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डॉक्टरों ने इलाज के बजाए मरीज को लावारिस हालत में छोड़ा, पीपीपी मोड के अस्पताल की खुली पोल

बौराड़ी जिला अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. जबरदस्ती रेफर कर दिया जाता है. इस पर टिहरी जिलाधिकारी ने सीएमएस से लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट मांगी है.

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Published : Jul 16, 2019, 12:12 PM IST

जिला अस्पताल, बौराड़ी

टिहरी: जिले का सबसे बड़ा अस्पताल बौराड़ी जिला अस्पताल है. राज्य सरकार ने जब से इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया है, तब से यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. यहां पर मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर मरीजों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं और जबरदस्ती रेफर कर देते हैं.

बता दें, प्रतापनगर के पप्पूलाल को 5 जुलाई को बौराड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने 10 जुलाई को पप्पूलाल को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया. जैसे ही पप्पूलाल अपने घर पहुंचा, उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई. जिसे सोमवार को फिर जिला अस्पताल लाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने पप्पूलाल का इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल के बाहर लावारिस हालत में छोड़ दिया.

रेफर सेंटर बना बौराड़ी जिला अस्पताल.

पढ़ें- एनसीसी अकादमी को लेकर आमने सामने पक्ष-विपक्ष, पूर्व शिक्षा मंत्री ने शुरू किया आंदोलन

वहीं जब इस बाबत टिहरी जिलाधिकारी वी. षणमुगम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएमएस को जिला अस्पताल में हो रही लापरवाही पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट मांगी गई है. जिलाधिकारी ने कहा है कि अगर मरीज को रेफर करने की जरूरत पड़ेगी तो करना पड़ेगा.

इस घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. उन्होंने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग की है.

टिहरी: जिले का सबसे बड़ा अस्पताल बौराड़ी जिला अस्पताल है. राज्य सरकार ने जब से इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया है, तब से यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. यहां पर मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर मरीजों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं और जबरदस्ती रेफर कर देते हैं.

बता दें, प्रतापनगर के पप्पूलाल को 5 जुलाई को बौराड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने 10 जुलाई को पप्पूलाल को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया. जैसे ही पप्पूलाल अपने घर पहुंचा, उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई. जिसे सोमवार को फिर जिला अस्पताल लाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने पप्पूलाल का इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल के बाहर लावारिस हालत में छोड़ दिया.

रेफर सेंटर बना बौराड़ी जिला अस्पताल.

पढ़ें- एनसीसी अकादमी को लेकर आमने सामने पक्ष-विपक्ष, पूर्व शिक्षा मंत्री ने शुरू किया आंदोलन

वहीं जब इस बाबत टिहरी जिलाधिकारी वी. षणमुगम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएमएस को जिला अस्पताल में हो रही लापरवाही पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट मांगी गई है. जिलाधिकारी ने कहा है कि अगर मरीज को रेफर करने की जरूरत पड़ेगी तो करना पड़ेगा.

इस घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. उन्होंने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग की है.

Intro:टिहरी जिला अस्पताल जिले का सबसे बडा अस्पताल हे ओर जब से इस अस्पताल को पीपीमोड में दिया गया हे तब से यह पर मरीजो का इलाज करवाने में अनेको दिक्कतो का सामना करना पड रहा हे साथ ही मरीजो को इलाज के नाम पर कोई सुबिधा नही मिल रही हे ओर यह पर जो भी मरीज इलाज के लिये आता हे उसे हायर सैन्टर रैफर कर दिया जाता हे। जिससे असये दिन यह मरीज परेशान रहते हे




Body:ऐसे ही प्रतापनगर के पप्पुलाल के साथ हुआा जिसकी तबियत 5 जुलाई को खराब हो गई थाी उसे गाव के लोगो ने बीमारी की हालात में जिला अस्पताल बौराडी में लाया गया जहा पर उसका इलाज सही नही हो पाया ओर उसे 10 जुलाई को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया ओर पप्पुलाल जैसे तैसे अपने घर पहुचा ओर आज अचानक फिर इसकी तबियत खराब हो गई ओर जिसे आज सुबह अस्पताल में लाया गया जहा पर पीपीमाड के डाक्टरो ने इलाल करने से मना कर दिया ओर उसके बाद पपुलाल को जनरल वार्ड से लाकर अस्पताल के बहार लावारिश हालात में छोड दिया। ओर यह एक से दो घण्टे लावारिश हालात में छोडकर मानवाता को षर्मकर दिया जबकि डाक्ब्र भगवान का रूप होते हे ओर यह पर डाक्टरो ने अपनी हेवानियत दिखाकर कर इन्सानियत को शर्मशार कर दी।



दो घण्टे बाद परिजनो ने 108 को काल करके पपुलाल को बीमारी की हालात में हायर सेन्टर ले गये





जिला धिकारी वी षणमुगम ने सीएमओ को तत्काल निर्देश दिये हे कि जिला अस्पाताल में हो रही लापरवाही पर कार्यावाही करने के निर्देश दिये हे ओर लापरवाही करने वाले डाक्टरो के खिलाफ रिर्पोट मागी हे।


Conclusion:पपुलाल के मामले में सामाजिक कार्याकताओ ने जिला अस्पताल के लापरवाह डाक्टरो के खिलाफ कडी कार्यावाही की माग की हे साथी ही कहा िकइस अस्पताल को पीपीमाड से हटाकर सरकार अपने हाथो में ले जब पहले सरकार इस अस्पताल को चलाती थी तब यह पनर अच्छा इलाज होता था ओर जब से पीपीमोड में दिया गया हे तब से इस अस्पातला के हालात खराब हो गये हेै ओर पीपीमोड पर काम करने वाले अस्पताल प्रबन्धन को मरीजो के साथ अच्छा व्यवहार नही करते हे।



बाइट पपुलाल मरीज

बाइट शीशपाल मरीज का भाई

बाइट मुरारीलाल सामाजिक कार्याकर्ता

बाइट खुुम सिह भाजपा कार्याकर्ता

बाइट वी षण्मुगम जिलाधिकारी टिहरी

पीटीसी अरबिन्द नोटिया
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