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केंद्रीय योजना को PWD का ठेंगा, गांव की सड़क को जंगल की तरफ मोड़ा, ग्रामीण नाराज - टिहरी डीएफओ

घंसाली के मोलनो गांव की बनने वाली सड़क पर लोक निर्माण विभाग की भारी अनियमितता सामने आई है. विभाग ने गांव की सड़क को जंगल की तरफ मोड़ दिया है.

TEHRI
टिहरी
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Published : Aug 11, 2021, 6:07 PM IST

टिहरीः केंद्र सरकार द्वारा स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत टिहरी के घनसाली विधानसभा के मोलनो कोटि फेगुल गांव में 5 किमी की सड़क के लिए 28 सितंबर 2017 को 2 करोड़ 61 लाख की राशि जारी की गई थी. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार ने सड़क को गांव की तरफ न ले जाकर दूसरी तरफ मोड़ दिया है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को गांव तक सड़क न बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

घनसाली का अनुसूचित जाति मोलनो गांव के ग्रामीणों का कहना है कि भारत सरकार ने जिस प्लान के तहत गांव तक सड़क बनाने के लिए ठेकेदार के साथ अनुबंध किया था. उस अनुबंध के आधार पर गांव तक सड़क नहीं बनाई गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग बौराड़ी के अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से इस सड़क को गांव की तरफ न ले जाकर जंगल की तरफ मोड़ दिया है. हालांकि आश्चर्य की बात ये है कि लोक निर्माण विभाग बौराड़ी द्वारा वह सड़क भी पूरी नहीं बनाई गई है.

गांव की सड़क को जंगल की तरफ मोड़ दी

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड भू-कानून: सड़क पर उतरे युवा, मूल निवास को बहाल करने की मांग

वहीं, भारत सरकार की स्पेशल योजना के कार्य में की गई गड़बड़ी पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. उधर डीएफओ टिहरी का कहना है कि सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई है. वन विभाग की जमीन पर किसी भी तरह की छेड़खानी होती है तो लोक निर्माण विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

टिहरीः केंद्र सरकार द्वारा स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत टिहरी के घनसाली विधानसभा के मोलनो कोटि फेगुल गांव में 5 किमी की सड़क के लिए 28 सितंबर 2017 को 2 करोड़ 61 लाख की राशि जारी की गई थी. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार ने सड़क को गांव की तरफ न ले जाकर दूसरी तरफ मोड़ दिया है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को गांव तक सड़क न बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

घनसाली का अनुसूचित जाति मोलनो गांव के ग्रामीणों का कहना है कि भारत सरकार ने जिस प्लान के तहत गांव तक सड़क बनाने के लिए ठेकेदार के साथ अनुबंध किया था. उस अनुबंध के आधार पर गांव तक सड़क नहीं बनाई गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग बौराड़ी के अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से इस सड़क को गांव की तरफ न ले जाकर जंगल की तरफ मोड़ दिया है. हालांकि आश्चर्य की बात ये है कि लोक निर्माण विभाग बौराड़ी द्वारा वह सड़क भी पूरी नहीं बनाई गई है.

गांव की सड़क को जंगल की तरफ मोड़ दी

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वहीं, भारत सरकार की स्पेशल योजना के कार्य में की गई गड़बड़ी पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. उधर डीएफओ टिहरी का कहना है कि सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई है. वन विभाग की जमीन पर किसी भी तरह की छेड़खानी होती है तो लोक निर्माण विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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