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ग्रामीण बोले- चुनाव में किए वादे भूल जाते हैं प्रत्याशी, पुल के अभाव में नापनी पड़ रही 45 किमी की दूरी

चिन्यालीसौड़ और थौलधार विकासखंड क्षेत्र के लोगों को लंबे समय से आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय निवासी 13 वर्षों से बल्डोगी झूलापुल के बदले नए पुल की मांग कर रहे हैं.  पुल न होने से लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ी है.

टिहरी बांध झील पार करने में लोगों को 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ती है.
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Published : Apr 1, 2019, 3:49 PM IST

टिहरी: चिन्यालीसौड़ और थौलधार विकासखंड क्षेत्र के लोगों को लंबे समय से आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है. पुल न होने से क्षेत्र में रहने वाले करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. जिससे लोगों का समय के साथ काफी धन व्यय होता है. वहीं स्थानीय निवासी 13 वर्षों से बल्डोगी झूलापुल के बदले नए पुल की मांग कर रहे हैं.
लोकसभा चुनावों को दौरान बल्डोगी झूलापुल की मांग फिर जोर पकड़ रहा है. पहले भी चुनाव के वक्त प्रत्याशी चुनावी सभा में छाम-बल्डोगी झूलापुल निर्माण का आश्वासन दे चुके हैं. लेकिन विडंबना देखिए आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया. जिससे लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए लोगों को 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी करनी पड़ती है.


पुल निर्माण का आश्वासन कई दिग्गज नेता दे चुके हैं जिसमें से कई नेता लोकसभा के चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. उनमें से रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हैं. लोगों का कहना है कि चुनाव के बाद नेता अपने चुनावी वादों को भूल जाते हैं. जिससे लोगों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है. जिससे लोगों में खासा आक्रोश है.


स्थानीय लोगों का कहना है कि झील पर आर-पार जाने के लिए एक नाव तो है. लेकिन झील पर हमेशा ही पानी नहीं रहता है जिस कारण नाव से सफर अधिकांश समय बंद ही रहता है. साथ ही बताया कि पुल न होने से उन्हें रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी नापनी पडती है.

टिहरी: चिन्यालीसौड़ और थौलधार विकासखंड क्षेत्र के लोगों को लंबे समय से आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है. पुल न होने से क्षेत्र में रहने वाले करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. जिससे लोगों का समय के साथ काफी धन व्यय होता है. वहीं स्थानीय निवासी 13 वर्षों से बल्डोगी झूलापुल के बदले नए पुल की मांग कर रहे हैं.
लोकसभा चुनावों को दौरान बल्डोगी झूलापुल की मांग फिर जोर पकड़ रहा है. पहले भी चुनाव के वक्त प्रत्याशी चुनावी सभा में छाम-बल्डोगी झूलापुल निर्माण का आश्वासन दे चुके हैं. लेकिन विडंबना देखिए आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया. जिससे लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए लोगों को 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी करनी पड़ती है.


पुल निर्माण का आश्वासन कई दिग्गज नेता दे चुके हैं जिसमें से कई नेता लोकसभा के चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. उनमें से रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हैं. लोगों का कहना है कि चुनाव के बाद नेता अपने चुनावी वादों को भूल जाते हैं. जिससे लोगों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है. जिससे लोगों में खासा आक्रोश है.


स्थानीय लोगों का कहना है कि झील पर आर-पार जाने के लिए एक नाव तो है. लेकिन झील पर हमेशा ही पानी नहीं रहता है जिस कारण नाव से सफर अधिकांश समय बंद ही रहता है. साथ ही बताया कि पुल न होने से उन्हें रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 1 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर की दूरी नापनी पडती है.

Intro:टिहरी बांध झील पर पुल बनाने की मांगBody:टिहरी (धनोल्टी)

स्लग -चुनाव से पहले नेताओं को याद दिलवाये वायदे

एंकर- टिहरी बांध से सबसे अधिक पीड़ा झेल रहा चिन्यालीसौड़ विकासखंड एवं थौलधार विकासखंड के 50 हजार से अधिक आबादी वाला क्षेत्र राजशाही के समय से बने छाम -बल्डोगी झूला पुल डुबने के बाद सुचारू आवागमन के लिए आज भी तरस रहा है ।
क्षेत्र की जनता की छाम- बल्डोगी झूलापुल के बदले पुल की माँग 13 बर्षो बाद भी हुक्मरानों के बड़े बड़े चुनावी वायदो के बाबजूद भी पूरी नही हो पाई । जबकि लगातार जनता की माँग पर विभिन्न चुनावी मौको पर तत्कालीन मुख्यमंत्रीयों रमेश पोखरियाल निशंक , विजय बहुगुणा , हरीश रावत ,व गत विधानसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा चुनावी सभा में छाम -बल्डोगी झूलापुल निर्माण को पूरा करने का वायदा किया था लेकिन चुनाव बीतते ही सभी अपने वायदे भूल गये है जिससे जनता अपने आपको ठगा महसूस कर रही है
जिसके कारण दोनों विकासखंडों के लोगों में दिनों दिन भारी आक्रोश पनप रहा है ।लोगों का कहना है कि झील पर आरपार जाने के लिए वोट तो लगी है लेकिन झील पर स्थाई पानी ना होने के कारण वोट बर्ष भर में अधिकांश समय बंद हो जाती है इसके बाद लोगों को सौदा व्यापार ,शादी ब्याह, नाते रिश्तेदारी, के लिए आर-पार की दूरी 1किलोमीटर के सापेक्ष 45 किलोमीटर तय करनी पड़ती है
Conclusion: विभिन्न चुनावी मौको पर तत्कालीन मुख्यमंत्रीयों रमेश पोखरियाल निशंक , विजय बहुगुणा , हरीश रावत ,व गत विधानसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा चुनावी सभा में छाम -बल्डोगी झूलापुल निर्माण को पूरा करने का वायदा किया था लेकिन चुनाव बीतते ही सभी अपने वायदे भूल गये


लोगों को सौदा व्यापार ,शादी ब्याह, नाते रिश्तेदारी, के लिए आर-पार की दूरी 1किलोमीटर के सापेक्ष 45 किलोमीटर तय करनी पड़ती है
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