टिहरी: अगर आप मिठाई खाने के शौकीन हैं तो आपके टिहरी की सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी सिंगोड़ी मिठाई जरूर खाना चाहिए. इस मिठाई का स्वाद बेहद खास है, जो लोगों के दिलो-दिमाग पर छा जाती है. आधुनिकता और विकास की दौड़ में कई धरोहरें बढ़ती जरूरतों की भेंट चढ़ रही हैं. उन्हीं शहरों में एक है टिहरी. विकास की खातिर पूरे टिहरी शहर को जल समाधि लेना पड़ा. पुराने टिहरी के साथ-साथ सिंगोड़ी मिठाई का भी गौरवशाली इतिहास रहा है.
गौर हो कि राजशाही समय से टिहरी की विश्व प्रसिद्ध मिठाई सिंगोड़ी टिहरी शहर के अस्तित्व के साथ अब धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है. बरसों से बनाई जा रही विश्व प्रसिद्ध मिठाई, अब स्थानीय स्तर पर ही सिमट कर रह गया है. टिहरी में मिठाई की दुकानों में रौनक बढ़ाने वाली सिंगोड़ी अब भले ही कम देखने को मिलती है, लेकिन यदि आप नई टिहरी के बौराड़ी जाएंगे तो वहां सिंगोड़ी की मिठास आपको कुछ पुरानी दुकानों तक खींच लाएंगे. स्थानीय दुकानदार रविंद्र सिंह चौहान का कहना है कि मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गांव के लोग शुद्ध मावा लाकर हमें देते हैं और मालू के पत्ते के साथ मिलाकर सिंगोड़ी मिठाई बनाई जाती है.
एक्सपायरी डेट के साथ मिलेगी सिंगोड़ी
खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने एक नया नियम बनाया है. जिसके तहत एक अक्टूबर से ग्राहकों को अब बाजार में बिकने वाली खुली मिठाइयों के एक्सपायरी डेट की जानकारी मिल सकेगी. जोकि पहले ग्राहकों को नहीं मिलती थी. नियम के तहत अब कारोबारियों को खुली मिठाइयों के इस्तेमाल की समय सीमा बतानी होगी. कितने समय तक उसका इस्तेमाल ठीक रहेगा, उसकी समय सीमा की जानकारी उपभोक्ताओं को देनी होगी.
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श्रद्धा कपूर ने सिंगोड़ी की तारीफ की
फिल्म अभिनेत्री श्रद्धा कपूर नई टिहरी में बत्ती गुल मीटर चालू फिल्म की शूटिंग करने के दौरान सिंगोड़ी मिठाई खाई थी और उसकी तारीफ की थी. इसी विशेषता के कारण न केवल लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों से इसे लेने भी आते हैं. लेकिन, समय के साथ इस मिठाई की डिमांड कम होने के कारण अब कुछ चुनिंदा लोग इस ही इस मिठाई को बना रहे हैं.
ऐसे बनती है मिठाई
मालू पत्तों के अंदर 'पतबीड़ा' के ढाल में ढली सिंगोड़ी एक तरह का पेड़ा होता था, जिसे मावे से बनाया जाता है. दरअसल इस मिठाई की खासियत यह है कि इसे मालू के पत्ते में मावा लपेटकर रखा जाता है. इस मिठाई को बनाने के लिए पेड़े को 8 से 10 घंटे तक पत्ते में लपेट कर रखा जाता है. जिसके बाद पत्ते की खुशबू पेड़े में आ जाती है और यही खुशबू इस मिठाई को लाजवाब और स्वादिष्ट बना देती है.