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प्रतापनगरः बालिका इंटर कॉलेज में संसाधनों की भारी कमी, कैसे साकार होगा सपना ?

प्रतापनगर के लंबागांव में एक मात्र बालिका इंटर कॉलेज में सुविधाओं की भारी कमी है. जिसके कारण यहां साल दर साल छात्राओं की संख्या घटती जा रही है.

बालिका इंटर कॉलेज
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Published : Jan 28, 2020, 4:45 PM IST

प्रतापनगरः एक ओर सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बुलंद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर बालिकाओं की शिक्षा को लेकर उदासीन रवैया बना हुआ है. इसकी बानगी टिहरी जिले के प्रतापनगर में देखने को मिल रही है. जहां छात्राएं कॉलेज में सुविधाएं के अभाव में परेशान है.

बालिका इंटर कॉलेज में संसाधनों की कमी.

गौर हो कि प्रतापनगर क्षेत्र में मात्र एक बालिका इंटर कॉलेज है, जहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. वर्तमान में बालिकाओं की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण विद्यालय में लैब का न होना, कंप्यूटरों का खराब पड़े रहना, खेल मैदान का अभाव है. साथ ही विद्यालय के कई कमरे जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं, जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य सुचारू नहीं हो पा रहा है.

यह भी पढ़ेंः टिहरी: हॉस्पिटल में लंबे समय से डॉक्टरों का टोटा, मरीज भटकने को मजबूर

वहीं, विद्यालय में आज 135 छात्राएं अध्ययनरत हैं. विद्यालय में शैक्षणिक सुविधाएं न होने से बहुत परेशानी हो रही है. वहीं, विद्यालय में लगे कंप्यूटर भी शोपीस बने हुए हैं. वर्तमान में विद्यालय में स्टाफ लगभग पूरा है लेकिन विद्यालय में संसाधनों का अभाव है, जिसके कारण छात्राओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बेटियों की शिक्षा को लेकर सरकार के बड़े-बड़े दावे हवा साबित हो रहे हैं.

प्रतापनगरः एक ओर सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बुलंद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर बालिकाओं की शिक्षा को लेकर उदासीन रवैया बना हुआ है. इसकी बानगी टिहरी जिले के प्रतापनगर में देखने को मिल रही है. जहां छात्राएं कॉलेज में सुविधाएं के अभाव में परेशान है.

बालिका इंटर कॉलेज में संसाधनों की कमी.

गौर हो कि प्रतापनगर क्षेत्र में मात्र एक बालिका इंटर कॉलेज है, जहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. वर्तमान में बालिकाओं की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण विद्यालय में लैब का न होना, कंप्यूटरों का खराब पड़े रहना, खेल मैदान का अभाव है. साथ ही विद्यालय के कई कमरे जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं, जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य सुचारू नहीं हो पा रहा है.

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वहीं, विद्यालय में आज 135 छात्राएं अध्ययनरत हैं. विद्यालय में शैक्षणिक सुविधाएं न होने से बहुत परेशानी हो रही है. वहीं, विद्यालय में लगे कंप्यूटर भी शोपीस बने हुए हैं. वर्तमान में विद्यालय में स्टाफ लगभग पूरा है लेकिन विद्यालय में संसाधनों का अभाव है, जिसके कारण छात्राओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बेटियों की शिक्षा को लेकर सरकार के बड़े-बड़े दावे हवा साबित हो रहे हैं.

Intro: प्रतापनगर
कैसे पड़ेगी बेटियां कैसे बढ़ेगी बेटियां ।


Body: प्रतापनगर
कैसे पटेगी बेटियां और कैसे बढ़ेगी बेटियां ।
मामला प्रतापनगर के केंद्र बिंदु लंबागांव बालिका इंटर कॉलेज का है जो पूरे प्रतापनगर क्षेत्र में मात्र एक बालिका इंटर कॉलेज है जहां पर वर्तमान में बालिकाओं की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है जिसका सबसे बड़ा कारण विद्यालय में लैब का ना होना कंप्यूटरों का खराब पड़े रहना विद्यालय भवन पर्याप्त ना होना बच्चों का खेलने का मैदान ना होना और विद्यालय भवन का बारिश में टपकना आदि है साथ ही कई कमरे जीर्ण शीर्ण स्थिति में है जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य सुचारू नहीं हो पा रहा है विद्यालय में आज 135 छात्राएं अध्ययनरत हैं उनकी मजबूरियां हैं कि वे इस विद्यालय में जहां लैब नहीं है और लैब का सामान नाम मात्र का है जिस पर कभी भी कोई कार्य नहीं किया जाता कंप्यूटर शोपीस बने हुए हैं वर्तमान में विद्यालय में स्टाफ लगभग पूरा है लेकिन विद्यालय में संसाधनों का अभाव है जिसके कारण छात्राओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इन समस्याओं को देखते हुए आखिर कैसे पढेगी बेटियां और कैसे बढ़ेगी बेटियां ।


Conclusion: प्रतापनगर
कैसे पढ़ेगी बेटियां और कैसे बढ़ेगी बेटियां ।
सरकार के बड़े-बड़े दावे यहां फेल होते दिखाई दे रहे हैं विद्यालय भवन में सभी संसाधनों का टोटा है प्रतापनगर ।
विकासखंड में एकमात्र बालिका इंटर कॉलेज है जिसमें सभी संसाधनों का अभाव है ।
ऐसे में कैसे बढ़ेगी बेटियां और कैसे बढ़ेगी बेटियां ।
बाइट - प्रधानाचार्य श्रीमती रानी
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