धनौल्टी: राज्य में सरकारी धन को सड़कों पर पानी की तरह बहाया जा रहा है. विभाग की लापरवाही से जनता की खून पसीने की कमाई बर्बाद हो रही है. ऐसा ही एक मामला है कण्डीसौड़ तहसील का हैं, जहां 379.48 लाख रुपए खर्चकर विभाग ने डामरीकरण किया और एक महीने भी नही हुआ कि मार्ग पर डामरीकरण उखड़ने लगा. मामले की शिकायत स्थानीय लोगों ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से की, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई संज्ञान नही लिया.
बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कण्डीसौड़ तहसील क्षेत्र के रमोलगांव-सैनसारी-नवागांव मोटरमार्ग पर डामरीकरण का कार्य किया गया था, लेकिन एक महीने भी नहीं हुआ कि डामरीकरण उखड़ने लगा. इसकी मौखिक शिकायत लोगों ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से की. लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क मार्ग पर गहरी खाई की तरफ खतरनाक जगहों पर अभी पैराफिट तक नहीं बनाये गये हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कंपनी द्वारा पांच सालों तक सड़क की देखरेख करने की जिम्मेदारी है.
इस दौरान लोगों ने विभाग पर सरकारी धन के दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग द्वारा नियमों को ताक में रखकर सड़क किनारे अभी तक डेंजर स्थानों पर पैराफिट नहीं बनाये गये हैं. ऐसे स्थानों पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.