देवप्रयागः विकासखंड कीर्तिनगर की ग्राम पंचायत धारपंया कोटी गांव में मनरेगा के कामों में धांधली के आरोप लगे हैं. मामला प्रकाश में आने पर अब उपजिलाधिकारी ने अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. गौरतलब है कि ग्राम पंचायत धारपंया कोटी में गत जुलाई व अगस्त माह में ग्रामीणों के खेतों में भूमि सुधार के कार्य स्वीकृत किए गए थे, जो केवल कागजों में पूरे कर दिये गये. लेकिन धरातल पर ये कार्य हुए ही नहीं.
जो काम नहीं हुए उन कार्यो का पैसा लोगों के खाते में डाल दिया गया. बाद में मामला आरटीआई के माध्यम से खुला. बता दें कि सरकार द्वारा 15 जुलाई को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए थे, जबकि काम होना 29 जुलाई से बताया गया. मस्टरोल (उपस्थिति पंजिका) में 26 ग्रामीणों की मनरेगा में कार्यस्थल पर उपस्थिति दर्ज करायी गई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर कुछ हुआ नहीं, सिर्फ कागजों में काम हुआ है.
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मामला जब खुला तो उपजिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही. लेकिन सवाल ये उठता है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी क्यों नहीं की जाती. जब घोटाले हो जाते हैं तभी मामलों में कार्रवाई क्यों होती है.