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आजाद हिंद फौज के प्रमुख सूबेदार औतार सिंह तोपवाल का निधन, कई बार अंग्रेजों के छुड़ाए थे छक्के

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल का गुरुवार को निधन हो गया. तोपवाल आजाद हिंद फौज के प्रमुख सूबेदार थे.

फाइल फोटो
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Published : Sep 5, 2019, 11:23 PM IST

Updated : Sep 6, 2019, 12:52 PM IST

टिहरी: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल का गुरुवार को 99 साल की उम्र में निधन हो गया है. तोपवाल काफी समय से बीमार चल रहे थे. इन दिनों वो अपने देहरादून में स्थित भानियावाला आवास पर रह रहे थे. तोपवाल मूल रूप से टिहरी के बौराड़ी गांव के रहने वाले थे. तोपवाल का अंतिम संस्कार शुक्रवार को हरिद्वार में किया जाएगा.

तोपवाल को 22 जुलाई को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद 31 जुलाई को उन्हें घर लाया गया था. इसके बाद वह घर में ही थे. गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे उन्होंने अपने भानियावाला निवास पर अंतिम सांस ली. उनके छह बेटे हैं. इनकी पत्नी शांति देवी का पहले ही स्वर्गवास हो गया था.

पढ़ें- स्टिंग मामला: हरदा ने खुद को बताया बेकसूर, कहा- मेरे ही घर हुई चोरी और मुझे ही बना डाला चोर

औतार सिंह तोपवाल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज और टिहरी रियासत के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाए गए प्रजामंडल में शामिल थे. तोपवाल आजाद हिंद फौज के प्रमुख सूबेदार थे. तोपवाल ने जापान और वर्मा की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था.

पढ़ें- उत्तराखंड के 30 शिक्षक राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित, CM और शिक्षा मंत्री ने भी सराहा

आजादी के लड़ाई लड़ते हुए वो कई बार जेल भी गए. तोपवाल ने देश की आजादी में जो योगदान दिया है उसके लिए उन्हें प्रशासन की ओर से कई बार सम्मानित किया गया. 1974 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने औतार सिंह तोपवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था. तोपवाल के बेटे विजयपाल ने बताया कि उनके पिता का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से खराब चल रहा था.

टिहरी: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल का गुरुवार को 99 साल की उम्र में निधन हो गया है. तोपवाल काफी समय से बीमार चल रहे थे. इन दिनों वो अपने देहरादून में स्थित भानियावाला आवास पर रह रहे थे. तोपवाल मूल रूप से टिहरी के बौराड़ी गांव के रहने वाले थे. तोपवाल का अंतिम संस्कार शुक्रवार को हरिद्वार में किया जाएगा.

तोपवाल को 22 जुलाई को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद 31 जुलाई को उन्हें घर लाया गया था. इसके बाद वह घर में ही थे. गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे उन्होंने अपने भानियावाला निवास पर अंतिम सांस ली. उनके छह बेटे हैं. इनकी पत्नी शांति देवी का पहले ही स्वर्गवास हो गया था.

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औतार सिंह तोपवाल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज और टिहरी रियासत के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाए गए प्रजामंडल में शामिल थे. तोपवाल आजाद हिंद फौज के प्रमुख सूबेदार थे. तोपवाल ने जापान और वर्मा की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था.

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आजादी के लड़ाई लड़ते हुए वो कई बार जेल भी गए. तोपवाल ने देश की आजादी में जो योगदान दिया है उसके लिए उन्हें प्रशासन की ओर से कई बार सम्मानित किया गया. 1974 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने औतार सिंह तोपवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था. तोपवाल के बेटे विजयपाल ने बताया कि उनके पिता का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से खराब चल रहा था.

Intro:स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल का हुआ निधन

ई टीवी भारत से 14 अगस्त 2019 को खासबात की थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल ने,बताई थी देश आजादी की कहानी Body:आजाद हिंद फौज में शामिल रहे नई टिहरी बौराड़ी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औतार सिंह तोपवाल का लंबी बीमारी के बाद भानियावाला देहरादून में अपने आवास पर निधन हो गया। वह 99 साल के थे। शुक्रवार को हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजाद हिंद फौज और टिहरी रियासत के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाए गए प्रजामंडल में औतार सिंह तोपवाल शामिल थे। औतार सिंह तोपवाल को 22 जुलाई को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद 31 जुलाई को उन्हें घर ले आया गया था। इसके बाद वह घर में ही थे। गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे उन्होंने अपने भानियावाला विस्थापित क्षेत्र में अपने बेटे के घर पर आखिरी सांस ली। औतार सिंह तोपवाल अपने पीछे छह बेटे और नाती पोते छोड़ गए हैं। इनकी पत्नी मासांती देवी का पहले ही स्वर्गवास हो गया था।

औतार सिंह तोपवाल आजाद हिंद फौज के प्रमुख सूबेदार थे। जापान और वर्मा की लड़ाई में भी इन्होंने हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वह कई बार जेल भी गए। औतार सिंह तोपवाल को प्रशासन की तरफ से उनके योगदान के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया। 1974 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने औतार सिंह तोपवाल को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था।Conclusion:
औतार सिंह तोपवाल के बेटे विजयपाल तोपवाल ने बताया कि पिताजी का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से खराब था। औतार सिंह तोपवाल आजाद हिंद फौज में शामिल रहे और उसके प्रमुख सूबेदार थे। जापान और वर्मा की लड़ाई में भी इन्होंने हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वह कई बार जेल भी गए। औतार सिंह तोपवाल को प्रशासन की तरफ से उनके योगदान के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया। 1974 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने औतार सिंह तोपवाल को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था।


सर इनका ििइंटरव्यू मेने 14 अगस्त को wrap से भेजी थी उन विसुअलो को लगाकर खबर बना सकते है आप
Last Updated : Sep 6, 2019, 12:52 PM IST
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