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डॉ. अभिलाषा ने पेश की मिसाल, जान की परवाह किए बिना कोरोना से लड़ रही 'जंग' - डॉक्टर अभिलाषा टिहरी न्यूज

खुद अस्थमा से पीड़ित होने के बावजूद डॉक्टर अभिलाषा ने कोरोना वॉरियर्स के तौर पर अपनी ड्यूटी कर रही है. वो हर समय कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं.

डॉ. अभिलाषा
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Published : Apr 15, 2021, 4:26 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड में कोरोना वायरस की दस्तक से पिछले साल जब लोग सहम से गए थे. उस वक्त स्वास्थ्य कर्मियों ने फ्रंट लाइन में सबसे पहले कोरोना वायरस का सामना किया और पीड़ितों की जिंदगी बचाने में खुद को झोंक दिया. टिहरी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर अभिलाषा ने खुद अस्थमा से पीड़ित होने के बावजूद फ्रंटलाइन में आकर काम किया और कोरोना योद्धा बनकर टिहरी जिले में चर्चा में रही. इन दिनों भी डॉक्टर अभिलाषा ने टिहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के खिलाफ मजबूती से मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में भी उनका यह जज्बा बरकरार है.

डॉक्टर अभिलाषा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से पास आउट हैं. वह पिछले साल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छाम में कार्यरत थी. वर्तमान में वे नई टिहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के खिलाफ अपनी सेवाएं दे रही हैं. टिहरी में कोरोना की दस्तक हुई तो डॉ. अभिलाषा के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आ गई. डॉक्टर अभिलाषा को अस्थमा है. ऐसे में कोरोना से उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है. बावजूद इसके वो अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. इस समय वो सैंपल मॉनिटरिंग और ट्रीटमेंट में लगी हुई है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन हुए कोरोना संक्रमित, ट्वीट कर दी जानकारी

कोरोना की ड्यूटी में लगी डॉक्टर अभिलाषा की कई बार तबीयत भी खराब हो चुकी है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बता दें कि डॉक्टर अभिलाषा मूलरूप से चमोली जिले की रहने वाली हैं. हालांकि उनका परिवार देहरादून में रहता है. पिता राज्यपाल भवन में कार्यरत हैं. डॉक्टर अभिलाषा की छोटी बहन और बड़े भाई गुजरात में नौकरी करते हैं. वहीं

डॉक्टर अभिलाषा ने सभी के लिए एक संदेश दिया और कहा कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरा पालन करें. जिससे हम भी सुरक्षित रहें और साथ में अन्य लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं. कोविड-19 का पूरा पालन जरूर करें.

टिहरी: उत्तराखंड में कोरोना वायरस की दस्तक से पिछले साल जब लोग सहम से गए थे. उस वक्त स्वास्थ्य कर्मियों ने फ्रंट लाइन में सबसे पहले कोरोना वायरस का सामना किया और पीड़ितों की जिंदगी बचाने में खुद को झोंक दिया. टिहरी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर अभिलाषा ने खुद अस्थमा से पीड़ित होने के बावजूद फ्रंटलाइन में आकर काम किया और कोरोना योद्धा बनकर टिहरी जिले में चर्चा में रही. इन दिनों भी डॉक्टर अभिलाषा ने टिहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के खिलाफ मजबूती से मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में भी उनका यह जज्बा बरकरार है.

डॉक्टर अभिलाषा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से पास आउट हैं. वह पिछले साल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छाम में कार्यरत थी. वर्तमान में वे नई टिहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के खिलाफ अपनी सेवाएं दे रही हैं. टिहरी में कोरोना की दस्तक हुई तो डॉ. अभिलाषा के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आ गई. डॉक्टर अभिलाषा को अस्थमा है. ऐसे में कोरोना से उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है. बावजूद इसके वो अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. इस समय वो सैंपल मॉनिटरिंग और ट्रीटमेंट में लगी हुई है.

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कोरोना की ड्यूटी में लगी डॉक्टर अभिलाषा की कई बार तबीयत भी खराब हो चुकी है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बता दें कि डॉक्टर अभिलाषा मूलरूप से चमोली जिले की रहने वाली हैं. हालांकि उनका परिवार देहरादून में रहता है. पिता राज्यपाल भवन में कार्यरत हैं. डॉक्टर अभिलाषा की छोटी बहन और बड़े भाई गुजरात में नौकरी करते हैं. वहीं

डॉक्टर अभिलाषा ने सभी के लिए एक संदेश दिया और कहा कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरा पालन करें. जिससे हम भी सुरक्षित रहें और साथ में अन्य लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं. कोविड-19 का पूरा पालन जरूर करें.

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