टिहरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आगामी उत्तराखंड दौरे को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. वहीं, पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे का कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने स्वागत किया है. जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर चर्चा तेज हैं. वहीं, इसका जवाब किशोर उपाध्याय ने कुछ गोलमोल तरीके से दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जल, जंगल और जन को बचाने के एजेंडा पर जो भी राजनीतिक पार्टी कार्य करेंगी में उसी के साथ खड़ा रहूंगा.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत है और जो लोग उनके भाजपा में जाने की चर्चा कर रहे हैं उनसे निवेदन है कि वहीं इसका जवाब दें. उन्होंने नहीं कहा है कि वे कहीं जा रहे है या भाग रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह टिहरी में हैं, आजकल विवाह समारोह में शामिल हो रहे हैं और सबको बधाई शुभकामनाएं दे रहे हैं. लेकिन एक बात जरूर है हमारी सम्मानित अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, उनकी मुझ पर कृपा रही है. साथ में हमने लंबे समय तक काम किया और यह उनका सौभाग्य है. साल 1984 में राजीव गांधी ने उन्हें कम उम्र में अपना चुनाव का इंचार्ज बनाया और वहां सबसे ज्यादा मतों से जीते.
उन्होंने कहा कि आगामी 4 तारीख को पीएम उत्तराखंड आ रहे हैं और यहां उनका स्वागत है. लेकिन भविष्य में क्या होता है इसमें मैं कुछ नहीं कह सकता. लेकिन आज मैं जो भी हूं वह सब सोनिया और गांधी परिवार की बदौलत हूं, मैंने भी उनकी बहुत सेवा की है. लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में उत्तराखंड में जो एजेंडा मध्य हिमालय का है जल, जंगल, जमीन और जन को बचाने का एजेंडा है, इसका उपाय किशोर के पास है और इन मुद्दों में काम करने वालों के साथ मैं खड़ा रहूंगा.
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उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराखंड दौरे पर भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उत्तराखंड गंगा प्रदेश की ओर से उन्हें बधाई दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मन में चिंता है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत भी तब तक जिंदा है जब तब मां गंगा है. किशोर ने कहा कि लेकिन सिर्फ कहने से कुछ नहीं होगा. जब प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति थे लंबे समय तक मैंने उनके साथ काम किया था, सन 1978 से मैंने उन्हें कहा था कि हिमालय के लिए और गंगा के स्वच्छता के लिए कुछ करें, मैंने साल 1992-93 में उत्तरकाशी व इसके मध्य हिमालय के विकास का मॉडल बनाने की बात की थी, लेकिन उस समय नहीं बन पाया था. उसके लिए मध्य हिमालय के लिए समावेशी विकास की नीति बननी चाहिए. जिससे हमारा वन अधिकार जीवित रहेगा.
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किशोर उपाध्याय ने कहा कि हम जल के मालिक हैं हमारे पास जल का भंडार है, इसके साथ ही हमारे पास टिहरी झील है. इसके बावजूद भी हमारे बिजली व पानी के बिल महंगे हो रहे हैं. हम लोग सरकार को बहुत कुछ दे रहे हैं. हम इसके बदले कुछ ले नहीं रहे हैं. सरकार उसमें दस, पांच परसेंट भी हमको नहीं देती है, तो हम जंगल क्यों बचाएं, इस मुद्दे पर मैं राष्ट्रपति से निवेदन के साथ पत्र भी लिखूंगा.