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डोबरा चांठी पुल: अब बीजेपी-कांग्रेस के बीच श्रेय लेने की सियासत

पुल निर्माण पर 275 करोड़ खर्च हो चुके हैं. पुल पर आवाजाही शुरू हो जाने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के एक हिस्से के लोगों को फायदा होगा और टिहरी जिला मुख्यालय से दूरी 30 से 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.

डोबरा चांठी पुल
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Published : Sep 16, 2019, 7:44 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 11:12 PM IST

प्रताप नगर: टिहरी झील पर 13 साल से बन रहे डोबरा चांठी पुल के डैक (सतह) आपस में जोड़ने का काम लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने पूरा कर लिया है. हालांकि अभी इस पर आवाजाही शुरू होने में तीन से चार महीने का समय लगेगा. लेकिन राजनीतिक पार्टियों में अभी से इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है.

श्रेय लेने की इसी होड़ में पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने वर्तमान बीजेपी विधायक विजय सिंह पवार के साथ-साथ त्रिवेंद्र सरकार को भी चैलेंज किया है. विक्रम सिंह ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि इस पुल के लिए किसने कितना काम किया इसका पता लगाने के लिए सरकार और बीजेपी चाहे तो डिबेट करा ले.

पढ़ें- 13 साल बाद पूरा होगा डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य, जल्द बनकर होगा तैयार

नेगी ने कहा कि यह पुल कांग्रेस की देन है. 2006 में कांग्रेस विधायक फूल सिंह बिष्ट के अथक प्रयासों से तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इस पुल की स्वीकृति दी थी. इसके बाद 2007 में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई, लेकिन उन पांच सालों में इस पुल पर रत्ती भर भी काम नहीं किया गया.

डोबरा चांठी पुल पर राजनीति

नेगी ने बताया कि 2012 में फिर कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई और वो यहां से विधायक चुने गए. उस दौरान ये पुल विकट स्थिति में था. क्योंकि पुल का डिजाइन फेल हो चुका था. इसके बाद कोरियन कंपनी को इसका टेंडर दिया गया. आज भी वह कंपनी इस पर काम कर रही है.

पढ़ें- अब उत्तराखंड में प्लास्टिक से बनेगा डीजल, इस जगह लगाई जाएगी मशीन

पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी का दावा है कि इस पुल की स्वीकृति कांग्रेस सरकार ने दी थी और उन्होंने इसका डिजाइन पास कराया था. बीजेपी सरकार और उनके विधायक का इसमें कोई योगदान नहीं है, वो केवल और केवल इसका श्रेय लेना चाहते है.

प्रताप नगर: टिहरी झील पर 13 साल से बन रहे डोबरा चांठी पुल के डैक (सतह) आपस में जोड़ने का काम लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने पूरा कर लिया है. हालांकि अभी इस पर आवाजाही शुरू होने में तीन से चार महीने का समय लगेगा. लेकिन राजनीतिक पार्टियों में अभी से इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है.

श्रेय लेने की इसी होड़ में पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने वर्तमान बीजेपी विधायक विजय सिंह पवार के साथ-साथ त्रिवेंद्र सरकार को भी चैलेंज किया है. विक्रम सिंह ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि इस पुल के लिए किसने कितना काम किया इसका पता लगाने के लिए सरकार और बीजेपी चाहे तो डिबेट करा ले.

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नेगी ने कहा कि यह पुल कांग्रेस की देन है. 2006 में कांग्रेस विधायक फूल सिंह बिष्ट के अथक प्रयासों से तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इस पुल की स्वीकृति दी थी. इसके बाद 2007 में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई, लेकिन उन पांच सालों में इस पुल पर रत्ती भर भी काम नहीं किया गया.

डोबरा चांठी पुल पर राजनीति

नेगी ने बताया कि 2012 में फिर कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई और वो यहां से विधायक चुने गए. उस दौरान ये पुल विकट स्थिति में था. क्योंकि पुल का डिजाइन फेल हो चुका था. इसके बाद कोरियन कंपनी को इसका टेंडर दिया गया. आज भी वह कंपनी इस पर काम कर रही है.

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पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी का दावा है कि इस पुल की स्वीकृति कांग्रेस सरकार ने दी थी और उन्होंने इसका डिजाइन पास कराया था. बीजेपी सरकार और उनके विधायक का इसमें कोई योगदान नहीं है, वो केवल और केवल इसका श्रेय लेना चाहते है.

Intro: प्रतापनगर ।
पूर्व विधायक ने वर्तमान विधायक को ललकारा दम है तो डिबेट में आए ।


Body: प्रतापनगर ।
पूर्व विधायक ने वर्तमान विधायक को ललकारा ।
दम है तो डिबेट में आए ।
मामला प्रताप नगर की लाइफ लाइन कहां जाने वाला डोबरा चांठी पुल से संबंधित है प्रतापनगर को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल जिसका शिलान्यास 2006 में हो गया था और 2006 से लेकर अब 2019 में इस पुल को आपस में जोड़ने का कार्य पूर्ण हो सका अभी केवल डोबरा चांठी पुल का जोड़ने का काम पूरा हुआ अभी पुल पर बहुत कार्य अवसेस है जिसमे लगभग 5-6 माह लगने की उम्मीद है लेकिन राजनीतिक दलों में इस पुल को लेकर श्रेय लेने की होड़ लग गई है इसी श्रेय को लेने की होड़ में पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने वर्तमान विधायक विजय सिंह पवार व भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ सरकार को भी चैलेंज कर दिया है कि यदि दम है तो डिबेट में आए और फिर पता चलेगा कि किस ने पुल बनाया किसने मेहनत करी और किसने नहीं पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि यह पुल कांग्रेस की देन है तत्कालीन विधायक फूल सिंह बिष्ट के अथक प्रयासों व तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जी ने इस पुल की सुकृति दी थी और उसके बाद 2007 में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई और भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनी व भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजय सिंह पवार प्रताप नगर के विधायक चुनकर गए लेकिन उन्होंने पूरे 5 साल इस पुल पर रत्ती भर भी काम नहीं किया 2012 में फिर कांग्रेस की सरकार बनी और विक्रम सिंह नेगी विधायक बने उस समय यह पुल डिजाइन इस फूल का डिजाइन फेल हो चुका था और यह फूल बड़ी विकट स्थिति में आकर खड़ा हो रखा था जिसके लिए हमने बहुत प्रयास किए और अंतरराष्ट्रीय विद निकाली गई जिस पर फिर कोरियन कंपनी ने इसका टेंडर डाला और आज भी वह कंपनी इस पर काम कर रही है जिसके चलते यह कोलाज अपनी प्रगति की राह पर है और संभवत 6 माह के भीतर या पोल जनता को समर्पित किया जा सकेगा पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि इस पुल की स्वीकृति भी हमारी है इस फूल का डिजाइन भी हमने तो यार किया इस पुल की अंतरराष्ट्रीय वित्त भी हमने करवाई इस पुल को हमने पूरा पैसा देने का काम किया भारतीय जनता पार्टी केवल और केवल श्रेय लेने की होड़ में है भारतीय जनता पार्टी की सरकार और विधायक इन दोनों का इस पर कोई योगदान नहीं है और यह जनता भी जानती है और आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब देगी कि किसने काम किया और किसने नहीं


Conclusion:पूर्व विधायक ने वर्तमान विधायक को ललकारा ।
दम है तो डिबेट में आए ।
भाजपा सरकार और विधायक का पुल पर नहीं है कोई योगदान केवल लगी है श्रेय लेने की होड़ ।
Last Updated : Sep 16, 2019, 11:12 PM IST
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