टिहरी: घनसाली के पौनाड़ा गांव के दिवंगत सैनिक राय सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर उनके यूनिट के जवानों और स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लेकर सैनिक को श्रद्धांजलि दी. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल के जवान थे. यहां पर वो अपनी भतीजी की शादी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां पर उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
बता दें कि पौनाड़ा गांव के सैनिक राय सिंह कुछ दिन पहले अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने आये थे. जहां शादी समारोह में शामिल होने के बाद वो अपनी पत्नी समेत चमियाला बाजार वापिस आए. इस दौरान उन्हें अटैक आने के साथ ब्रेन हैमरेज हो गया था. जिसके बाद उनका एक हिस्सा पैरालिसिस हो गया. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर ले जाया गया. जहां से डॉक्टरों ने गंभीर हालात देखते हुए उन्हें देहरादून सैनिक अस्पताल रेफर कर दिया गया. सैनिक अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ. जहां पर उन्हें 48 घंटे ऑब्जर्वेशन पर रखा गया, लेकिन 28 घंटे के भीतर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
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रविवार को उनके यूनिट के जवान और 119 फील्ड रेजिमेंट के जवानों उनके पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के उनके गांव लेकर आये. जहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ पैतृक घाट पर उनकी अंतेष्टि की गई. इस दौरान पूरा गांव गमगीन रहा. सभी के आंखों में आंसू थे. उनके अंतिम संस्कार में भूतपूर्व सैनिक के ब्लॉक प्रतिनिधि कैप्टेन डीएस भंडारी और भूत पूर्व सैनिक संगठन के प्रवक्ता हर्षमणि उनियाल भी मौजूद रहे. राय सिंह के दो बेटे और एक बेटी है. राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल में थे और राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे.
सैनिक के पिताजी ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. सभी ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन वो बचा नहीं सके. उन्होंने कहा कि वो सैनिक के बेटे और बेटी को भी फौजी के रूप में देखना चाहते हैं. उनकी माता और पत्नी चंपा देवी भी गहरे सदमे में है. साथ ही वो खुद गौरांवित महसूस कर रहे हैं. वहीं, ज्येष्ठ प्रमुख पूरब सिंह पंवार ने कहा कि राय सिंह पर उन्हें गर्व है. राय सिंह पौनाड़ा गांव के पहले ग्रामीण सैनिक हैं, लेकिन उनके अंतेष्टि में क्षेत्रीय विधायक और सरकारी अमले का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुए हैं. जो काफी दु:खद है.