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टिहरी: हॉस्पिटल में लंबे समय से डॉक्टरों का टोटा, मरीज भटकने को मजबूर

टिहरी के नरेंद्र नगर के श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय में इन दिनों डॉक्टरों और संसाधनों की कमी है, जिसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

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संयुक्त अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
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Published : Jan 28, 2020, 12:52 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 3:17 PM IST

टिहरी: नरेंद्र नगर के श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. जिस कारण मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गर्भवती महिलाओं को जिन्हें उपचार के लिए बाहरी जनपद का रुख करना पड़ रहा है. वहीं एम्बुलेंस भी लंबे समय से चिकित्सालय में धूल फांक रही है, जिसको लेकर लोगों में खासा रोष है.

संयुक्त अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

गौर हो कि श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से बना हुआ है और 61 बेड सृजित हैं. जो इन दिनों डॉक्टरों और संसाधनों की मार झेल रहा है. मरीजों की मानें तो इस अस्पताल में आर्थोपेडिक, जनरल, ईएनटी सर्जन और फिजिशियन का टोटा लंबे समय से बना हुआ है. वहीं दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. खासकर गर्भवती महिलाओं को जिन्हें उपचार के लिए बाहरी जनपद का रुख करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: वृक्षारोपण की असफलता से हुआ मैती आंदोलन का जन्म, ऐसे लिखी कल्याण सिंह रावत ने इबारत

लोगों का कहना है कि मामले को प्रशासन के समक्ष कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. स्थानीय लोगों ने जल्द अस्पतलाल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है. ऐसे में देखना होगा कि शासन-प्रशासन के अधिकारी कब नींद से जागते हैं?

टिहरी: नरेंद्र नगर के श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. जिस कारण मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गर्भवती महिलाओं को जिन्हें उपचार के लिए बाहरी जनपद का रुख करना पड़ रहा है. वहीं एम्बुलेंस भी लंबे समय से चिकित्सालय में धूल फांक रही है, जिसको लेकर लोगों में खासा रोष है.

संयुक्त अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

गौर हो कि श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से बना हुआ है और 61 बेड सृजित हैं. जो इन दिनों डॉक्टरों और संसाधनों की मार झेल रहा है. मरीजों की मानें तो इस अस्पताल में आर्थोपेडिक, जनरल, ईएनटी सर्जन और फिजिशियन का टोटा लंबे समय से बना हुआ है. वहीं दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. खासकर गर्भवती महिलाओं को जिन्हें उपचार के लिए बाहरी जनपद का रुख करना पड़ रहा है.

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लोगों का कहना है कि मामले को प्रशासन के समक्ष कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. स्थानीय लोगों ने जल्द अस्पतलाल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है. ऐसे में देखना होगा कि शासन-प्रशासन के अधिकारी कब नींद से जागते हैं?

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विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है नरेंद्र नगर स्थित श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय,Body:टिहरी
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है नरेंद्र नगर स्थित श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय,

लगभग 20 करोड़ की लागत से 2560 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित है यह 61शैय्याओं वाला अस्पताल,

अस्पताल में स्वीकृत 19 पदों के अगेंस्ट 12 डॉक्टर ही तैनात हैं, जबकि इन 12 में भी रेडियोलॉजिस्ट हफ्ते में 2 दिन नरेंद्र नगर और 4 दिन हरिद्वार मैं अपनी तैनाती देती है,

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लम्बे समय से निश्प्रयोज्य घोषित है,

टिहरी जिले के दूसरे सबसे बड़े इस अस्पताल में आर्थोपेडिक, जनरल, ईएनटी सर्जन, फिजीशियन व निश्चेतक जैसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति लंबे समय से नहीं है,

जिसके कारण यह अस्पताल सिर्फ और सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गया है,

अस्पताल में 108 की 2 सेवाएं और 1 खुशी की सवारी जंग खा रही है, इनकी मरम्मत करने की जहमत नहीं उठाई गई,

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लंबे समय से अवकाश पर चल रही हैं,

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा० मनोज बहुखंडी के पदोन्नति पर जाने से सीएमएस का पद भी अस्पताल में रिक्त चला रहा है,

61 शैय्याओं वाले इस अस्पताल में इस वक्त सिर्फ 4 मरीज जेठा दास 70 वर्ष, सुन्दर सिंह रावत 68 वर्ष, प्रेम मती 70 वर्ष और छोटे लाल 45 वर्ष ही भर्ती हैं,
अस्पताल में मरीजों की संख्या देखकर तो ऐसा लगता है मानों जैसे पूरा क्षेत्र ही बीमारी से मुक्त हो गया हो,

चार धाम यात्रा रूट पर स्थित इस अस्पताल में विगत कई वर्षों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण यात्रियों के उपचार की भी यहां कतई उचित व्यवस्था नहीं है,

Conclusion:क्षेत्र के लोगों को लंबे समय से इंतजार है कि स्वास्थ्य सेवाओं की उचित व्यवस्था का राग अलापने वाली सरकार आखिर इस बड़े आलिशान अस्पताल में कब विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करती है । बस बरसों से इसी इंतजार में माथा पकड़े हैं यहां के लोग।

बाईट,प्रभारी सी एम एस
डा०अनिल कुमार नेगी,

बाईट-उत्तराखंड आंदोलनकारी रहे सामाजिक कार्यकर्ता
रवीन्द्र सकलानी
Last Updated : Jan 28, 2020, 3:17 PM IST
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