टिहरी: विजयादशमी के उपलक्ष्य पर टीएचडीसी द्वारा भागीरथीपुरम में आयोजित रामलीला में महिला सशक्तिकरण की झलक देखने को मिली है. महिलाओं ने सभी पात्रों को निभाते हुए रावण, मेघनाथ और कुभकर्ण का पुतला दहन किया है. सबसे बड़ी बात ये है कि रामलीला का मंचन करने वाली महिला टीम को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामलीला मंचन के लिए आमंत्रित किया है.
रामलीला के सभी पात्रों को निभाती हैं महिलाएं: टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति द्वारा 10 दिवसीय शारदीय नवरात्रि का कार्यक्रम किया गया. जिसमें अनेक कार्यक्रम किए गए. अंतिम दिन भव्य तरीके से महिलाओं द्वारा रामलीला का मंचन किया गया. जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और रावण आदि कलाकारों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे.
रामलीला से एकता की भावना होती है पैदा: टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति द्वारा पिछले कई वर्षों से भागीरथीपुरम में यह कार्यक्रम करते आ रहे हैं. जिससे हम अनेकता में एकता का संदेश देते हैं और इसमें हम पूरे 9 दिन मां दुर्गा की पूजा करते हैं. उत्तराखंड में जिस तरह की संस्कृति से पूजा-अर्चना की जाती है, उसी तरह यह पूजा भी की गई. उन्होंने कहा कि टीएचडीसी में जो लोग बाहर से आए हैं, उन सब में एक भाव और एकता पैदा होती है.
चमोली और रुद्रप्रयाग की महिलाएं करती है रामलीला का मंचन: एलपी जोशी ने कहा कि विजयादशमी का दिन हिंदुस्तान के लिए महत्वपूर्ण दिन है. जिसे हम असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाते हैं. इस दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे. उन्होंने कहा कि रामलीला का मंचन चमोली और रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं द्वारा किया गया है. जिसमें महिला सशक्तिकरण की झलक देखने को मिली है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस रामलीला कमेटी को अयोध्या में रामलीला का मंचन करने के लिए बुलाया गया है.
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टीम में 50 साल के ऊपर की महिलाएं: राम का अभिनय करने वाली महिला ने बताया मैं टिहरी की जनता को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने इतना प्रेम दिया है. साथ ही सीएम योगी का भी आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अयोध्या में रामलीला का मंचन करने का अवसर दिया. उन्होंने बताया कि रामलीला में जितनी भी महिलाएं हैं, उनकी उम्र 50 साल से ऊपर है और आज भी हमारे अंदर कुछ न कुछ करने की हिम्मत है. वहीं, सीता का अभिनय कर रही महिला ने बताया कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि महिलाओं पर पाबंदी न लगाएं. महिलाएं मां दुर्गा का रूप है. उन्होंने कहा कि हम अभी तक 16 रामलीलाओं का मंचन कर चुके हैं.
बेरीनाग में महिलाएं बनीं राम, लक्ष्मण और सीता: रामलीलाओं में अधिकांश पुरुष ही पात्रों की भूमिका में होते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही रामलीलाओं में लड़कियां भी खुलकर अभिनय कर रही हैं. इसी क्रम में बेरीनाग में आयोजित रामलीला में राम, लक्ष्मण, सीता, भरत और सखी का अभिनय लड़कियों द्वारा किया जा रहा है
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