ETV Bharat / state

नरेंद्र नगर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बना बदहाल, अव्यवस्थाओं का अंबार - नरेंद्र नगर राजकीय पॉलिटेक्निक

टिहरी के नरेंद्र नगर राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में छात्रों की संख्या कम होने से कई विभागों की पढ़ाई बंद कर दी गई है. अब सिर्फ 4 विभागों की ही कक्षाएं चलती हैं, जिससे अब कॉलेज की स्थिति बदहाल हो चुकी है.

जकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 9:29 AM IST

नरेंद्र नगर/टिहरी: एक समय था जब राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज नरेंद्र नगर प्रमुख पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शुमार हुआ करता था, जिसमें सभी प्रकार के विभाग की कक्षाएं चलाई जाती थी, लेकिन पॉलिटेक्निक सिर्फ 4 विभागों में सिमट कर रह गया है. सिविल इंजीनियरिंग मैकेनिकल ट्रेड की वर्कशॉप एवं पीजीडीसीए ट्रेड में बच्चों की संख्या कम होने के कारण क्लासेस बंद कर दी गई हैं.

जकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज बदहाल स्थिति में.

प्राचार्य आलोक मिश्रा ने बताया कि एआईसीटीई के मानकों के कारण सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल ट्रेड को बंद करना पड़ा. कॉलेज में अब सिर्फ फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और आईटी के विभाग ही बचे हैं, जहां क्लासेस चलती हैं. पीजीडीसीए में बच्चों की संख्या कम के कारण अगले सत्र से एडमिशन नहीं किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर मानकों को पूरा कर दिया जाए तो मैकेनिकल एवं सिविल इंजीनियरिंग की ब्रांच दोबारा से खोली जा सकती है.

उत्तराखंड के शिक्षण संस्थान पॉलिटेक्निक कॉलेजों का घटता स्तर
कॉलेज के कैंपस में आवारा पशु एवं चारों तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां देखने को मिल रही हैं. वाटर टैंक के आसपास झाड़ियां कॉलेज प्रशासन की लापरवाही उजागर कर रही हैं. नरेंद्र नगर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज शहर से 4 किलोमीटर दूर स्थित है, जो कि तीन तरफ से जंगल से घिरा हुआ है. कैंपस के अंदर ही विभागीय आवास एवं छात्रावास की सुविधा थी, जो जिसके भवन अब बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं.

नरेंद्र नगर/टिहरी: एक समय था जब राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज नरेंद्र नगर प्रमुख पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शुमार हुआ करता था, जिसमें सभी प्रकार के विभाग की कक्षाएं चलाई जाती थी, लेकिन पॉलिटेक्निक सिर्फ 4 विभागों में सिमट कर रह गया है. सिविल इंजीनियरिंग मैकेनिकल ट्रेड की वर्कशॉप एवं पीजीडीसीए ट्रेड में बच्चों की संख्या कम होने के कारण क्लासेस बंद कर दी गई हैं.

जकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज बदहाल स्थिति में.

प्राचार्य आलोक मिश्रा ने बताया कि एआईसीटीई के मानकों के कारण सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल ट्रेड को बंद करना पड़ा. कॉलेज में अब सिर्फ फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और आईटी के विभाग ही बचे हैं, जहां क्लासेस चलती हैं. पीजीडीसीए में बच्चों की संख्या कम के कारण अगले सत्र से एडमिशन नहीं किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर मानकों को पूरा कर दिया जाए तो मैकेनिकल एवं सिविल इंजीनियरिंग की ब्रांच दोबारा से खोली जा सकती है.

उत्तराखंड के शिक्षण संस्थान पॉलिटेक्निक कॉलेजों का घटता स्तर
कॉलेज के कैंपस में आवारा पशु एवं चारों तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां देखने को मिल रही हैं. वाटर टैंक के आसपास झाड़ियां कॉलेज प्रशासन की लापरवाही उजागर कर रही हैं. नरेंद्र नगर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज शहर से 4 किलोमीटर दूर स्थित है, जो कि तीन तरफ से जंगल से घिरा हुआ है. कैंपस के अंदर ही विभागीय आवास एवं छात्रावास की सुविधा थी, जो जिसके भवन अब बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं.

Intro:नरेंद्र नगर/ टिहरी गढ़वाल:- पहले कभी राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज नरेंद्र नगर प्रमुख पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शुमार हुआ करता था !जिसमें सभी प्रकार के विभाग की कक्षाएं चलाई जाती थी जो कि अब सिर्फ फार्मेसी , इलेक्ट्रॉनिक , इलेक्ट्रिकल ,आईटी जैसे 4 विभागों में सिमट कर रह गया है सिविल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल ट्रेड की वर्कशॉप ना होने के कारण एवं पीजीडीसीए ट्रेड मैं बच्चों की संख्या कम होने के कारण क्लासेस बंद कर दी गई है
प्राचार्य श्री आलोक मिश्रा जी द्वारा बताया गया की ए आई सी टी के मानकों के कारण सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल ट्रेड को बंद करना पड़ा और साथ ही पीजीडीसीए में बच्चों की संख्या कम के कारण अगले सत्र से एडमिशन नहीं किए जाएंगे प्राचार्य द्वारा यह भी बताया गया कि मानकों को पूरा कर दिया जाए तो मैकेनिकल एवं सिविल इंजीनियरिंग की ब्रांचे दोबारा से खोली जा सकती हैBody:उत्तराखंड के शिक्षण संस्थान पॉलिटेक्निक कॉलेजों का घटता स्तरConclusion:यह तो इसे शासन प्रशासन की लापरवाही मानी जाए यह शिक्षा विभाग की नाकामी वहीं दूसरी तरफ कॉलेज के कैंपस में आवारा पशु एवं चारों तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां देखने को मिल रही है वही पीने के पानी के आसपास गंदगी एवं गाजर घास जेसी जहरीली झाड़ियां कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को दिखाती है नरेंद्र नगर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज शहर से 4 किलोमीटर दूर स्थित है जो कि तीन तरफ से जंगल से घिरा हुआ है कैंपस के अंदर ही विभागीय आवास एवं छात्रावास की सुविधा भी थी जो भवन अब खंडवाओ में तब्दील हो चुके हैं
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.