से होकर नहीं गुजरा, बल्कि वो जंगल के रास्ते पैदल चलकर घर तक पहुंचा है. रास्तेभर उनका किसी भी पुलिस वाले से सामना नहीं हुआ. चंदन ने बताया कि जहां चौकी या पुलिस वाले दिखे तो उसने अपना रास्ता बदल लिया. वहीं, कई दिन बीत जाने के बाद उसके घर वाले परेशान हो गए थे.

27 तारीख को चंदन के घर पहुंचने पर सभी गांव वाले खुश थे. लेकिन उसके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक नहीं पहुंची है.

प्रतापनगर: देशभर में कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण लॉकडाउन है. वहीं, प्रतापनगर में एक चंदन नाम का व्यक्ति लॉकडाउन होने की वजह से फंस गया था. करीब 14 दिन बाद वो सुरक्षित घर लौट आया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक उसके चेकअप के लिए नहीं पहुंची है.

दरअसल, प्रतापनगर के ऊपली रमोली के दीन गांव के मूल निवासी चंदन सिंह कैंतूरा, देहरादून प्रिंस चौक ली प्लाजा ढाबा पर नौकरी करता है. वर्तमान में लॉकडाउन के चलते वो लगभग 24 दिन से ढाबे पर ही रह रहा था, जब उसकी मुश्किलें बढ़ने लगीं तो वो 14 अप्रैल को मसूरी के रास्ते जंगल होते हुए पैदल चलने का फैसला लिया. लेकिन चंदन जंगल में रास्ता भटक गया और पूरे 12 दिन तक वो भटकता रहा. इस दौरान उसके पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं था.

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चंदन सिंह ने बताया कि वो किसी भी गांव से होकर नहीं गुजरा, बल्कि वो जंगल के रास्ते पैदल चलकर घर तक पहुंचा है. रास्तेभर उनका किसी भी पुलिस वाले से सामना नहीं हुआ. चंदन ने बताया कि जहां चौकी या पुलिस वाले दिखे तो उसने अपना रास्ता बदल लिया. वहीं, कई दिन बीत जाने के बाद उसके घर वाले परेशान हो गए थे.

27 तारीख को चंदन के घर पहुंचने पर सभी गांव वाले खुश थे. लेकिन उसके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक नहीं पहुंची है.

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