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डोबरा चांठी पुल के मास्टिक में पड़ी दरार, सवालों के घेरे में निर्माणदायी गुप्ता कंपनी - Dobra Chanthi bridge

उद्घाटन के एक साल के भीतर ही डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने लगी है. ऐसे में निर्माणदायी गुप्ता कंपनी सवालों के घेरे में आ गई है. स्थानीय लोगों ने मामले में जांच कराने की मांग की है.

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Published : Sep 8, 2021, 6:53 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 7:08 PM IST

देहरादून: भारत के सबसे लंबे सिंगल संस्पेंशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने लगी है. जबकि पिछले साल 8 नबंवर को पुल का उद्घाटन हुआ था. उस समय भी इन पर दरार पड़ी थी. आनन-फानन में कंपनी ने मास्टिक को ठीक करवाया था. एक बार फिर से पुल पर कई जगहों पर मास्टिक में दरार पड़ गई है. इससे निर्माणदायी गुप्ता कंपनी की घटिया कार्यप्रणाली सबके सामने उजागर हो गई.

टिहरी झील के ऊपर बने देश के सबसे लंबे सिंगल लेन डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने से जनता में आक्रोश है. लोग निर्माणदायी गुप्ता कंपनी पर सवाल खड़े करने लगे हैं. साथ ही कंपनी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं. प्रतापनगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए.

आपको बता दें कि डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2005 में शुरू किया गया था. इसे बनने में 10 साल से ज्यादा का समय लगा. 8 नवंबर 2020 को इसका उद्घाटन किया गया. अभी पुल के उद्घाटन को एक साल का वक्त भी नहीं हुआ कि मास्टिक के जोड़ खुलने के साथ उसमें दरार पड़ने लग गई हैं. जिससे कंपनी की लापरवाही सामने देखने को मिली है.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि प्रतापनगर की जनता की सुरक्षा को देखते हुए कंपनी और सरकार द्वारा आजतक इस पुल की थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई. जैसे दिल्ली की मेट्रो लाइन की थर्ड पार्टी से जांच कराई जाती है. रिपोर्ट आने के बाद मेट्रो का संचालन किया जाता है, लेकिन डोबरा चांठी पुल के ऊपर बिना थर्ड पार्टी से जांच करवाए वाहनों के लिए खोल दिया गया.

डोबरा चांठी पुल के मास्टिक में पड़ी दरार

ये भी पढ़ें: ऐतिहासिक गरतांग गली को बदरंग कर रहे 'बिगडै़ल' पर्यटक, महाराज ने दिए कार्रवाई के निर्देश

उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसा न हो जैसे रानीपोखरी का पुल टूटा उसके बाद सरकार जागी. आरटीआई में भी खुलासा हुआ है कि डोबरा चांठी पुल की थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई है. जिसका खामियाजा हर दिन पुल में देख सकते हैं. कभी मास्टिक टूट रही है तो कभी पुल के आसपास जमीन में मलबा आ रहा है. इस पुल की जांच होनी चाहिए जिससे लोग सुरक्षित रह सके और कोई बड़ा हादसा न हो.

लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि पुल के ऊपर मास्टिक पर पड़ी दरारों को ठीक करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. पुल का मेंटेनेंस का कार्य 5 साल तक कंपनी ही करेगी.

डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं और 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड है. जबकि 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड है. पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.50 (साढ़े पांच) मीटर है. जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.

देहरादून: भारत के सबसे लंबे सिंगल संस्पेंशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने लगी है. जबकि पिछले साल 8 नबंवर को पुल का उद्घाटन हुआ था. उस समय भी इन पर दरार पड़ी थी. आनन-फानन में कंपनी ने मास्टिक को ठीक करवाया था. एक बार फिर से पुल पर कई जगहों पर मास्टिक में दरार पड़ गई है. इससे निर्माणदायी गुप्ता कंपनी की घटिया कार्यप्रणाली सबके सामने उजागर हो गई.

टिहरी झील के ऊपर बने देश के सबसे लंबे सिंगल लेन डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने से जनता में आक्रोश है. लोग निर्माणदायी गुप्ता कंपनी पर सवाल खड़े करने लगे हैं. साथ ही कंपनी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं. प्रतापनगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए.

आपको बता दें कि डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2005 में शुरू किया गया था. इसे बनने में 10 साल से ज्यादा का समय लगा. 8 नवंबर 2020 को इसका उद्घाटन किया गया. अभी पुल के उद्घाटन को एक साल का वक्त भी नहीं हुआ कि मास्टिक के जोड़ खुलने के साथ उसमें दरार पड़ने लग गई हैं. जिससे कंपनी की लापरवाही सामने देखने को मिली है.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि प्रतापनगर की जनता की सुरक्षा को देखते हुए कंपनी और सरकार द्वारा आजतक इस पुल की थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई. जैसे दिल्ली की मेट्रो लाइन की थर्ड पार्टी से जांच कराई जाती है. रिपोर्ट आने के बाद मेट्रो का संचालन किया जाता है, लेकिन डोबरा चांठी पुल के ऊपर बिना थर्ड पार्टी से जांच करवाए वाहनों के लिए खोल दिया गया.

डोबरा चांठी पुल के मास्टिक में पड़ी दरार

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उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसा न हो जैसे रानीपोखरी का पुल टूटा उसके बाद सरकार जागी. आरटीआई में भी खुलासा हुआ है कि डोबरा चांठी पुल की थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई है. जिसका खामियाजा हर दिन पुल में देख सकते हैं. कभी मास्टिक टूट रही है तो कभी पुल के आसपास जमीन में मलबा आ रहा है. इस पुल की जांच होनी चाहिए जिससे लोग सुरक्षित रह सके और कोई बड़ा हादसा न हो.

लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि पुल के ऊपर मास्टिक पर पड़ी दरारों को ठीक करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. पुल का मेंटेनेंस का कार्य 5 साल तक कंपनी ही करेगी.

डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं और 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड है. जबकि 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड है. पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.50 (साढ़े पांच) मीटर है. जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.

Last Updated : Sep 8, 2021, 7:08 PM IST
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