टिहरी: बेजान लकड़ी में जान डालने वाले दिनेश की प्रतिभा को देखकर टिहरी जिले की तेजतर्रार जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने मदद करने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं. उनका कहना है कि अब किसी भी प्रकार के संसाधनों का अभाव नहीं होने दिया जाएगा. डीएम की पहल से दिनेश बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि अब काष्ठकला सिमट कर नहीं रहेगी.
बता दें कि, टिहरी जिले में जाखणीधार ब्लॉक के जेलम गांव के दिनेश लाल काष्ठकला के जादूगर हैं. लकड़ी पर उनके हाथ चलते ही बेजान लकड़ी में मानो जान आ जाती है. काष्ठकला के धनी दिनेश लाल एक बार किसी वस्तु को देख लें तो वह लकड़ी से उस वस्तु का हूबहू मॉडल बना लेते हैं.
यही नहीं वह अब तक जेसीबी मशीन, घोड़ा, मंदिर, मकान, हवाई जहाज जैसे मनमोहक मॉडल बना चुके हैं और हाल ही में उन्होंने सबसे आकर्षक मॉडल डोबरा चांठी पुल का बनाया है. इसे खरीदने के लिए कई खरीदार सामने आ गए हैं. साथ ही डोबरा चांठी पुल के बनाए एक मॉडल को उन्होंने 70,000 रुपए में दिल्ली के व्यक्ति को बेचा है. दिनेश लाल की प्रतिभा का क्षेत्रवासी लोहा मानते हैं. वर्तमान में दिनेश लाल इस काष्ठकला के शौक को व्यवसाय बनाना चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी उनकी राह में रोड़ा बन रही है.
वहीं दिनेश लाल ने बताया कि, वह लकड़ी से किसी भी वस्तु या प्राणी का मॉडल बना सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ और औजारों के साथ ही अच्छी लकड़ी की आवश्यकता होती है. लेकिन इन सब चीजों के लिए उनके पास धन की कमी बनी रहती है. उन्होंने बताया कि उसकी इच्छा बड़े पैमाने पर केदारनाथ मंदिर, बदरीनाथ मंदिर का मॉडल बनाने की है, लेकिन आर्थिक सहयोग न मिलने के कारण इस काम को नहीं कर पा रहे हैं.
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इन सभी समस्याओं को लेकर दिनेश लाल ने टिहरी की तेजतर्रार डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव से मिलकर वार्ता की और एक पहाड़ी संस्कृति का ढोल दमाऊ स्मृति भेंट की. जिलाधिकारी ने दिनेश लाल की तारीफ करते हुए कहा कि उनका कार्य बहुत ही सराहनीय है और जिला प्रशासन की तरफ से उनको पूरी मदद दी जाएगी.
वहीं दिनेश लाल ने जिलाधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव ने मेरी पीड़ा को समझते हुए मुझे मदद देने की बात कही है. ये ऐसी पहली डीएम हैं, जिन्होंने मेरी समस्या को सुना और तुरंत मदद करने के लिए आगे आई हैं.