टिहरी: जिले का सबसे बड़ा अस्पताल बौराड़ी जिला अस्पताल है. राज्य सरकार ने जब से इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया है, तब से यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. यहां पर मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर मरीजों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं और जबरदस्ती रेफर कर देते हैं.
बता दें, प्रतापनगर के पप्पूलाल को 5 जुलाई को बौराड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने 10 जुलाई को पप्पूलाल को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया. जैसे ही पप्पूलाल अपने घर पहुंचा, उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई. जिसे सोमवार को फिर जिला अस्पताल लाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने पप्पूलाल का इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल के बाहर लावारिस हालत में छोड़ दिया.
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वहीं जब इस बाबत टिहरी जिलाधिकारी वी. षणमुगम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएमएस को जिला अस्पताल में हो रही लापरवाही पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट मांगी गई है. जिलाधिकारी ने कहा है कि अगर मरीज को रेफर करने की जरूरत पड़ेगी तो करना पड़ेगा.
इस घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. उन्होंने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग की है.