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रेखा आर्या ने बांटे महालक्ष्मी किट, उत्तराखंड को बनाना चाहती हैं देवियों की भूमि

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने 30 महालक्ष्मी किट वितरित किये. उनकी संकल्पना है कि उत्तराखंड को देवियों की भूमि भी कहा जाए.

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Published : Jul 31, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 6:06 PM IST

टिहरी: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होंने 30 महालक्ष्मी किट का वितरण किया.

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री रेखा आर्य ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है. उनकी संकल्पना है कि उत्तराखंड को देवियों की भूमि भी कहा जाए. यह तभी संभव है जब महिलाएं नवजात बेटियों को सही परवरिश, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्रों में बालकों की तरह समान अवसर देंगी. उन्होंने कहा कि समूचे देश व विश्व में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो.

मंत्री रेखा आर्या ने किया 30 महालक्ष्मी किटों का वितरण.

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना कार्यक्रम में महिलाएं अपने शिशुओं को लेकर पहुंचीं, जिनको देखकर मंत्री रेखा आर्य बहुत खुश दिखाई दीं. इस मौके पर रेखा आर्य ने कहा कि यही बच्चियां हमारे आने वाले कल का भविष्य हैं. उन्होंने कहा कि यही बेटियां भविष्य में प्रदेश व देश का नाम रोशन करेंगी.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों के सापेक्ष 960 महिलाएं हैं. लिंगानुपात के इस अंतर को मिटाने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. इसी के तहत प्रसव उपरांत माता एवं कन्या शिशु के पोषण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का शुभारंभ किया गया है.

पढ़ें- दिल को 'कमजोर' कर रहा कोरोना, कार्डियोलॉजिस्ट ने किया आगाह

उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में बच्ची के जन्म पर परिजनों को बहुत सारी सामग्री खरीदनी पड़ती है. यह किट उपलब्ध होने के बाद उनको बच्ची की परवरिश के लिए छोटी-मोटी चीजें खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण योजना को लागू करने/धरातल पर उतारने वाला उत्तराखंड पहला व इकलौता राज्य है.

कार्यक्रम में मंत्री रेखा आर्य ने 30 महालक्ष्मी किट का वितरण किया. वहीं, जनपद भर में माह अप्रैल से जून तक जन्मीं 741 बालिकाओं को विकासखंड स्तर पर महालक्ष्मी किट का वितरण किया जाएगा.

महालक्ष्मी योजना किट में 13 तरह के सामान दिया गया है. किट में नवजात के लिए 9 तरह की सामग्री है. जिसमें माता के लिए बादाम गिरी, खुबानी, अखरोट 250 ग्राम, छुहारा 500 ग्राम, एक कंबल, एक गर्म शाल (फुल साइज), जुराब 2 जोड़ी, सेनेटरी नैपकिन 2 पैकेट, बेडशीट कॉटन के साथ दो तकिया, एक नेल कटर, एक बॉटल सरसों का तेल, चार साबुन कपड़े का साबुन.

नवजात शिशु के लिए एक जोड़ी कपड़े (सीजन के अनुसार), दो टोपी, दो लंगोट, एक बेबी तौलिया, एक बेबी साबुन, एक बेबी ऑयल, एक पाउडर, एक बेबी कंबल और दो गर्म रबड़ शीट शामिल है.

टिहरी: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होंने 30 महालक्ष्मी किट का वितरण किया.

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री रेखा आर्य ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है. उनकी संकल्पना है कि उत्तराखंड को देवियों की भूमि भी कहा जाए. यह तभी संभव है जब महिलाएं नवजात बेटियों को सही परवरिश, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्रों में बालकों की तरह समान अवसर देंगी. उन्होंने कहा कि समूचे देश व विश्व में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो.

मंत्री रेखा आर्या ने किया 30 महालक्ष्मी किटों का वितरण.

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना कार्यक्रम में महिलाएं अपने शिशुओं को लेकर पहुंचीं, जिनको देखकर मंत्री रेखा आर्य बहुत खुश दिखाई दीं. इस मौके पर रेखा आर्य ने कहा कि यही बच्चियां हमारे आने वाले कल का भविष्य हैं. उन्होंने कहा कि यही बेटियां भविष्य में प्रदेश व देश का नाम रोशन करेंगी.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों के सापेक्ष 960 महिलाएं हैं. लिंगानुपात के इस अंतर को मिटाने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. इसी के तहत प्रसव उपरांत माता एवं कन्या शिशु के पोषण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का शुभारंभ किया गया है.

पढ़ें- दिल को 'कमजोर' कर रहा कोरोना, कार्डियोलॉजिस्ट ने किया आगाह

उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में बच्ची के जन्म पर परिजनों को बहुत सारी सामग्री खरीदनी पड़ती है. यह किट उपलब्ध होने के बाद उनको बच्ची की परवरिश के लिए छोटी-मोटी चीजें खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण योजना को लागू करने/धरातल पर उतारने वाला उत्तराखंड पहला व इकलौता राज्य है.

कार्यक्रम में मंत्री रेखा आर्य ने 30 महालक्ष्मी किट का वितरण किया. वहीं, जनपद भर में माह अप्रैल से जून तक जन्मीं 741 बालिकाओं को विकासखंड स्तर पर महालक्ष्मी किट का वितरण किया जाएगा.

महालक्ष्मी योजना किट में 13 तरह के सामान दिया गया है. किट में नवजात के लिए 9 तरह की सामग्री है. जिसमें माता के लिए बादाम गिरी, खुबानी, अखरोट 250 ग्राम, छुहारा 500 ग्राम, एक कंबल, एक गर्म शाल (फुल साइज), जुराब 2 जोड़ी, सेनेटरी नैपकिन 2 पैकेट, बेडशीट कॉटन के साथ दो तकिया, एक नेल कटर, एक बॉटल सरसों का तेल, चार साबुन कपड़े का साबुन.

नवजात शिशु के लिए एक जोड़ी कपड़े (सीजन के अनुसार), दो टोपी, दो लंगोट, एक बेबी तौलिया, एक बेबी साबुन, एक बेबी ऑयल, एक पाउडर, एक बेबी कंबल और दो गर्म रबड़ शीट शामिल है.

Last Updated : Jul 31, 2021, 6:06 PM IST
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