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मिसाल: पहले बॉर्डर पर की देश की रक्षा, अब मान सिंह ने कीवी उगाकर फल उत्पादन में गाड़े झंडे

सेवानिवृत्ति के बाद सेना के जवान मान सिंह चौहान ने फलोत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा है. बीते दो सालों में चौहान ने एक कुंतल कीवी का उत्पादन किया है. वह बाजार में कीवी 40 से 60 रुपये किलो बेच रहे हैं.

kiwi farming
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Published : Oct 27, 2022, 12:50 PM IST

टिहरी: मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता है. यदि किसी कार्य को करने की व्यक्ति में लगन हो, तो सफलता मिलनी निश्चित है. ऐसा ही कर दिखाया है सेना से रिटायर्ड एक जवान ने. चंबा ब्लॉक के गौंसारी गांव निवासी मान सिंह चौहान ने नौकरी करने के बजाए उद्यान के क्षेत्र में कार्य करने की ठानी है. ऐसे में उन्होंने पैतृक भूमि पर 600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कीवी के पौधे लगाकर आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है और कीवी के साथ-साथ वह सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं.

भारतीय सेना से राइफलमैन पद से सेवानिवृत्त हुए मान सिंह चौहान ने रिटायरमेंट के बाद नौकरी करने के बजाए अपने खेतों को आबाद करने की ठानी है. उन्होंने मेहनत और जज्बे के साथ खेती-बाड़ी की ओर कदम बढ़ाया है. आज वह फलोत्पादन से परिवार की आजीविका को बहुत अच्छे ढंग से मजबूत कर रहे हैं. चौहान का कहना है कि कीवी के फल को बंदर सहित जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. उन्होंने कीवी के एक नर व तीन मादा पौधों को खेतों में लगाया और तीन साल तक इन पौधों की देखभाल की.
पढ़ें- विधानसभा भर्ती में भाई भतीजावाद पर संघ का एक्शन, कोर्ट के बहाने BJP नैतिकता से झाड़ रही पल्ला!

चौहान ने बताया कि कीवी के पौधों के लिए उन्होंने लोहे के एंगल लगाकर तार का जाला बिछाया. यही नहीं इन जालों के नीचे उन्होंने सब्जी उत्पादन भी शुरू किया. साथ में उन्होंने खेतों में एक पॉली हाउस भी बनाया है. वह 600 वर्ग मीटर जमीन पर कीवी के अलावा ऑर्गेनिक सब्जी का उत्पादन भी कर रहे हैं. इस साल अब तक उन्होंने 60 किलो कीवी का उत्पादन किया है. वहीं, स्थानीय स्तर पर ही कीवी 400 रुपये प्रति किलो बिकी है जबकि बाजार भाव इससे अधिक हैं. उन्होंने बताया कि यदि सरकार और विभाग मदद करे तो काश्तकार कीवी फलोत्पादन से खूब लाभ कमा सकते हैं. वह भविष्य में कीवी के और पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं.

टिहरी: मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता है. यदि किसी कार्य को करने की व्यक्ति में लगन हो, तो सफलता मिलनी निश्चित है. ऐसा ही कर दिखाया है सेना से रिटायर्ड एक जवान ने. चंबा ब्लॉक के गौंसारी गांव निवासी मान सिंह चौहान ने नौकरी करने के बजाए उद्यान के क्षेत्र में कार्य करने की ठानी है. ऐसे में उन्होंने पैतृक भूमि पर 600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कीवी के पौधे लगाकर आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है और कीवी के साथ-साथ वह सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं.

भारतीय सेना से राइफलमैन पद से सेवानिवृत्त हुए मान सिंह चौहान ने रिटायरमेंट के बाद नौकरी करने के बजाए अपने खेतों को आबाद करने की ठानी है. उन्होंने मेहनत और जज्बे के साथ खेती-बाड़ी की ओर कदम बढ़ाया है. आज वह फलोत्पादन से परिवार की आजीविका को बहुत अच्छे ढंग से मजबूत कर रहे हैं. चौहान का कहना है कि कीवी के फल को बंदर सहित जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. उन्होंने कीवी के एक नर व तीन मादा पौधों को खेतों में लगाया और तीन साल तक इन पौधों की देखभाल की.
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चौहान ने बताया कि कीवी के पौधों के लिए उन्होंने लोहे के एंगल लगाकर तार का जाला बिछाया. यही नहीं इन जालों के नीचे उन्होंने सब्जी उत्पादन भी शुरू किया. साथ में उन्होंने खेतों में एक पॉली हाउस भी बनाया है. वह 600 वर्ग मीटर जमीन पर कीवी के अलावा ऑर्गेनिक सब्जी का उत्पादन भी कर रहे हैं. इस साल अब तक उन्होंने 60 किलो कीवी का उत्पादन किया है. वहीं, स्थानीय स्तर पर ही कीवी 400 रुपये प्रति किलो बिकी है जबकि बाजार भाव इससे अधिक हैं. उन्होंने बताया कि यदि सरकार और विभाग मदद करे तो काश्तकार कीवी फलोत्पादन से खूब लाभ कमा सकते हैं. वह भविष्य में कीवी के और पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं.

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