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देखो सरकार! ये है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, कंधों पर झूलती 'जिंदगी'

आजादी के इतने साल बाद भी टिहरी के प्रतापनगर के पिपलोगी गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिससे यहां के ग्रामीण काफी परेशान है. लंबे समय से ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी संबंधित अधिकारी सुध नहीं ले रहा है.

piplogi village
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Published : Nov 1, 2021, 11:46 AM IST

Updated : Nov 1, 2021, 8:29 PM IST

टिहरी: प्रदेश के दूरस्थ गांवों में सड़क की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. मामला प्रतापनगर के लम्बगांव बाजार से लगे करीब 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पिपलोगी का है. जहां आजादी के इतने साल बाद भी सड़क नहीं है. यहां के ग्रामीण 22 वर्षों से 2 किलोमीटर सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन सड़क नहीं बन पाई. संबंधित अधिकारियों द्वारा कई बार सड़क का सर्वे करवाया गया लेकिन इसके बावजूद सड़क कार्य शुरू नहीं किया गया.

बता दें कि, 2005 में तत्कालीन विधायक फूल सिंह बिष्ट ने लम्बगांव-विजपुर-पनियाला मोटरमार्ग का 2 किलोमीटर तक सड़क सर्वे करवाया था, लेकिन सड़क नहीं बन पाई. उसके बाद 2008 से 2013 तक तत्कालीन प्रधान श्रीमती प्रेमा देवी ने छह बार छह जगहों से अपने गांव के लिए सड़क का सर्वे करवाया. लेकिन सर्वे सफल नहीं हो पाया. उसके बाद फिर 2005 में तत्कालीन विधायक फूल सिंह बिष्ट ने सर्वे लम्बगांव-विजपुरी-पनियाला मोटरमार्ग का दोबारा से सर्वे करवाया गया, लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं बन पाई. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल.

पढ़ें: बनभूलपुरा में कबाड़ के ढेर में लगी भीषण आग, लाखों का सामान खाक

यहां ग्रामीण बीमार व्यक्ति को डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाने को मजबूर है. अगर ग्रामीण एक सिलेंडर गांव तक पहुंचाने के लिए नेपाली को 100 से ₹200 देने को मजबूर है. शादी विवाह, मकान आदि रोजमर्रा का सामान लाने ले जाने के लिए नेपाली को भारी-भरकम रुपये देने पड़ते है. अभी 2021 में सीएम धामी ने बाईपास सड़क की घोषणा की है लेकिन अभी दो से 3 माह बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई.

टिहरी: प्रदेश के दूरस्थ गांवों में सड़क की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. मामला प्रतापनगर के लम्बगांव बाजार से लगे करीब 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पिपलोगी का है. जहां आजादी के इतने साल बाद भी सड़क नहीं है. यहां के ग्रामीण 22 वर्षों से 2 किलोमीटर सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन सड़क नहीं बन पाई. संबंधित अधिकारियों द्वारा कई बार सड़क का सर्वे करवाया गया लेकिन इसके बावजूद सड़क कार्य शुरू नहीं किया गया.

बता दें कि, 2005 में तत्कालीन विधायक फूल सिंह बिष्ट ने लम्बगांव-विजपुर-पनियाला मोटरमार्ग का 2 किलोमीटर तक सड़क सर्वे करवाया था, लेकिन सड़क नहीं बन पाई. उसके बाद 2008 से 2013 तक तत्कालीन प्रधान श्रीमती प्रेमा देवी ने छह बार छह जगहों से अपने गांव के लिए सड़क का सर्वे करवाया. लेकिन सर्वे सफल नहीं हो पाया. उसके बाद फिर 2005 में तत्कालीन विधायक फूल सिंह बिष्ट ने सर्वे लम्बगांव-विजपुरी-पनियाला मोटरमार्ग का दोबारा से सर्वे करवाया गया, लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं बन पाई. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल.

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यहां ग्रामीण बीमार व्यक्ति को डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाने को मजबूर है. अगर ग्रामीण एक सिलेंडर गांव तक पहुंचाने के लिए नेपाली को 100 से ₹200 देने को मजबूर है. शादी विवाह, मकान आदि रोजमर्रा का सामान लाने ले जाने के लिए नेपाली को भारी-भरकम रुपये देने पड़ते है. अभी 2021 में सीएम धामी ने बाईपास सड़क की घोषणा की है लेकिन अभी दो से 3 माह बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई.

Last Updated : Nov 1, 2021, 8:29 PM IST
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