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सैन्य सम्मान के साथ सैनिक राय सिंह को दी अंतिम विदाई, ब्रेन हैमरेज से हुई थी मौत

सैनिक राय सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके अंतिष्टी में कोई भी क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधि और सरकारी अमले का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुए.

सैनिक राय सिंह को दी गई सैनिक सम्मान के अंतिम विदा
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Published : May 12, 2019, 9:47 PM IST

टिहरी: घनसाली के पौनाड़ा गांव के दिवंगत सैनिक राय सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर उनके यूनिट के जवानों और स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लेकर सैनिक को श्रद्धांजलि दी. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल के जवान थे. यहां पर वो अपनी भतीजी की शादी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां पर उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

सैनिक राय सिंह को दी गई सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई.


बता दें कि पौनाड़ा गांव के सैनिक राय सिंह कुछ दिन पहले अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां शादी समारोह में शामिल होने के बाद वो अपनी पत्नी समेत चमियाला बाजार वापिस आए. इस दौरान उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. जिसके बाद उनका एक हिस्सा पैरालिसिस हो गया. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर ले जाया गया. जहां से डॉक्टरों ने गंभीर हालात देखते हुए उन्हें देहरादून सैनिक अस्पताल रेफर कर दिया गया. सैनिक अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ. जहां पर उन्हें 48 घंटे ऑब्जर्वेशन पर रखा गया, लेकिन 28 घंटे के भीतर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.


ये भी पढ़ेंः गोपेश्वर नर्सिंग कॉलेज में धूमधाम से मनाया गया नर्सिंग डे, फ्लोरेंस नाइटिंगेल के योगदान को बताया अमूल्य


रविवार को उनके यूनिट के जवान और 119 फील्ड रेजिमेंट के जवानों उनके पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के उनके गांव लेकर आये. जहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ पैतृक घाट पर उनकी अंतेष्टि की गई. इस दौरान पूरा गांव गमगीन रहा. सभी के आंखों में आंसू थे. उनके अंतिम संस्कार में भूतपूर्व सैनिक के ब्लॉक प्रतिनिधि कैप्टेन डीएस भंडारी और भूत पूर्व सैनिक संगठन के प्रवक्ता हर्षमणि उनियाल भी मौजूद रहे. राय सिंह के दो बेटे और एक बेटी है. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल में थे और राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे.


सैनिक के पिताजी ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. सभी ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन वो बचा नहीं सके. उन्होंने कहा कि वो सैनिक के बेटे और बेटी को भी फौजी के रूप में देखना चाहते हैं. उनकी माता और पत्नी चंपा देवी भी गहरे सदमे में है. साथ ही वो खुद गौरांवित महसूस कर रहे हैं. वहीं, ज्येष्ठ प्रमुख पूरब सिंह पंवार ने कहा कि राय सिंह पर उन्हें गर्व है. राय सिंह पौनाड़ा गांव के पहले ग्रामीण सैनिक हैं, लेकिन उनके अंतेष्टि में क्षेत्रीय विधायक और सरकारी अमले का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुए हैं. जो काफी दु:खद है.

टिहरी: घनसाली के पौनाड़ा गांव के दिवंगत सैनिक राय सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर उनके यूनिट के जवानों और स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लेकर सैनिक को श्रद्धांजलि दी. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल के जवान थे. यहां पर वो अपनी भतीजी की शादी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां पर उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

सैनिक राय सिंह को दी गई सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई.


बता दें कि पौनाड़ा गांव के सैनिक राय सिंह कुछ दिन पहले अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां शादी समारोह में शामिल होने के बाद वो अपनी पत्नी समेत चमियाला बाजार वापिस आए. इस दौरान उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. जिसके बाद उनका एक हिस्सा पैरालिसिस हो गया. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर ले जाया गया. जहां से डॉक्टरों ने गंभीर हालात देखते हुए उन्हें देहरादून सैनिक अस्पताल रेफर कर दिया गया. सैनिक अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ. जहां पर उन्हें 48 घंटे ऑब्जर्वेशन पर रखा गया, लेकिन 28 घंटे के भीतर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.


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रविवार को उनके यूनिट के जवान और 119 फील्ड रेजिमेंट के जवानों उनके पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के उनके गांव लेकर आये. जहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ पैतृक घाट पर उनकी अंतेष्टि की गई. इस दौरान पूरा गांव गमगीन रहा. सभी के आंखों में आंसू थे. उनके अंतिम संस्कार में भूतपूर्व सैनिक के ब्लॉक प्रतिनिधि कैप्टेन डीएस भंडारी और भूत पूर्व सैनिक संगठन के प्रवक्ता हर्षमणि उनियाल भी मौजूद रहे. राय सिंह के दो बेटे और एक बेटी है. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल में थे और राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे.


