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टिहरी: बंजर भूमि को प्रवासी युवकों ने किया सरसब्ज़, खेती बनी स्वरोजगार का साधन

चंबा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत आराकोट में प्रवासी युवक श्रमदान से बंजर भूमि को खेती लायक बनाया है. जिसमें बीन्स, राई, शिमला मिर्च और सब्जियों के अलावा अन्य नकदी फसल भी बोई गई है.

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बंजर भूमि को बनाया खेती लायक
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Published : Jun 20, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 4:25 PM IST

टिहरी: लॉकडाउन के कारण प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. इसकी बानगी चंबा ब्लॉक की ग्राम पंचायत आराकोट के नकोट गांव में देखने को मिली. जहां इन दिनों लॉकडाउन के बाद अपने गांव को लौटे प्रवासी नवयुवक चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन युवक ने समूह बनाकर गांव में कई साल से बंजर पड़ी जमीन को खेती लायक बनाया. वहीं, युवकों ने खेती के लिए सरकार से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई है.

बंजर भूमि को प्रवासी युवकों ने किया सरसब्ज़

लॉकडाउन के बाद शहर से कई प्रवासी घर लौटे हैं. वहीं, रोजगार छीछने पर प्रवासी स्वरोजगार के लिए नए-नए साधन जुटा रहे हैं. ताजा मामला चंबा ब्लॉक की ग्राम पंचायत आराकोट के नकोट गांव का है. जहां प्रवासी युवक ने समूह बनाकर बंजर भूमि को खेती लायक बनाया है. श्रमदान से इन खेतों में बीन्स, राई, शिमला मिर्च और अन्य सब्जियां बोई गई है. इन लोगों का कहना है कि वे दिल्ली, मुबंई और पंजाब में होटल चला रहे थे लेकिन, लॉकडाउन के कारण उनका होटल बंद हो गया. ऐसे में रोजगार ठप होने के कारण उन्हें घर लौटना पड़ा.

पढ़ें: उत्तराखंड में गजराज बने दूसरे जानवरों के लिए चुनौती, 1400 मीटर की ऊंचाई तक दिखी उपस्थिति

ऐसे में उन्होंने समूह बनाकर गांव की बंजर भूमि को सरसब्ज़ किया. ट्रैक्टर और मशीनों से खेत जोतने और बीज आदि खरीदने में करीब 50,000 रुपये तक खर्च आया है. युवकों का कहना है कि अगर उन्हें सरकार से कुछ मदद मिल जाए तो वह खेती को ही अपना रोजगार चुनकर बेहतर कार्य कर सकते हैं.

टिहरी: लॉकडाउन के कारण प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. इसकी बानगी चंबा ब्लॉक की ग्राम पंचायत आराकोट के नकोट गांव में देखने को मिली. जहां इन दिनों लॉकडाउन के बाद अपने गांव को लौटे प्रवासी नवयुवक चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन युवक ने समूह बनाकर गांव में कई साल से बंजर पड़ी जमीन को खेती लायक बनाया. वहीं, युवकों ने खेती के लिए सरकार से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई है.

बंजर भूमि को प्रवासी युवकों ने किया सरसब्ज़

लॉकडाउन के बाद शहर से कई प्रवासी घर लौटे हैं. वहीं, रोजगार छीछने पर प्रवासी स्वरोजगार के लिए नए-नए साधन जुटा रहे हैं. ताजा मामला चंबा ब्लॉक की ग्राम पंचायत आराकोट के नकोट गांव का है. जहां प्रवासी युवक ने समूह बनाकर बंजर भूमि को खेती लायक बनाया है. श्रमदान से इन खेतों में बीन्स, राई, शिमला मिर्च और अन्य सब्जियां बोई गई है. इन लोगों का कहना है कि वे दिल्ली, मुबंई और पंजाब में होटल चला रहे थे लेकिन, लॉकडाउन के कारण उनका होटल बंद हो गया. ऐसे में रोजगार ठप होने के कारण उन्हें घर लौटना पड़ा.

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ऐसे में उन्होंने समूह बनाकर गांव की बंजर भूमि को सरसब्ज़ किया. ट्रैक्टर और मशीनों से खेत जोतने और बीज आदि खरीदने में करीब 50,000 रुपये तक खर्च आया है. युवकों का कहना है कि अगर उन्हें सरकार से कुछ मदद मिल जाए तो वह खेती को ही अपना रोजगार चुनकर बेहतर कार्य कर सकते हैं.

Last Updated : Jul 6, 2020, 4:25 PM IST
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