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मनरेगा के कामों में धांधली का आरोप, अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

ग्राम पंचायत धार पंयाकोटी गांव में खेतों में भूमि सुधार के कार्यों में घोटाला सामने आया है. ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर कुछ हुआ नहीं, सिर्फ कागजों में काम हुआ है.

मनरेगा में धांधली
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Published : Sep 16, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 4:29 PM IST

देवप्रयागः विकासखंड कीर्तिनगर की ग्राम पंचायत धारपंया कोटी गांव में मनरेगा के कामों में धांधली के आरोप लगे हैं. मामला प्रकाश में आने पर अब उपजिलाधिकारी ने अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. गौरतलब है कि ग्राम पंचायत धारपंया कोटी में गत जुलाई व अगस्त माह में ग्रामीणों के खेतों में भूमि सुधार के कार्य स्वीकृत किए गए थे, जो केवल कागजों में पूरे कर दिये गये. लेकिन धरातल पर ये कार्य हुए ही नहीं.

भूमि सुधार के कार्यों में घोटाला

जो काम नहीं हुए उन कार्यो का पैसा लोगों के खाते में डाल दिया गया. बाद में मामला आरटीआई के माध्यम से खुला. बता दें कि सरकार द्वारा 15 जुलाई को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए थे, जबकि काम होना 29 जुलाई से बताया गया. मस्टरोल (उपस्थिति पंजिका) में 26 ग्रामीणों की मनरेगा में कार्यस्थल पर उपस्थिति दर्ज करायी गई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर कुछ हुआ नहीं, सिर्फ कागजों में काम हुआ है.

यह भी पढ़ेंः होटल के कमरे में मिला कर्मचारी का शव, मौत की गुत्थी में उलझी पुलिस

मामला जब खुला तो उपजिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. लेकिन सवाल ये उठता है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी क्यों नहीं की जाती. जब घोटाले हो जाते हैं तभी मामलों में कार्रवाई क्यों होती है.

देवप्रयागः विकासखंड कीर्तिनगर की ग्राम पंचायत धारपंया कोटी गांव में मनरेगा के कामों में धांधली के आरोप लगे हैं. मामला प्रकाश में आने पर अब उपजिलाधिकारी ने अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. गौरतलब है कि ग्राम पंचायत धारपंया कोटी में गत जुलाई व अगस्त माह में ग्रामीणों के खेतों में भूमि सुधार के कार्य स्वीकृत किए गए थे, जो केवल कागजों में पूरे कर दिये गये. लेकिन धरातल पर ये कार्य हुए ही नहीं.

भूमि सुधार के कार्यों में घोटाला

जो काम नहीं हुए उन कार्यो का पैसा लोगों के खाते में डाल दिया गया. बाद में मामला आरटीआई के माध्यम से खुला. बता दें कि सरकार द्वारा 15 जुलाई को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए थे, जबकि काम होना 29 जुलाई से बताया गया. मस्टरोल (उपस्थिति पंजिका) में 26 ग्रामीणों की मनरेगा में कार्यस्थल पर उपस्थिति दर्ज करायी गई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर कुछ हुआ नहीं, सिर्फ कागजों में काम हुआ है.

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मामला जब खुला तो उपजिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. लेकिन सवाल ये उठता है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी क्यों नहीं की जाती. जब घोटाले हो जाते हैं तभी मामलों में कार्रवाई क्यों होती है.

Intro:Body:एंकर-विकास खंड कीर्तिनगर की ग्राम पंचायत धार पंयाकोटी गांव में प्रशासक नियुक्त होने के बाद मनरेगा के कामों में धांधली के आरोप उठे हैं। मामला प्रकाश में आने पर अब उप जिलाधिकारी कीर्तिनगर मामले मे अधिकारियो पर कार्यवाही की बात कह रही है देखिये क्या है पूरा मामला ।



विओ 1-ग्राम पंचायत धार पंयाकोटी में गत जुलाई व अगस्त माह में ग्रामीणों के खेतों में भूमि सुधार के कार्य स्वीकृत किए गए थे। जो कागजो मे पूरे कर दिये गये लेकिन धरातल पर ये कार्य हुए ही नही जो काम नही हुए उन कार्यो का पैसा लोगो के खाते मे डाल दिया गया मामला आरटीआई के माध्यम से खुला।यहां आप को बता दे कि सरकार द्वारा १५ जुलाई को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर ग्राम पचायतो मे प्रशासक नियुक्त किए गए। जबकि काम होना २९ जुलाई से बताया गया। मस्टर रोल (उपस्थिति पंजिका) में २६ ग्रामीणों मनरेगा मेें कार्य स्थल पर उपस्थिति दर्ज करायी गई है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर कुछ हुआ नहीं, सिर्फ कागजों में काम हुआ है।

विओ-2-मामला जब खुला तो उपजिलाधिकारी कीर्तीनगर सम्बन्धित अधिकारियो पर कार्यवाही की बात कह रही है लेकिन सवाल ये उठता है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो मे विकास कार्यो की मोनिट्ररिग क्यो नही की जाती जब घोटाले हो जाते है तभी मामलो मे कार्यवाही क्यो होती है।


बाइट-अनुराधा पाल उपजिलाधिकारी कीर्तिनगरConclusion:
Last Updated : Sep 16, 2019, 4:29 PM IST
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