टिहरीः जिले के जड़धार गांव के ग्रामीणों की एक अनोखी पहल इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को आईना दिखाते हुए जंगल संरक्षण व जल संचय का बेजोड़ उदाहरण प्रस्तुत किया है. हम आपको ग्रामीणों की इस पहल से रूबरू करवाते हैं.
चम्बा ब्लॉक के जड़धार गांव के ग्रामीणों ने चिपको आंदोलन से प्रेरित होकर वर्ष 1980 में वीरान हो चुके जंगल को फिर से संजीवनी दी है. ग्रामीणों ने वन सुरक्षा समिति बनाकर जंगल में पेड़ पौधे लगाए और जंगल को बचाने के लिए नियम बनाए और नियम तोड़ने वालो पर जुर्माना भी लगाया.
ग्रामीणों द्वारा बिना किसी मदद के आज जंगल को हरा-भरा बना दिया गया है जो 10 किमी तक फैला हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि इस कार्य के लिए एक या दो नहीं बल्कि सभी गांव के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाते हुए साथ दिया है.
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जड़धार गांव के लोगों द्वारा जंगल को संरक्षण के साथ ही क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या पेयजल संकट को लेकर भी जल संचय किया गया. 9 से अधिक खाल बनाईं. ग्रामीणों के इस जंगल में आज 100 से अधिक प्रजातियां हैं और अब इस जंगल से ग्रामीणों को लकड़ी, चारा पत्ती और पानी की सभी जरुरतें पूरी होती हैं.
वहीं ग्रामीणों के इस पहल की सभी लोग खूब सराहना कर रहे हैं. लोगों का कहना है जड़धार गांव के लोगों से सभी को सीख लेने की आवश्यकता है.