टिहरीः नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने टिहरी बांध परियोजना (Tehri Dam Project) के अधिकारियों की याचिका पर उत्तराखंड सरकार के गृह सचिव देहरादून, जिला मजिस्ट्रेट टिहरी गढ़वाल, एसएसपी टिहरी, एसडीएम नई टिहरी, तहसीलदार नरेंद्र नगर, सागर भंडारी, सचिन नेगी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इन्हें 9 दिसंबर 2022 तक अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश होकर देने के लिए कहा है.
ये है मामलाः दरअसल, 13 सितंबर 2022 को पुनर्वास की मांग को लेकर टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने भागीरथीपुरम टीएचडीसी ऑफिस (Dharna case outside Bhagirathipuram THDC office) के बाहर अपनी मांगों को लेकर 14 दिन तक धरना दिया था. इसको लेकर टीएचडीसी के अधिकारियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और बताया कि टीएचडीसी एक ऐसा उपक्रम है जिसके 200 मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन करना वर्जित है. इसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट से सभी 7 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है. सभी को 9 दिसंबर 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देने के लिए कहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी और सचिन नेगी का कहना है टीएचडीसी इस नोटिस के माध्यम से लोगों के बीच यह संदेश देने का काम कर रही है कि टीएचडीसी के आगे सब बौने हैं. टीएसडीसी के दबाव में सरकार काम कर रही है. टीएचडीसी गांव के विस्थापन में उल्टे उल्टे नियमों को बनाकर लोगों को बेघर करने का काम कर रही है. टीएचडीसी ने गांव के 25 प्रतिशत ग्रामीणों की जमीन झील में डुबा दी और आज तक डूबी हुई जमीन के बदले कुछ नहीं दिया. जबकि 75 प्रतिशत ग्रामीणों की जमीन के बदले जमीन दे दी गई है. एक ही गांव में दो दो नियम बनाकर ग्रामीणों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है. वहीं, टीएचडीसी के अधिकारियों का कहना है कि ग्राणीणों ने नियमों का उल्लंघन किया है. इसके खिलाफ उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.