टिहरी: 14 सालों से बहुप्रतिक्षित डोबरा चांठी पुल पर भी कोरोना वायरस का असर पड़ता दिखाई दे रहा है. कोरोना वायरस के कारण इसका निर्माण कार्य बीच में ही रोक दिया गया है. अंतिम चरण में चल रहे काम के बाद 31 मार्च को डोबरा चांठी पुल के उद्घाटन होने की संभावना थी, मगर अब कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से पुल का काम अधर में लटक गया है.
देश-दुनिया में जहां कोरोना वायरस के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, इसके साथ ही कई संस्थान, उद्योग धंधे और कंपनियों पर भी इसका असर पड़ा है. कोरोना के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन किया गया है. ऐसी स्थिति में प्रतापनगर के क्षेत्रवासियों का इंतजार एक बार फिर से और बढ़ गया है. कोरोना वायरस के कारण यहां बनने वाले बहुप्रतिक्षित डोबरा चांठी पुल का काम एक बार फिर से प्रभावित हो गया है.
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कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई महामारी से पहले डोबरा चांठी पुल के निर्माण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा था. जिससे संभावना जताई जा रही थी कि 31 मार्च तक इस पुल का उद्घाटन हो जाएगा. मगर, कोरोना के कारण इसके काम की रफ्तार धीमी पड़ गई है. देश-दुनिया में कोरोना के कारण जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसे देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि आने वाले पांच-छह महीनों से पहले इस पुल का काम पूरा नहीं हो सकता है.
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बता दें, डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2005 में शुरू किया गया था. 14 सालों में इस पुल के बनने में कई उतार-चढ़ाव आए. जिसके बाद आखिरकार अब इस पुल का निर्माणकार्य अंतिम चरण में था. निर्माणाधीन डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. जिसमें 440 मीटर संस्पेंसन ब्रिज है. इस पुल की कुल चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5. 50 मीटर है जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.
डोबरा चांठी पुल बनने के कारण प्रतापनगर ब्लॉक की दो लाख से ज्यादा की आबादी को सबसे फायदा होगा. इससे नई टिहरी से महज डेढ़ से दो घंटे में प्रतानगर पहुंचा जा सकता है. अभी पुल न बनने के कारण चार से पांच घंटे का सफर तय कर नई टिहरी से प्रतापनगर पहुंचा जाता है.