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खराब मौसम के कारण बंद हुआ सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे, किराया देने के बावजूद पैदल उतरे श्रद्धालु - Surkanda Devi Temple Ropeway

नए साल पर सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के लिए गए श्रद्धालुओं को खराब मौसम की वजह से परेशानी उठानी पड़ी. खराब मौसम को देखते हुए सोमवार दोपहर करीब 3 बजे रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया. ऐसे में जो यात्री मंदिर में मौजूद थे, उनको किराया देने के बावजूद करीब डेढ़ किलोमीटर नीचे पैदल उतरना पड़ा. इस दौरान यात्रियों में रोष दिखा.

Surkanda Devi Temple Ropeway
सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे
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Published : Jan 2, 2023, 10:03 AM IST

टिहरी: नए साल 2023 के पहले दिन करीब एक हजार श्रद्धालु सुरकंडा देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इस दौरान यात्रियों की बड़ी फजीहत हुई. दरअसल, सुरकंडा देवी मंदिर जाने वाले यात्रियों के लिए दोपहर करीब 3 बजे रोपवे संचालकों ने मौसम खराब होने की बात कहकर टिकट काउंटर बंद कर दिया. इससे जो श्रद्धालु मंदिर में दर्शनों के लिए गए थे, वह रोपवे बंद होने के कारण रोपवे से नीचे नहीं आ सके. इसलिए श्रद्धालुओं को मंदिर से पैदल ही चलकर कद्दूखाल तक आना पड़ा.

गुस्साए यात्रियों ने कहा कि कद्दूखाल से ऊपर सुरकंडा देवी मंदिर तक आने आने और जाने का किराया ₹205 प्रति यात्री है. यात्रियों ने कहा कि रोपवे संचालकों ने किराया पूरा लिया लेकिन उन्हें पैदल वापस नीचे आना पड़ा. रोपवे संचालकों को यात्रियों को एक तरफ का किराया वापस करना चाहिए था.

किराया वापस करने का प्रावधान नहीं: रोपवे संचालकों ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से रोपवे संचालन बंद किया गया, जिससे सुरकंडा देवी मंदिर से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को पैदल ही कद्दूखाल तक नीचे आना पड़ा. रोपवे कंपनी के प्रबंधक प्रबंधक निजामुद्दीन ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण रोपवे का संचालन बंद किया गया, उसमें एक तरफ किराया लेने का प्रावधान नहीं है. जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने भी रोपवे बंद होने की वजह मौसम खराब होना बताया है.
ये भी पढ़ें- CM धामी ने बच्चों के साथ मनाया न्यू ईयर, अपने हाथ से खिलाया केक, हॉस्टल की सौगात भी दी

जब टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ट्रॉली में फंसे थे: बीते साल जुलाई में तकनीकी खामियों के चलते सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा कुछ देर के लिए अचानक ठप हो गई. इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में ही लटके रहे. ट्रॉली में सफर कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय भी फंस गए थे.

सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए खड़ी चढ़ाई: सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है. इसे चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे लग जाते थे. परंतु अब रोपवे शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होती है. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिली, जो चलने में असमर्थ हैं. कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट में 6 टावर के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है.

टिहरी: नए साल 2023 के पहले दिन करीब एक हजार श्रद्धालु सुरकंडा देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इस दौरान यात्रियों की बड़ी फजीहत हुई. दरअसल, सुरकंडा देवी मंदिर जाने वाले यात्रियों के लिए दोपहर करीब 3 बजे रोपवे संचालकों ने मौसम खराब होने की बात कहकर टिकट काउंटर बंद कर दिया. इससे जो श्रद्धालु मंदिर में दर्शनों के लिए गए थे, वह रोपवे बंद होने के कारण रोपवे से नीचे नहीं आ सके. इसलिए श्रद्धालुओं को मंदिर से पैदल ही चलकर कद्दूखाल तक आना पड़ा.

गुस्साए यात्रियों ने कहा कि कद्दूखाल से ऊपर सुरकंडा देवी मंदिर तक आने आने और जाने का किराया ₹205 प्रति यात्री है. यात्रियों ने कहा कि रोपवे संचालकों ने किराया पूरा लिया लेकिन उन्हें पैदल वापस नीचे आना पड़ा. रोपवे संचालकों को यात्रियों को एक तरफ का किराया वापस करना चाहिए था.

किराया वापस करने का प्रावधान नहीं: रोपवे संचालकों ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से रोपवे संचालन बंद किया गया, जिससे सुरकंडा देवी मंदिर से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को पैदल ही कद्दूखाल तक नीचे आना पड़ा. रोपवे कंपनी के प्रबंधक प्रबंधक निजामुद्दीन ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण रोपवे का संचालन बंद किया गया, उसमें एक तरफ किराया लेने का प्रावधान नहीं है. जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने भी रोपवे बंद होने की वजह मौसम खराब होना बताया है.
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जब टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ट्रॉली में फंसे थे: बीते साल जुलाई में तकनीकी खामियों के चलते सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा कुछ देर के लिए अचानक ठप हो गई. इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में ही लटके रहे. ट्रॉली में सफर कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय भी फंस गए थे.

सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए खड़ी चढ़ाई: सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है. इसे चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे लग जाते थे. परंतु अब रोपवे शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होती है. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिली, जो चलने में असमर्थ हैं. कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट में 6 टावर के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है.

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