धनौल्टीः थौलधार ग्राम प्रहरी संगठन से जुड़े लोगों ने कंडीसौड़ तहसील में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने ग्राम प्रहरियों को भी होमगार्ड/पीआरडी की तरह अनुसेवकों के पदों पर समायोजित करने, प्रतिमाह 15,000 रुपए मानदेय आदि दिए जाने की मांग की. जिसे लेकर उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भी भेजा.
ग्राम प्रहरी संगठन के अध्यक्ष विनोद राणा ने कहा कि राजस्व ग्राम प्रहरी 4 फरवरी 2004 से आज तक प्रत्येक ग्राम पंचायतों में नियमित सेवाएं दे रहे हैं. साथ ही राजस्व उपनिरीक्षकों के साथ हर परिस्थितियों में खड़े रहते हैं. जिसमें मुख्य रूप से बाहरी राज्यों से आए हुए फेरीवाले और कबाड़ी वालों की सूचना संबंधित थाना चौकियों तक उपलब्ध कराना, ग्राम सभाओं में अवैध रूप से शराब एवं अन्य नशीली सामग्री बेचने वालों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाना है.
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उन्होंने कहा कि ग्राम प्रहरी वाहन दुर्घटना के समय मौके पर पहुंचकर घायलों की मदद कर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने और रेस्क्यू कार्यों में मदद करते हैं. ग्राम सभाओं में आपसी लड़ाई-झगड़े के कारण शांति व्यवस्था बिगड़ने पर राजस्व उप निरीक्षकों तक सूचना पहुंचाते हैं. साथ ही कहा कि कोरोना महामारी के दौरान क्वारंटाइन सेंटरों, ग्राम सभा में सैनिटाइजर का छिड़काव में भी अहम भूमिका निभाई.
इसके अलावा लोकसभा, विधानसभा, पंचायत चुनाव में अपनी सेवाएं देते हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी कामों के लिए उन्हें 1200 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है. ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण उनकी आर्थिकी पर बड़ा असर पड़ रहा है, जिसके कारण उनके आगे परिवार के भरण-पोषण की समस्या पैदा हो गई है.
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ग्राम प्रहरियों की मांग है कि उन्हें भी होमगार्ड/पीआरडी स्वयं सेवकों की तरह अनुसेवकों के पदों पर समायोजित किया जाए और प्रतिमाह 15,000 रुपए मानदेय दिया जाए. इस मौके पर पहुंचे कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिह बिष्ट ने भी प्रहरी संगठन को अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को इनकी मांगों पर जल्द विचार करना चाहिए.