टिहरीः कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे बगरधार के पास क्षतिग्रस्त सड़क और नरेंद्र नगर के पास खतरे की जद में आए मकानों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों से नुकसान की जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों को ट्रीटमेंट का प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा. वहीं, लोगों को नुकसान के आधार पर मुआवजा देने की बात भी कही.
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि भारी बारिश से दोगी पट्टी, शीशम झाड़ी, ढालवाला, पाव की देवी के साथ नरेंद्र नगर क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है. कई जगहों पर सड़कें धंस गई तो कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को उनके ट्रीटमेंट का प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं. ताकि, वहां पर सुरक्षात्मक कार्य किया जा सके. इसके अलावा नरेंद्र नगर के आंतरिक सड़कों पर दरार पड़ने से गैप आया है, उसकी भूगर्भीय वैज्ञानिकों से जांच करवाने को कहा गया है.
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 कई जगह से पुस्ता टूटने से पैच गायब हो गया है. इसी तरह बगरधार में भी 3 मीटर सड़क गायब हो गई है. जहां पहाड़ी काट कर सड़क बनाने का काम चल रहा है. सड़क काटते समय कोहरा ज्यादा होने के कारण जेसीबी ऑपरेटर को परेशानियां हो रही है. लगातार पहाड़ी भी दरक रही है. ऊपर से पत्थर आ रहे हैं, फिर भी जेसीबी ऑपरेटर जान जोखिम में डालकर सड़क बनाने में जुटे हैं.
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बता दें कि भारी बारिश के चलते ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे टिहरी जिले में ऋषिकेश से चंबा के बीच जगह-जगह भारी मलबा आने से बंद है. बगरधार में भी करीब तीन मीटर सड़क पूरी तरह से धंस कर गायब हो गई. जिसे बनाने का काम चल रहा है. वाहनों को चंबा-धनोल्टी-मसूरी-देहरादून होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है. बीते दिनों चंबा-टिहरी मार्ग पर टैक्सी स्टैंड के पास भूस्खलन की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई थी. यहां कार के ऊपर मलबा गिर गया था.
चंबा में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट करने की मांगः कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात की और चंबा टैक्सी स्टैंड के पास हुए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट कराने की मांग की. कांग्रेसियों ने मांग की है कि चंबा में आपदा प्रभावित क्षेत्र का जल्द से जल्द भूगर्भीय सर्वे कराया जाए. साथ ही जाखणीधार के टिपरी चौराहे से दुकानों को हटाए जाने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. उनका कहना था कि स्थानीय दुकानदार कई सालों से व्यवसाय कर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं, लेकिन अब उन्हें अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है.