सैनिक के पिताजी ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. सभी ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन वो बचा नहीं सके. उन्होंने कहा कि वो सैनिक के बेटे और बेटी को भी फौजी के रूप में देखना चाहते हैं. उनकी माता और पत्नी चंपा देवी भी गहरे सदमे में है. साथ ही वो खुद गौरांवित महसूस कर रहे हैं. वहीं, ज्येष्ठ प्रमुख पूरब सिंह पंवार ने कहा कि राय सिंह पर उन्हें गर्व है. राय सिंह पौनाड़ा गांव के पहले ग्रामीण सैनिक हैं, लेकिन उनके अंतेष्टि में क्षेत्रीय विधायक और सरकारी अमले का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुए हैं. जो काफी दु:खद है.

Intro:टिहरी जनपद: घनसाली विधानसभा के अतिसीमान्त गाँव पौनाड़ा के दिवंगत सैनिक राय सिंह को दी गयी सैनिक संम्मान के साथ विदाई।
Body:टिहरी गढ़वाल:घनसाली विधानसभा के पौनाड़ा ग्राम सभा के दिवंगत सैनिक राय सिंह की सैनिक सम्मान के साथ कि गयी अंत्येष्टि।
सैनिक राय सिंह निवासी पौनाड़ा कुछ दिन पूर्व गाँव में अपनी भतीजी की शादी में आये थे शादी के बाद वह अपनी पत्नी सहित चमियाला बाजार में वापिस आ गए थे जहाँ उनको अटैक आ गया और ब्रेन हेमरेज हो गया जिसके बाद उनका एक हिस्सा पैरालिसिस हो गया जिसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र बेलेश्वर ले जाया गया जहां से उन्हें सैनिक अस्प्ताल देहरादून रेफेर किया गया।

सैनिक अस्प्ताल देहरादून में दिमाग का ऑपरेशन किया गया जहाँ उनको 48 घण्टे ऑब्जरवेशन पर रखा गया था
परन्तु 28 घण्टे के भीतर ही उनकी मृत्यु हो गयी।

आज उनके यूनिट के जवान और 119 फील्ड रेजिमेंट के जवान उनके शव को पूरे सम्मान के उनके गांव लेकर आये जहाँ पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनकी अन्तेष्ट की गई।

उसके पिताजी का कहना है वह एक अच्छा बेटा था वह राय सिंह के बेटे तथा बेटी यानी कि अपने नाती नातिन को भी फौजी रूप में देखना चाहते हैं।
उन्हें अपने बेटे पर है गर्व।

साथ ही उन्होंने सबका धन्यवाद किया उनका कहना था कि उनके बेटे को बचाने के लिए सभी प्रयास किये गए थे परंतु शायद उसका इतना ही दान पानी था।
उसको बचाने के लिए सभी के प्रयास का धन्यवाद।

राय सिंह की एक बेटी तथा एक बेटा है।
राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल के सैनिक थे इस वक़्त राजस्थान के सूरतगढ़ में है दिवंगत सैनिक राय सिंह की यूनिट।

घनसाली विधानसभा से भूतपूर्व सैनिक के ब्लॉक प्रतिनिधि कैप्टेन डीएस भंडारी तथा भूत पूर्व सैनिक संघटन के प्रवक्ता हर्षमनी उनियाल पूर्व पट्टी अफसर मौजूद रहे।

क्षत्रीय विधायक की और से कोई प्रतिनिधि मौजूद नही रह।

उनकी पत्नी चम्पा देवी गहरे सदमे में है परंतु वह अपने आपको गौरान्वित इस बात को लेकर महसूस कर रही है कि उनके पति का पूरे सैनिक सम्मान के साथ इस दुनिया से विदा किया गया।

उनकी माँ का भी रो रो कर बुरा हाल है ।
ज्येष्ठ प्रमुख पूरब सिंह पंवार ने बहुत दुखी मन से कहा कि उन्हें राय सिंह पर गर्व हो रहा है।
राय सिंह पौनाड़ा गांव का पहला ग्रमीण सैनिक है।
परन्तु उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि कोई कोई भी क्षेत्रीय सरकारी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि उनके दाह संस्कार में शामिल होने नही आया।
सभी ग्रमीण शोक में है।

बाइट में सभी के नाम है।Conclusion:दिवंगत सैनिक को सैनिक सम्मान के साथ दी गयी विदाई।
सारा गाँव गमगीन।
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