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ओलावृष्टि ने तोड़ी काश्तकारों की कमर, लाखों के मछली बीज हुए नष्ट - प्रशासन से मदद करने की गुहार

टिहरी में ओलावृष्टि और बिजली गिरने से काश्तकारों को बड़ा नुकसान हुआ है. लाखों के मछली के बीज नष्ट हो गए हैं.

Tenants suffered heavy loss of more than four lakh fish seeds
काश्तकारों को हुआ भारी नुकसान चार लाख से अधिक मछली के बीज मरे
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Published : May 4, 2021, 1:37 PM IST

टिहरी: बिजली गिरने और ओलावृष्टि से सौंप गांव में काश्तकारों को हुआ भारी नुकसान हुआ है. भिलंगना ब्लाॅक के सौंप गांव में आजीविका संवर्द्धन के लिए मत्स्य पालक दिनेश सिंह बिष्ट और भगत सिंह के टैकों में मौजूद चार लाख से अधिक मछलियों के बीज बीती रात को हुई, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से मर गए हैं. इस कारण मत्स्य पालकों को लाखों का नुकसान हो गया.उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. बीते दिन बारिश और बिजली कड़कने से इस परियोजना की देखरेख के लिए लगाए गए, सीसीटीवी कैमरे, इनवर्टर और जेनरेटर सेट भी जल गए हैं. जिससे काश्तकारों का भारी नुकसान हुआ है.

भिलंगना ब्लाॅक के सौंप गांव में क्षेत्रपाल मत्स्यजीवी सहकारी समिति और नर्सिंग मत्स्यजीवी सहकारी समिति दो समितियां बनाई थीं. जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन कर आजीविका को सुदृढ़ करना था. समिति में दिनेश बिष्ट और भगत सिंह के अनुसार गांव के कई काश्तकार जुड़े हुए हैं. बीते दिन भयंकर ओलावृष्टि और बिजली गिरने से टैंकों में मौजूद दो-दो माह के मछली के करीब चार लाख बीज मर गए. बताया कि ट्राउड सहित महासीर और अन्य प्रजातियों के मछली के बीज उन्होंने 2 लाख 72 हजार रुपए में क्रय किए थे. चार माह में यह मत्स्य बीज तैयार हो जाते हैं. 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से टैंक से ही मछलियां बिक जाती हैं.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के ऑक्सीजन पर आदेशों का पालन कराना हमारी प्रतिबद्धता है: दिल्ली हाई कोर्ट

बीते दिन की ओलावृष्टि और बिजली गिरने से सारे बीज मर गए हैं. बताया कि बीते दिन अपराह्न को भी ओलावृष्ट और बिजली से बचे हुए बीज और वहां लगाए गए सीसीटीवी, इनवर्टर आदि उपकरण जलकर राख हो गए हैं. उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है. कहा कि कोरोना के कारण पहले ही आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. इस संबंध में मत्स्य निरीक्षक आमोद नौटियाल ने बताया कि उक्त घटना की सूचना मिली है. विभाग के कर्मियों को वहां भेजा है. पीड़ित काश्तकारों की मदद के लिए आपदा सहित अन्य मद से सहायता देने का प्रयास किया जाएगा.

टिहरी: बिजली गिरने और ओलावृष्टि से सौंप गांव में काश्तकारों को हुआ भारी नुकसान हुआ है. भिलंगना ब्लाॅक के सौंप गांव में आजीविका संवर्द्धन के लिए मत्स्य पालक दिनेश सिंह बिष्ट और भगत सिंह के टैकों में मौजूद चार लाख से अधिक मछलियों के बीज बीती रात को हुई, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से मर गए हैं. इस कारण मत्स्य पालकों को लाखों का नुकसान हो गया.उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. बीते दिन बारिश और बिजली कड़कने से इस परियोजना की देखरेख के लिए लगाए गए, सीसीटीवी कैमरे, इनवर्टर और जेनरेटर सेट भी जल गए हैं. जिससे काश्तकारों का भारी नुकसान हुआ है.

भिलंगना ब्लाॅक के सौंप गांव में क्षेत्रपाल मत्स्यजीवी सहकारी समिति और नर्सिंग मत्स्यजीवी सहकारी समिति दो समितियां बनाई थीं. जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन कर आजीविका को सुदृढ़ करना था. समिति में दिनेश बिष्ट और भगत सिंह के अनुसार गांव के कई काश्तकार जुड़े हुए हैं. बीते दिन भयंकर ओलावृष्टि और बिजली गिरने से टैंकों में मौजूद दो-दो माह के मछली के करीब चार लाख बीज मर गए. बताया कि ट्राउड सहित महासीर और अन्य प्रजातियों के मछली के बीज उन्होंने 2 लाख 72 हजार रुपए में क्रय किए थे. चार माह में यह मत्स्य बीज तैयार हो जाते हैं. 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से टैंक से ही मछलियां बिक जाती हैं.

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बीते दिन की ओलावृष्टि और बिजली गिरने से सारे बीज मर गए हैं. बताया कि बीते दिन अपराह्न को भी ओलावृष्ट और बिजली से बचे हुए बीज और वहां लगाए गए सीसीटीवी, इनवर्टर आदि उपकरण जलकर राख हो गए हैं. उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है. कहा कि कोरोना के कारण पहले ही आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. इस संबंध में मत्स्य निरीक्षक आमोद नौटियाल ने बताया कि उक्त घटना की सूचना मिली है. विभाग के कर्मियों को वहां भेजा है. पीड़ित काश्तकारों की मदद के लिए आपदा सहित अन्य मद से सहायता देने का प्रयास किया जाएगा.

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