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टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरा, डीएम ने टीएचडीसी को ग्रामीणों की सुरक्षा के दिए निर्देश - Tehri Lake

बारिश के मौसम में टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे ग्रामीणों को डर सताने लगा है. ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है. वहीं, डीएम ने टिहरी झील किनारे बसे गांव की सुरक्षा के लिए डीएम ने टीएचडीसी को निर्देश दिए हैं.

village on the banks of Tehri Lake
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरा
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Published : Aug 17, 2022, 10:16 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 4:57 PM IST

टिहरी: बरसात में लगातार टिहरी झील के जलस्तर में बढ़ोतरी (water level increase of tehri lake ) हो रही है. आज टिहरी झील का जलस्तर (Tehri lake water level) 815.16 आरएल मीटर पहुंच गया. ऐसे में ग्रामीणों ने टिहरी झील के किनारे बसे गांव की सुरक्षा (Tehri Lake banks village Security) की मांग की है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए टिहरी झील किनारे बसे गांव की सुरक्षा के लिए डीएम ने टीएचडीसी को निर्देश दिए (DM gave instructions to THDC) हैं.

वही, ग्रामीण शिव सिंह बिष्ट ने कहा बरसात में जब भी टिहरी झील का जलस्तर बढ़ता है तो किनारे बसे गांव के लोग डर के साए में रहते हैं. क्योंकि टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर से आसपास बसे गांव के नीचे भूस्खलन होना शुरू हो जाता है. इसलिए शासन प्रशासन से अनुरोध है कि वह तत्काल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें और इस पर नजर बनाए रखें, जिससे कोई जनहानि ना हो.

टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरा.

टिहरी डैम का जलस्तर बढ़ने से लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं. टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से घरों में दरार (Rift in houses due to Tehri lake water level rise ) पड़ने लगी है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगाई है. लोगों का कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है. टिहरी बांध बनते समय सरकार ने लोगों का विस्थापन कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर रहने की व्यवस्था की, लेकिन अब एक बार फिर से टिहरी के लोगों पर खतरा मंडराने लगा है. सरकार की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में 18 से 21 अगस्त तक फिर सक्रिय होगा मानसून, कुमाऊं के इन जिलों के लिए अलर्ट जारी

टिहरी जिला पुनर्वास विभाग (Tehri District Rehabilitation Department) द्वारा रौलाकोट गांव का विस्थापन (Displacement of Raulakot village) के लिए लॉटरी के माध्यम से भूखंड आवंटित किए गए, लेकिन पुनर्वास विभाग की लापरवाही के चलते अभी तक ग्रामीणों को भूखंड का कब्जा नहीं दिया गया. जिससे आज भी ग्रामीण गांव में ही रहने को मजबूर हैं.

टिहरी डीएम डॉ. सौरभ गहरवार ने टीएचडीसी अधिकारियों को टिहरी झील के समीप बसे ग्रामीणों की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा टिहरी झील किनारे जहां भी भूस्खलन हो रहा है. उसकी रिपोर्ट दें और ग्रामीणों की सुरक्षा का ध्यान रखें, जिससे कोई जनहानि ना हो.

टिहरी: बरसात में लगातार टिहरी झील के जलस्तर में बढ़ोतरी (water level increase of tehri lake ) हो रही है. आज टिहरी झील का जलस्तर (Tehri lake water level) 815.16 आरएल मीटर पहुंच गया. ऐसे में ग्रामीणों ने टिहरी झील के किनारे बसे गांव की सुरक्षा (Tehri Lake banks village Security) की मांग की है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए टिहरी झील किनारे बसे गांव की सुरक्षा के लिए डीएम ने टीएचडीसी को निर्देश दिए (DM gave instructions to THDC) हैं.

वही, ग्रामीण शिव सिंह बिष्ट ने कहा बरसात में जब भी टिहरी झील का जलस्तर बढ़ता है तो किनारे बसे गांव के लोग डर के साए में रहते हैं. क्योंकि टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर से आसपास बसे गांव के नीचे भूस्खलन होना शुरू हो जाता है. इसलिए शासन प्रशासन से अनुरोध है कि वह तत्काल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें और इस पर नजर बनाए रखें, जिससे कोई जनहानि ना हो.

टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरा.

टिहरी डैम का जलस्तर बढ़ने से लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं. टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से घरों में दरार (Rift in houses due to Tehri lake water level rise ) पड़ने लगी है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगाई है. लोगों का कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है. टिहरी बांध बनते समय सरकार ने लोगों का विस्थापन कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर रहने की व्यवस्था की, लेकिन अब एक बार फिर से टिहरी के लोगों पर खतरा मंडराने लगा है. सरकार की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है.

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टिहरी जिला पुनर्वास विभाग (Tehri District Rehabilitation Department) द्वारा रौलाकोट गांव का विस्थापन (Displacement of Raulakot village) के लिए लॉटरी के माध्यम से भूखंड आवंटित किए गए, लेकिन पुनर्वास विभाग की लापरवाही के चलते अभी तक ग्रामीणों को भूखंड का कब्जा नहीं दिया गया. जिससे आज भी ग्रामीण गांव में ही रहने को मजबूर हैं.

टिहरी डीएम डॉ. सौरभ गहरवार ने टीएचडीसी अधिकारियों को टिहरी झील के समीप बसे ग्रामीणों की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा टिहरी झील किनारे जहां भी भूस्खलन हो रहा है. उसकी रिपोर्ट दें और ग्रामीणों की सुरक्षा का ध्यान रखें, जिससे कोई जनहानि ना हो.

Last Updated : Sep 16, 2022, 4:57 PM IST
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